Wednesday, May 14, 2025
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महंगाई में सरकार की दिव्यांग पेंशन योजना ऊंट के मुंह में जीरा

  • जिले के कुल 14 हजार 743 दिव्यांगों को हर महीने पेंशन के रूप में दिये जा रहे मात्र एक हजार रुपये
  • आर्थिक तंगी के कारण दिव्यांग नहीं करा पा रहे मोटरराइज ट्राइसाइकिल की मरम्मत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कमर तोड़ महंगाई के दौर में सरकार की ओर से दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन योजना ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। वर्तमान में प्रत्येक दिव्यांग को आर्थिक सहायता के रूप में हर महीने मात्र एक हजार रुपये इस योजना के तहत जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के माध्यम से शासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो बहुत कम हैं। जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अनिल त्यागी से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मेरठ जिले में कुल 14 हजार 743 दिव्यांग इस योजना के तहत पेंशन पाने के लिये पात्र हैं, जिन्हें विभाग के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021-22 मार्च तक की पेंशन की धनराशि शासन की ओर से उपलब्ध करा दी गई हैं।

जिले के कुल दिव्यांगों की संख्या में पुरुष 10 हजार 882 व महिलाएं तीन हजार 861 हैं। महंगाई ने जहां आम जनता की कमर तोड़ दी हैं। वहीं, दिव्यांग जैसे असहाय लोगों का क्या हाल होगा? यह हर किसी को ध्यान में रखना होगा, क्योंकि यह भी समाज का ही अंग है। उनके उत्थान के लिये जहां सरकार को सोचना होगा। वहीं, सामाजिक संगठनों को भी आगे आना होगा। जिले के पेंशनभोगी दिव्यांगों का कोई आय का साधन भी नहीं है, इसलिये हर महीने मात्र एक हजार रुपये से जैसे-तैसे वह अपना गुजारा कर रहे हैं।

दिव्यांगों की आर्थिक एवं अन्य समस्याओं के बारे में दिव्यांग जनकल्याण समिति समय-समय पर आवाज उठाती रही है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष अमित शर्मा का कहना है कि जो पेंशन उन्हें मिल रही है। उससे आज के दौर में गुजारा करना बहुत मुशकिल है, उन्होंने कहा कि हर महीने प्रत्येक दिव्यांग को मिलने वाली एक हजार रुपये पेंशन बढ़ाकर सरकार द्वारा तीन हजार रुपये किये जाना चाहिए। दिव्यांगों की दूसरी मुख्य समस्या हैं, खराब पड़ी मोटरराइज ट्राइसाइकिल की मरम्मत कराना, क्योंकि दिव्यांग पहले से ही आर्थिक तंगी का जीवन गुजार रहे हैं।

ऐसी दशा में दिव्यांगों के पास पैसे तक नहीं है, जो मरम्मत करा लें। बताया जाता है कि भारत सरकार की एडीआईपी योजना के तहत सांसद निधि के माध्यम से पूर्व में जिले के 252 दिव्यांगों को यह मोटरराइज ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई गई थी। जिसकी वारंटी एक वर्ष थी। इस बीच उसके खराब होने पर विभाग के माध्यम से ठीक कराई गई, लेकिन वारंटी की अवधि समाप्त होने पर जिले में 252 मोटरराइज में से करीब 100 इस समय खराब हालत में हैं।

इस सम्बंध में जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी अनिल त्यागी का कहना है कि विभाग की जिम्मेदारी वारंटी तक थी अब दिव्यांगों को स्वयं अपने खर्चे पर ही मोटरराइज ट्राइसाइकिल की मरम्मत करानी होगी। जबकि उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण वह उनकी मरम्मत कराने में असमर्थ हैं। इस संबंध में दिव्यांग जितेन्द्र सिंह, नीरज, राजेश, गोपाल, मुईनुद्दीन का कहना है कि दिव्यांगों का आर्थिक तंगी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इनकी मरम्मत करानी चाहिए।

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