जनवाणी ब्यूरो ।
नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। रंगों का त्यौहार है होली, फूलो की बरसात है होली, जो रूठे को मना दें, एक ऐसा त्यौहार है होली.. आज हम बात करेंगे फाल्गुन मास में आने वाली ‘होली’ के बारे में। दोस्तो इस वर्ष होली सनातन संस्कृति की पंचाग के मुताबिक, फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च दिन मंगलवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 07 मार्च दिन बुधवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में प्रदोष काल में होलिका दहन होती है। ऐसे में इस साल होलिका दहन 07 मार्च दिन मंगलवार को है। होली का त्यौहार वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
जैसे की आप सब जानते हैं कि, होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्यौहार है। यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो विश्वभर में मनाया जाता है। दरअसल, यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
होली पर लोग एक दूसरे पर रंग, गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है।
इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।
फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है।
पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है।
दोस्तो गुझिया तो सबको ही पंसद होंगी। जैसे की हम जानते हैं कि, गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है।
कई लोग इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज रखते हैं। तो दोस्तों अगर आप भी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं होली का, तो जल्द ही तैयारी शुरू कर लीजिये , क्यूंकि आने वाली है होली।