नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में भगवान गणेश का 10 दिवसीय उत्सव 7 सितंबर से शुरू होने वाला है। गणेश भगवान की उपासना करने से हर कार्य सिद्ध होते हैं। साथ ही ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 2 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्याकाल 5 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि अनुसार, 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी व्रत रखा जाएगा व मूर्ति स्थापना की जाएगी।
स्थापना मुहूर्त
7 सितंबर, 2024 शनिवार को सुबह 10. 51 मिनट से दोपहर 1. 21 मिनट तक गणपति बप्पा की स्थापना कर सकते हैं। यह अवधि कुल 2. 30 मिनट की है। श्री गणेश चतुर्थी पर विशेष संयोग बन रहा है। चित्रा और स्वाति नक्षत्र के युग्म संयोग और ब्रह्म योग में पूजन आरंभ होगा और भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानी अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर को शतभिषा नक्षत्र में संपन्न होगा।
इन दिशा का रखें ध्यान
- कानपुर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं.मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि श्री गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की मूर्ति घर पर स्थापना करते हैं, तो दिशा का ध्यान जरूर रखें। भगवान की मूर्ति सही दिशा में व सही विधि से स्थापित करना महत्वपूर्ण माना जाता है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की मूर्ति को घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना चाहिए। यदि ईशान कोण में रिक्त स्थान उपलब्ध ना हो तो मूर्ति को पूर्व, पश्चिम या उत्तर दिशा में भी स्थापित कर सकते हैं।
- गणपति की बैठी हुई मुद्रा और बाईं ओर झुकी हुई सूंड वाले गणेश जी को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। माना जाता है कि गणपति की ऐसी मूर्ति लाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- गणपति की मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि बप्पा की मूर्ति में मूषक जरूर हो और उनके हाथ में मोदक भी हो। इस तरह की मूर्ति लाना भी बेहद शुभ माना जाता है। मोदक गणेश भगवान को बेहद प्रिय होता है वहीं मूषक उनका वाहन है।
- भगवान गणेश की सिंदूर के रंग की प्रतिमा घर में लाना उत्तम माना जाता है। गणपति के इस रंग की प्रतिमा घर में लाने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। वहीं सफेद रंग की गणेश प्रतिमा लाने घर में खुशहाली बनी रहती है।
ये चीजें भगवान गणेश को जरूर चढ़ाएं
बौद्धिक ज्ञान के देवता कहे जाने वाले गणपति के आशीर्वाद से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है। इसीलिए भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा से आराधना करते हैं। भक्त गणपति की पूजा करते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं, ताकि उनसे कोई गलती ना हो जाएं।
लेकिन अक्सर जानकारी न होने के अभाव में वे भगवान गणेश जी को ये कुछ चीजें चढ़ाना भूल जाते हैं। पहला मोदक का भोग और दूसरा दूर्वा (एक प्रकार की घास) और तीसरा घी। ये तीनों ही गणपति को बेहद प्रिय हैं। इसलिए जो भी व्यक्ति पूरी आस्था से गणपति की पूजा में ये चीजें चढ़ाता है तो उस व्यक्ति को गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।