- जीआईएस सर्वे में मिलीं छूट संपत्तियों पर लगेगा गृहकर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम 2025 में करीब 1.42 लाख संपत्तियों पर गृहकर लगाएगा। ये वो संपत्तियां हैं, जो जीआईएस सर्वे में चिह्नित की गर्इं। ऐसी संपत्तियों में करीब 42 हजार संपत्तियों को नगर निगम नोटिस भेज चुका है। इसको संपत्तियों का स्वामी परेशान हैं। हालांकि नगर निगम ने जीआईएस सर्वे में यदि कोई त्रुटि हुई है तो उसे दूर करने के लिए आपत्ति मांगी हैं। जांच के बाद उक्त संपत्तियों से गृहकर की वसूली शुरू कर दी जाएगी।
दरअसल, शासन का जोर गृहकर वसूली बढ़ाने का है, इसके लिए शासन द्वारा कई बार जीआईएस सर्वे के हिसाब से गृहकर विसूली के आदेश दिए गए, लेकिन यहां जीआईएस सर्वे हुए 10 माह पूरे होने के बाद गृहकर वसूली नहीं हो पा रही। इसकी प्रमुख वजह है जीआईएस सर्वे हवा हवाई होना है। जीआईएस की टीम ने महानगर में सर्वे में कुल 4.49 लाख संपत्तियां चिह्नित कीं। इनमें 2.78 लाख संपत्तियों से नगर निगम गृहकर वसूल रहा है। जीआईएस सर्वे करीब 1.42 लाख संपत्तियां सर्वे में ऐसी पाई गर्इं, जिनपर नगर निगम ने गृह कर लगाया ही नहीं।
हालांकि जीआईएस सर्वे को फर्जी बताते हुए आम लोगों से लेकर नगर निगम के पार्षद कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके। नगर निगम की बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठक में भी पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पार्षदों ने जीआईएस सर्वे करने वाली कंपनियों का भुगतान रोकने और जीआईएस सर्वे को निरस्त करने की मांग उठाई थी। हर बार हंगामा होने पर बोर्ड और कार्यकारिणी की बैठकों में जीआईएस सर्वे के अनुसार गृहकर वसूली व उसके नोटिस भेजना बंद करने का निर्णय लिया और महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने नगर निगम के अधिकारियों ने इस सर्वे की जांच करने तथा इसे लागू न करने के आदेश दिए।
इसके बावजूद नगर निगम के कई बार लोगों को जीआईएस सर्वे के अनुसार गृहकर के बिल जारी किए। इसको लेकर भी पार्षदों ने कई बार हंगामा किया। महापौर ने स्वयं गृहकर अनुभाग में रजिस्ट्ररों और फाईलों का अचानक अवलोकन किया और गड़बड़ी पाए जाने पर कर्मचारियों ने जीआईएस सर्वे के आधार पर गृहकर के बिल या नोटिस जारी न करने के आदेश दिए। महापौर ने सभी क्षेत्रों में कैंप लगाकर गृहकर के बिलों में की गई त्रुटियों को दूर करने तथा स्वयंकर प्रणाली के आधार पर ही गृहकर वसूली के आदेश दिए थे। नगर निगम आय को लेकर बुरी तरह पिछड़ा हुआ है।
गृहकर वसूली बेहद कम होने की वजह से नगर निगम के अधिकारियों को लखनऊ के अधिकारियों की चेतावनी छेलनी पड़ती है। निगम के अधिकारी जीआईएस सर्वे के आधार पर गृहकर वसूली करने को आतुर हैं। निगम के अधिकारियों ने जिन संपत्तियों पर गृहकर नहीं लगा, उनसे 2025 वसूली करने मन मना लिया है। हालांकि बिलों में त्रुटियों को दूर करने के लिए नगर निगम ने लोगों से आपत्तियां मांगी है। आपत्तियों को निस्तारण करने के बाद नगर निगम जीआईएस सर्वे के अनुसार गृहकर वसूली कर देगा।
त्रुटियां दूर होने के बाद नई संपत्तियों से गृहकर की होगी वसूली: पंकज
अपर नगरायुक्त पंकज कुमार का कहना है कि फिलहाल जिन गृहकर बिलों में लोगों को त्रुटियां लग रही हैं, उनकी त्रुटियों को दूर किया जा रहा है। बिल सही होने के बाद गृहकर की वसूली की जाएगी।