Home National News Mock Drill In India: मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय की High Level Meeting,सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारियों की समीक्षा

Mock Drill In India: मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय की High Level Meeting,सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारियों की समीक्षा

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Mock Drill In India: मॉक ड्रिल को लेकर गृह मंत्रालय की High Level Meeting,सिविल डिफेंस तंत्र की तैयारियों की समीक्षा

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: देशभर में 7 मई, बुधवार को प्रस्तावित सुरक्षा मॉक ड्रिल को लेकर केंद्र सरकार सतर्क और सक्रिय नजर आ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीजी, सिविल डिफेंस, डीजी, एनडीआरएफ, और अन्य वरिष्ठ सुरक्षा व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।

सिविल डिफेंस तंत्र को मजबूत करने की रणनीति

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बैठक में सिविल डिफेंस तंत्र को मजबूत करने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके बाद पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव को देखते हुए, इस मॉक ड्रिल को विशेष रूप से अहम माना जा रहा है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े राज्यों के अधिकारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में देशभर के मुख्य सचिव और सिविल डिफेंस विभाग के प्रमुख अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। सभी राज्यों को अलर्ट पर रहने और मॉक ड्रिल के दौरान जन सुरक्षा, आपात प्रबंधन और समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

देशभर में कल राष्ट्रव्यापी सुरक्षा तैयारी अभ्यास किया जाएगा। अभ्यास मुख्य रूप से हवाई हमले के सायरन और ब्लैकआउट जैसी स्थितियों की तैयारी पर केंद्रित होगा। मंगलवार को गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2010 में अधिसूचित 259 नामित नागरिक सुरक्षा जिलों पर विशेष ध्यान दिया गया।

इन जिलों में होगी तैयारी

राजस्थान, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे सीमावर्ती राज्यों में स्थित इन जिलों को अभ्यास करने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक सक्रिय हैं। ये नियमित रूप से यातायात और भीड़ प्रबंधन सहित नागरिक कर्तव्यों में लगे रहते हैं। भारत की नागरिक सुरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से स्वैच्छिक आधार पर संचालित होती है, जिसे वेतनभोगी कर्मियों के एक छोटे से समूह की ओर से नियंत्रित किया जाता है। आपात स्थिति के दौरान इसे बढ़ाया जाता है।

ना​गरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए?

बैठक में यह भी देखा जा रहा है कि आपातकालीन हालात में नागरिकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए। हवाई हमले के सायरन के प्रति जनता की प्रतिक्रिया, ब्लैकआउट के दौरान की जाने वाली कार्रवाई और आवश्यक आपूर्ति की तैयारियों पर भी बात की गई। अधिकारियों ने संभावित इलेक्ट्रॉनिक विफलता के लिए तैयार रहने के लिए घरों में चिकित्सा किट, मशालें, मोमबत्तियां और नकदी रखने की जरूरत पर जोर दिया।