- समान सेवा समान वेतन की लंबे समय से मांग कर रहे प्रांतीय रक्षक दल के जवान
- लोक संकल्प पत्र में वेतनमान बढ़ाए जाने की सीएम से की जा रही अपेक्षा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पुलिस बल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ड्यूटी देने के मामले में होमगार्ड और पीआरडी के जवान बराबर की भूमिका निभाते हैं, लेकिन मानदेय के मामले में पीआरडी के जवान काफी पिछड़ रहे हैं। हालांकि उनके हौसले कायम हैं और सीएम योगी आदित्यनाथ से उम्मीद भी लगी है कि लोक संकल्प पत्र में उनकी अपेक्षाओं को अवश्य पूरा करेंगे।
युवा कल्याण मंत्रालय और पीआरडी से जुड़े विभाग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही पास हैं। अपने पहले कार्यकाल के अंतिम पहर यानि जनवरी 2022 में उन्होंने पीआरडी के जवानों को उनकी ड्यूटी का मानदेय 375 से बढ़ाकर 395 रुपये करने की घोषणा की थी।
उस समय भी पीआरडी के जवानों ने उनका ध्यान इस ओर दिलाया था कि होमगार्ड के जवानों को ड्यूटी का मानदेय 795 रुपये मिलता है। पीआरडी के जवान भी उन्हीं के समान पुलिस के साथ मिलकर अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं। समान सेवा समान वेतन की नीति को लागू करते हुए सीएम से मानदेय में वृद्धि की मांग बराबर की जाती रही है।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की जनता ने दोबारा सत्ता की कमान सौंपी है। जिसमें सरकार के स्तर से लोक संकल्प पत्र जारी किया गया है। इस लोक संकल्प पत्र को लेकर पीआरडी के जवानों को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उन्हें निराश नहीं करेंगे। इस बारे में जिला युवा कल्याण अधिकारी डा. सलोनी गर्ग का कहना है कि पीआरडी के जवानों को होमगार्ड के समान मानदेय न मिलने के पीछे एक कारण प्रमुख है।
दरअसल, इन जवानों को वालियंटर के रूप में भर्ती किया जाता है। हालांकि सरकार के स्तर से इस दिशा में कई प्रयास किए गए हैं। इसी क्रम में करीब तीन माह से पीआरडी के जवानों के संबंध में डेटा पोर्टल पर डालकर आॅनलाइन करने की प्रक्रिया प्रदेश भर में जारी है।
मेरठ में करीब तीन हजार जवान ट्रेंड हैं, जिनके सत्यापन का काम भी तेजी से किया जा रहा है। जिले में अब तक 360 जवानों के अभिलेखों का सत्यापन हो चुका है। सत्यापन के लिए आवेदन की प्रक्रिया अभी 22 जुलाई तक जारी रहेगी। जिसमें 22 दिवसीय ट्रेनिंग, शिक्षा प्रमाण पत्र कार्यालय में लाकर सत्यापन का कार्य कराया जा सकता है।