आज की तेजी से बदलती जीवन शैली ने मनुष्य की दैनिक जीवनचर्या को पूरी तरह से अव्यवस्थित करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी है। न खाने का कोई समय है न सोने का और न ही जागने का। यही कारण है कि आज युवा भी जीवन शैली से उत्पन्न बीमारियों मधुमेह , रक्तचाप , मोटापा , हृदय रोगों के शिकार बन रहे है।
हमारी आराम परस्त जीवन शैली में जो समस्याएं सामान्यत: देखने को मिलती है वो है मोटापा और शरीर में उच्च कैलोरी की शिकायत। कैलोरी अर्थात हम भोजन के रूप में जो भी खाद्य पदार्थ प्रयुक्त करते हैं जैसे वसा , काबोर्हाइड्रेट प्रोटीन आदि अलग अलग मात्रा में ऊर्जा का उत्पादन शरीर में करते हैं । इस ऊर्जा को मापने की इकाई को कैलोरी कहते है। शरीर सुचारू रूप से कार्य करता रहे इसके लिए हम ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
जैसे सामान्य औसत आयु के पुरुषों के लिए आवश्यक मात्रा 2800 से 2900 कैलोरी तक हो सकती है। जबकि महिलाओं में लगभग 2200 से 2300 कैलोरी तक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । विशेषज्ञों की माने तो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन 500 कैलोरी ऊर्जा की खपत होना जरूरी है ।इस अतिरिक्त कैलोरी को खर्च करने के लिए हम कई तरह के उपाय करते हैं जैसे जिम में जाना, जिम में व्यायाम आदि करने से कैलोरी को बर्न करने की कोशिश करते हैं।
अगर घर परिवार के छोटे-छोटे कार्यों को हम स्वयं कर लें तो दोगुना लाभ हो सकता है। एक तो अतिरिक्त ऊर्जा खपत के लिए महंगे उपाय नहीं करने पड़ेंगे, दूसरा घर के इन कामों के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। अर्थात स्वास्थ्य भी और पैसे की भी बचत। घर के छोटे-मोटे घरेलू कार्यों में हाथ बंटाया जाए तो शरीर की अतिरिक्त ऊर्जा की खपत अपने आप हो सकती है।
एक उपलब्ध जानकारी के अनुसार एक 65- 70 किलो वजन का व्यक्ति यदि 30 मिनट तक दैनिक कार्य करता है तो अपने शरीर की कितनी ऊर्जा खर्च कर सकता है जैसे कंप्यूटर पर कार्य करने में 50 से 52 कैलोरी, हल्का आॅफिस कार्य में 50 से 57 कैलोरी, डस्टिंग में 75 कैलोरी, सामान्य खरीदारी में 130 कैलोरी, जेगिंग में 247 कैलोरी, टेनिस में 280 कैलोरी, घर में बच्चों के साथ खेलने में 150 कैलोरी, सोने में 23 कैलोरी , पंक्ति में खड़े होना 47 से 48 कैलोरी, टी वी देखने में 28 कैलोरी इसके अतिरिक्त 10 मिनट की दौड़ से लगभग 114 से 115 कैलोरी खर्च होती है।
एक सब्जी बनाने की प्रक्रिया में सब्जी काटने से लेकर पकाने तक अनुमानत: 90 से 100 कैलोरी ऊर्जा की खपत हो जाती है। यदि हम अपनी कार स्वयं धोते हैं तो मांसपेशियों के व्यायाम के साथ-साथ 30 मिनट में लगभग 145 कैलोरी ऊर्जा खर्च हो जाती है। यही कार धुलवाने में हमे सर्विस स्टेशन को भुगतान करना पड़ता है। नहाने के दौरान हम प्रति मिनट 2 कैलोरी ऊर्जा खर्च करते हैं। यदि नहाने में 10 से 15 मिनट का समय लगाते हैं तो हम 20 से 30 कैलोरी अतिरिक्त ऊर्जा से छुटकारा पा सकते हैं।
घर में टाइल्स आदि को हाथों से रगड़ कर साफ करने में 7 कैलोरी ऊर्जा प्रति मिनट खर्च होती है। आपने यदि 10 मिनट भी यह कार्य कर लिया तो समझिए मासपेशियों के व्यायाम के साथ 70 कैलोरी ऊर्जा से छुटकारा भी मिल जाएगा। सीढ़ियां पर आने जाने में 9 कैलोरी प्रति मिनट ऊर्जा व्यय होता है, कपड़ों को इस्त्री करने में 70 से 80 कैलोरी, बर्तन धोने में लगभग 9 कैलोरी प्रति मिनट, झाड़ू से सफाई करने में 150 कैलोरी ऊर्जा की, खिड़की दरवाजों को सफाई आदि में 4 कैलोरी प्रति मिनट , अपने घर के गार्डन में माली की जगह स्वयं काम करने में 10 कैलोरी प्रति मिनट के हिसाब से ऊर्जा खपत की जा सकती है, 10 मिनट की तैराकी में 55 कैलोरी ऊर्जा व्यय होती है।
ये कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनके लिए एक तरफ तो हम घरों में वेतन पर नौकर, आया, माली रखते है, उन्हें भुगतान करते हैं। दूसरी तरफ इन कामों को न करने से अपने शरीर में अतिरिक्त कैलोरी के साथ साथ मोटापा, डायबिटीज जैसी बीमारियों को आमंत्रण देते हैं।
अपने घर के कार्य करने में कैसी शर्म। यदि हम ‘स्टेटस सिंबल’ के नाम पर लोक दिखावे को त्याग कर, घर के छोटे मोटे कार्य स्वयं करने लगें तो जीवन शैली से संबंधित उत्पन्न होने वाली कई समस्यायों से बहुत हद तक बचा जा सकता है। साथ ही ऐसा करके हम अतिरिक्त पैसा खर्च होने से भी बचा सकते है। पर ध्यान देने योग्य बात है इन कार्यों के लिए आपका स्वस्थ होना जरूरी है तथा इन कार्यों को करने में आपको किसी प्रकार की शारीरिक या मानसिक समस्या न आती हो।
-राजेंद्र कुमार शर्मा
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