Friday, January 24, 2025
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बढ़ रहे संक्रमित, लेकिन बेड की किल्लत बरकरार

  • ज्यादातर मरीजों को किया जा रहा है होम आइसोलेट
  • मेडिकल में 250, सुभारती और एमवाईएस मेडिकल में मात्र 400-400 बेड
  • गंभीर मरीजों के इलाज से काट रहे कन्नी, शिफ्ट कर दिए जाते हैं मेडिकल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तो तेजी से बढ़ रही है, लेकिन उसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की ओर से संक्रमितों के लिए बेडों की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं करायी जा रही है।

ज्यादातर मरीजों के होम आइसोलेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा साधन संपन्न मरीज बजाए सरकारी अस्पतालों के प्राइवेट में इलाज करा रहे हैं।

जिसके कारण मेडिकल समेत बाकी अन्य सरकारी आइसोलेशन वार्ड में अब भी बड़ी मात्रा में बेड खाली हैं। वहीं, दूसरी ओर गंभीर या फिर एल-3 टाइप के मरीजों को लेकर प्राइवेट मेडिकलों को लेकर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं। आरोप है कि ऐसे ज्यादातर मरीज एलएलआरएम मेडिकल शिफ्ट कर दिए जाते हैं।

आठ दिन में नए मरीजों की संख्या हजार से पार

सितंबर माह की एक तारीख से आठ तारीख तक यदि नए संक्रमित मरीजों की बात की जाए तो ये आंकड़ा एक हजार से पार जा पहुंचा है। आठ दिन में कुल 1089 नए संक्रमित पाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ही नहीं बल्कि निजी प्राइवेट चिकित्सक भी आठ दिन में मेरठ की आबादी के अनुपात में यह आंकड़ा चिंताजनक मानते हैं। उनका तो यहां तक भी कहना है कि ये तो वो संख्या है जो डिटेक्ट कर ली गयी। संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है।

होम आइसोलेशन पर शासन का जोर

दरअसल होम आइसोलेशन को लेकर शासन का जोर है। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य की ओर से इस संबंध में प्रदेश भर के सीएमओ को भेजे गए पत्र में होम आइसोलेशन के निर्देश दिए हैं।

पत्र में कहा गया है कि जो मरीज होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। जिनके पास अलग से कमरे व बाथरूम हैं, उन्हें होम आइसोलेशन में रखा जाए। केवल लेबल-3 मरीज वेंटिलेटर की जिन्हें जरूरत पड़ती हैं, उन्हें सरकारी अस्पतालों में आइसोलेट किया जाए।

प्राइवेट इलाज को तरजीह

संक्रमित नए मरीजों में जो साधन संपन्न है वो प्राइवेट इलाज को अधिक तरजीह दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो प्राइवेट इलाज को लेकर सरकार की ओर से रेट तय कर दिए जाने के बाद संक्रमित पाए जाने वाले मरीजों में बड़ी संख्या में ऐसे हैं जो प्राइवेट उपचार करा रहे हैं। मेरठ में कई ऐसे अस्पताल हैं, जहां प्राइवेट इलाज की सुविधा दी जा रही है।

सरकार न माने, लेकिन हालात खतरनाक

Shishir

आईएमए के स्टेट सेक्रेटरी डा. शिशिर जैन का कहना है कि पांच हजार से ऊपर जिस संख्या की बात की जा रही है। उसमें एक्टिव केस सिर्फ एक हजार हैं। इसके अलावा कोरोना अब पहले जैसा धारदार नहीं रहा। एल-1 व एल-2 मरीजों को घर में रहने की इजाजत है। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में हैं। बड़ी संख्या में दिल्ली व गाजियाबाद भी इलाज के लिए जा रहे हैं।

अभी और बढेगी संक्रमितों की संख्या

SK Garg

मेडिकल के पूर्व प्राचार्य डा. एसके गर्ग का कहना है कि संक्रमितों की संख्या में तेजी का शुरूआती दौर है। अभी संक्रमितों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ने वाली है। यह स्थिति पूरी तरह से कम्युनिटी स्प्रेड सरीखी है, यह बात अलग है कि सरकार इसको माने को तैयार नहीं।

मेडिकल के पास पर्याप्त क्षमता

SK Garg 1

मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि पिछले आठ दिन में एक हजार से ज्यादा केस आए हैं। ये बात सही है। मेडिकल की कुल क्षमता 250 बेड के आइसोलेशन की है, लेकिन अभी 130 बेड ही फुल हैं, बाकी बेड खाली हैं। मेडिकल के पास अभी पर्याप्त क्षमता है।

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