- महमूदपुर गढ़ी में वक्त पर स्कूल नहीं पहुंच रहे शिक्षक
- शिक्षकों की हठधर्मिता से बच्चों का भविष्य चौपट होने के आसार
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: शिक्षा विभाग के कारिंदों की हठधर्मिता ने योगी सरकार के शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के दावों को पलीता लगा रखा है। अध्यापन छोड़िए, मठाधीश शिक्षक वक्त पर स्कूल में नहीं पहुंच पा रहे हैं। इससे घंटों शिक्षकों का इंतजार करते नौनिहालों का भविष्य चौपट होने के आसार हैं। सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने जिले से लेकर ग्रामीण स्तर तक तमाम मॉनीटरिंग अधिकारी तैनात कर रखे हैं।
जिनके भारी भरकम वेतन पर सरकार हर माह लाखों रुपये का बजट खर्च कर रही है। सरकार शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान, एमडीएम, किताबों व ड्रेस पर पानी की तरह पैसा बहा रही है। जूनियर विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनुदेशक व विषय विशेषज्ञों की तैनाती भी है, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है।
सरकारी स्कूलोंकी ओर बच्चों का रूझान कम होता जा रहा है। आए दिन शिक्षा के स्तर में कमी रही है। जिसके लिए शिक्षक जिम्मेवार है। शिक्षकों के सहयोग के बिना प्राइमरी स्तर की शिक्षा में सुधार संभव नहीं। क्षेत्र में शिक्षकों व शिक्षाधिकारियों की उदासीनता से परिषदीय विद्यालयों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह है कि कहीं समय से शिक्षकों के न पहुंचने से स्कूल नहीं खुलता तो कहीं बच्चे ही नहीं आ रहे हैं। कहीं विद्यालय में मिड-डे मील नहीं बन रहा है तो कहीं किताबों के न मिलने से पुरानी किताबों से पठन-पाठन कार्य चल रहा है।
योगी सरकार का संकल्प, शिक्षा व्यवस्था का हो कायाकल्प जैसे स्लोगनों के साथ प्रदेश सरकार प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के भरपूर प्रयास कर रही है। स्कूल चलो जन जागरूकता अभियान के निर्देश के साथ सीएम आदित्यनाथ योगी ने खजाना खोलते हुए सभी प्राइमरी स्कूलों के डिजिटलाइजेशन, प्रत्येक स्कूल को दो टेबलेट उपलब्ध कराने और शिक्षकों को हाईटेक कर कैशलैस बीमे की सौगात दी है।
मंशा यह है कि शैक्षिक गुणवत्ता में सरकारी स्कूल, प्राइवेट स्कूलों को टक्कर दें, लेकिन इसके बावजूद कुछ मठाधीश शिक्षकों की हठधर्मिता सरकार के दावों को पलीता लगा रही है। अध्यापन तो दूर शिक्षक वक्त पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। सोमवार सुबह 9:00 बजे महमूदपुर गढ़ी के प्राथमिक विद्यालय में यही दृश्य देखने को मिला। यहां तालाबंद मुख्यद्वार पर बैग लटकाए कुछ बच्चे शिक्षकों के इंतजार में खड़े मिले।
पूछने पर कक्षा पांच के यश, देवेंद्र, शारदा ने बताया कि उनके स्कूल में अंकुर, परविंद्र कुमार और कुलदीप सिंह सर मवाना व मेरठ से साढ़े नौ-दस बजे तक आते हैं और साढ़े 12 बजे छुट्टी कर लौट जाते हैं। शिक्षक प्रतिदिन आते हैं प्रश्न पर कक्षा चार के गगन, कक्षा पांच के प्रिंस ने बताया कि एकाध शिक्षक छुट्टी पर भी रहते हैं।कक्षा एक के संदीप आदित्य ने भी गगन की बात पर सहमति जताई। जबकि स्कूल में शिक्षकों का निर्धारित समय सुबह 7:30 से दोपहर 1:30 बजे है।
बोले-अधिकारी
शिक्षकों की लेटलतीफी पर बीएसए योगेंद्र सिंह का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बोले-इंचार्ज
स्कूल में देरी से पहुंचने को लेकर जब इंचार्ज सहायक अध्यापक अंकुर से बात की गई तो उन्होंने बताया गया वह इस स्कूल में 11 साल से तैनात हैं। मेरठ से कार द्वारा सहायक अध्यापक कुलदीप के साथ रोजाना स्कूल जाते हैं। रास्ता खराब होने के कारण देर हो जाती है।