सर्वे में कोई घर न छूटने पाए, डोर-टू-डोर सघन सर्वे कराया जाए: मंडलायुक्त
वरिष्ठ संवाददाता |
सहारनपुर: मंडलायुक्त संजय कुमार ने कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण के लिए डोर-टू-डोर सर्वे पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि-नगर निगम क्षेत्र में लगी हुयी 326 टीमों तथा नगर पालिका परिषद देवबंद में लगी 107 टीमों द्वारा घर-घर जाकर सघन सत्यापन किया जाए। सीएमओ बीएस सोढ़ी ने बताया है कि अब तक नौ सौ से ज्यादा लोगों को होम आइसोलेट किया जा चुका है।
कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जिलाधिकारी कार्यालय स्थित एकीकृत कोविड कमांड एंड कन्ट्रोल सेन्टर में बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर ने कहा कि सहारनपुर में अब तक 2736 सारी/ आईएलआई के केस चिन्हित किये जा चुके हैं जिनका कोविड टेस्ट कराया जा चुका है।
बैठक में उपस्थित मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि वर्तमान में ऐसे मरीजों पर सर्विलांस टीम द्वारा विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है तथा सर्विलांस के दौरान ऐसे मरीजों की साप्ताहिक जांच/फीडबैक लेते रहें।
संजय कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीएस सोढी को निर्देशित किया कि यदि कोई भी व्यक्ति कोविड संक्रमित पाया जाता है तो उसे तत्काल एल-1/एल-2 कोविड हॉस्पिटल में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाये। उनके निकट संबंधियों का 24 घण्टे के भीतर कोरोना सैम्पल लिया जाये।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय। यदि किसी भी निकट संबंधी द्वारा सैम्पलिंग का प्रतिरोध किया जाता है तो उनके विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाये।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अब तक कुल 917 व्यक्तियों को होम आईसोलेशन की सुविधा दी गई है तथा वर्तमान में 350 व्यक्ति ही होम आईसोलेशन में हैं। शेष व्यक्तियों को निर्धारित प्रोटोकॉल पूर्ण करने के बाद उनका होम आईसोलेशन समाप्त किया जा चुका है।
जिलाधिकारी अखिलेश सिंह, ने अवगत कराया कि होम आईसोलेशन में रखे गये व्यक्तियों से एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर से नियमित रूप से फीड बैक लिया जा रहा है। होम आईसोलेशन में रखे गये 350 व्यक्तियों से फीडबैक लिया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि अभी अपर मुख्य चिकत्साधिकारियों को पृथक-पृथक कार्य सौंप दिये गये एवं कोविड नियन्त्रण में प्रत्येक अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है। इसके अतिरिक्त बाहर से आने वाले ऐसे समस्त व्यक्तियों के लक्षणात्मक परीक्षण किये जाने तथा इस कार्य हेतु वार्ड, ग्राम, मोहल्ला निगरानी समितियों व पार्षद व प्रधानगण का सहयोग प्राप्त किये जाने के निर्देश निर्गत किये गये जिससे कोई भी लक्षणयुक्त हो तो उसका निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार किया जा सके।