बच्चे बड़े उत्साहित थे, इस बार उन्हें पिकनिक पर पास के वाइल्डलाइफ नेशनल पार्क ले जाया गया। मास्टर जी बच्चों के साथ थे और बीच-बीच में उन्हें जंगल और वन्य जीवों के बारे में बता रहे थे। वे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे कि तभी गाइड ने सभी को शांत होने का इशारा करते हुए कहा, आप लोग बिलकुल चुप हो जाइए और उस तरफ देखिए। एक मादा जिराफ अपने बच्चे को जन्म दे रही है। मादा जिराफ बहुत लंबी थी और जन्म लेते हुए बच्चा करीब दस फुट की ऊंचाई से जमीन पर गिरा और गिरते ही अपने पांव अंदर की तरफ मोड़ लिए। इसके बाद मां ने सर झुकाया और बच्चे को देखने लगी। सभी लोग बड़ी उत्सुकता से ये सब होते देख रहे थे की अचानक ही कुछ अप्रत्याशित सा घटा। मां ने बच्चे को जोर से एक लात मारी और बचा अपनी जगह से पलट गया। एक बार फिर मां ने उसे जोर से लात मारी। इस बार बच्चा उठ खड़ा हुआ और डगमगा कर चलने लगा। धीरे-धीरे मां और बच्चा झाड़ियों में ओझल हो गए। उनके जाते ही बच्चों ने पुछा, सर, वह जिराफ अपने ही बच्चे को लात क्यों मार रही थी? मास्टर जी बोले, बच्चो, जंगल में शेर-चीतों जैसे बहुत से खूंखार जानवर होते हैं; यहां किसी बच्चे का जीवन इसी बात पर निर्भर करता है की वह कितनी जल्दी अपने पैरों पर चलना सीख लेता है। अगर उसकी मां उसे इसी तरह पड़े रहने देती और लात नहीं मारती तो शायद वह अभी भी वहीं पड़ा रहता और कोई जंगली जानवर उसे अपना शिकार बना लेता। बच्चो, ठीक इसी तरह से आपके माता-पिता भी कई बार आपको डांटते-डपटते हैं, उस वक्त तो यह सब बहुत बुरा लगता है, पर जब आप बाद में पीछे मुड़कर देखते हैं तो कहीं न कहीं ये एहसास होता है की मम्मी -पापा की डांट की वजह से ही आप लाइफ में कुछ बन पाए हैं। इसलिए कभी भी अपने बड़ों की सख्ती को दिल से न ले।
What’s your Reaction?
+1
+1
+1
+1
+1
+1
+1