Thursday, April 18, 2024
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महिलाओं को टिकट देना महत्‍वपूर्ण नहीं महिलाओं का उत्‍थान जरूरी: विमला बाथम

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  • महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस रही है फिसड्डी
  • साल 2017 के चुनावों में महिलाओं को राजनीति की मुख्यधारा से जोड़ने में बीजेपी अव्वल
  • पिछले चुनावों में विपक्षी पार्टियों ने की महिलाओं की उपेक्षा, बीजेपी के मुकाबले कम दी सीटें

जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ: विधानसभा चुनावों में आधी आबादी के वोटों को अपनी ओर लुभाने के लिए विपक्षी पार्टियां नए दांव चल रही हैं। महिला आयोग की अध्‍यक्ष विमला बाथम ने गुरुवार को महिला वोटरों को लुभाने की इस नीति पर कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले चुनावों में विपक्षी पार्टियों की अपेक्षा अधिक महिला उम्‍मीदवारों को टिकट दिए।

उन्‍होंने कहा कि बीजेपी में चुनावों के लिए नहीं महिलाओं का समर्थन करती बल्कि संगठन में भी 35 प्रतिशत से अधिक महिलाएं सक्रिय हैं। उन्‍होंने कहा कि केवल महिलाओं को टिकट देना ही महत्‍वपूर्ण नहीं है। सामाजिक परिवेश में उनकी भागीदारी को बढ़ाना ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है।

रोजगार, शिक्षा, अधिकार, सुरक्षा समेत दूसरे मुद्दों पर महिलाओं को मजबूत करना बेहद जरूरी है जिसपर बीजेपी लगातार काम कर रही है। चुनावी दौर में सिर्फ महिला वोटरों को लुभाने के लिए विपक्षी पार्टियों की ओर से चले जा रहे इन दांव का असर जमीनी स्‍तर पर फीका होना वाला है।

महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस का पिछला रिकॉर्ड सबसे खराब रहा है। अगर साल 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो महिलाओं को टिकट देने के मामले में कांग्रेस फिसड्डी रही है।

इस मामले में कांग्रेस से आगे बीजेपी रही थी। पिछली बार हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 46 महिलाओं को टिकट दिया था जो कि 12 प्रतिशत है। महिलाओं को टिकट देने के मामले में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस तीसरे नंबर पर थी जिसने कुल 12 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया था।

महिलाओं के उत्‍थान में हुए 2017 के बाद जमकर काम

विमला बाथम ने कहा कि पांच साल के दौरान यूपी में शिक्षा, स्वास्थ्य, कारोबार और रोजगार सहित सभी क्षेत्रों में बेहतर कार्य हुआ है। प्रदेश सरकार ने केवल चुनावों में नहीं बल्कि पांच सालों में महिलाओं के उत्‍थान के लिए जमकर काम किया है। उज्‍ज्‍वला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, शबरी संकल्‍प अभियान, महिला शक्ति केन्‍द्र, किशोरी बालिका योजना, मुख्‍यमंत्री सश्रम सुपोषण योजना, सखी सेंटर, महिला हेल्‍पलाइन 1090, मिशन शक्ति, घरौनी योजना, मातृ वंदना योजना, कन्‍या सुमंगला योजना, एंटी रोमियो स्क्वॉड, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मुख्‍यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, स्‍वामित्‍व योजना के तहत सीधे तौर पर महिलाओं को लाभ मिला है।

2017- किस पार्टी ने कितने महिला उम्मीदवार उतारे

बीजेपी – 46 (12%)

सपा – 34 (11%)

बसपा – 21(5%)

कांग्रेस – 12 (10%)

आरएलडी – 27 (10%)

अपना दल – 2 (18%)

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