नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल इस समय एक नए विवाद का सामना कर रहे हैं, जो उनकी फिल्म एल 2 एम्पुरान की रिलीज से जुड़ा नहीं है, बल्कि एक व्यक्तिगत धार्मिक यात्रा से संबंधित है। 18 मार्च को मोहनलाल को सबरीमाला मंदिर में प्रार्थना करते हुए देखा गया, जहां उन्होंने अपने करीबी दोस्त और साथी अभिनेता ममूटी के लिए आशीर्वाद मांगा। इस यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, और इसमें उनका एक हिंदू सुपरस्टार होते हुए अपने मुस्लिम दोस्त के लिए मंदिर में प्रार्थना करना चर्चा का विषय बन गया।
कुछ लोगों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, इसे दोस्ती और धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक मानते हुए, जबकि दूसरों ने इसका विरोध किया। आलोचकों का कहना था कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और धर्म के मामलों में अभिनेता को ऐसी बातें सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए।
विवाद क्यों शुरू हुआ?
बतद दें कि मोहनलाल और ममूटी दोनों ही सुपरस्टार हैं, जो तीन दशकों से ज्यादा समय से एक-दूसरे के दोस्त हैं। दोनों ने करीब 16 फिल्मों में साथ काम किया है। हाल ही में जब 73 वर्षीय ममूटी बीमार पड़े, तो मोहनलाल ने केरल के प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर का दौरा किया। हालांकि, उनकी यात्रा की रसीद सोशल मीडिया पर लीक हो गई और इससे आस्था को लेकर विवाद शुरू हो गया। ममूटी के जन्म के नाम मुहम्मद कुट्टी पर लीक हुई रसीद ने लोगों के एक वर्ग को यह सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया कि क्या किसी गैर हिंदू धर्म के व्यक्ति के लिए मंदिर में प्रार्थना करना सही है।
धर्म के खिलाफ किया काम
हालांकि सिर्फ मोहनलाल पर ही मंदिर में अपने दोस्त के लिए प्रार्थना करने पर आपत्ति जताई जा रही है। पहला तर्क मोहनलाल को टार्गेट करता हुआ है, जहां उन्हें हिंदू देवता की पूजा करने और अपने दोस्त की बेहतरी की कामना करने के लिए धर्म विशेष समुदाय से माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है। दूसरा तर्क यह है कि अगर ममूटी ने अपने दोस्त से मंदिर में उनके लिए प्रार्थना करने के लिए कहा तो उन्होंने अपने धर्म के खिलाफ काम किया।
मोहनलाल ने इस मामले पर कहा
मोहनलाल ने मंदिर में अपनी यात्रा और अपने बीमार दोस्त के लिए पूजा करने के बारे में मीडिया से बात की। चेन्नई में अपनी फिल्म के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस मामले के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अपने मित्र के लिए आशीर्वाद लेने में कुछ भी गलत है और यह पूरी तरह से उनका निजी निर्णय है, जिस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जानी चाहिए।