शमा का वजन काफी बढ़ गया था इस फिक्र में वह न जाने क्या-क्या उपाय करने लगी। कुछ सहेलियों ने सलाह दी कि वह दोपहर का भोजन न खाए। दिन में एक बार भोजन कम करने से उसका वजन भी कम होगा। उसने यही किया लेकिन इससे वह थकावट महसूस करने लगी और शाम व रात को वह बहुत खाने लगी। कुछ महीनों के बाद दोपहर का भोजन न खाते हुए भी उसका वजन बिल्कुल भी कम नहीं हुआ।
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गौरव को दोपहर को बहुत सुस्ती आती थी। काम करने की इच्छा भी न होती। कभी-कभी तो नींद भी आने लगती। उसे लगा कि शायद वह दोपहर को भरपेट भोजन कर लेता है, इसलिए ऐसा हो रहा है। तब उसने सोचा कि क्यों न वह दोपहर को भोजन करना बंद कर दे तो शायद उसे अफारा और भारीपन महसूस न हो और वह काम के दौरान सुस्त न हो लेकिन दो या तीन महीनों तक दोपहर का खाना बंद करने के बावजूद उसकी हालत वैसी ही थी।
उसे और ज्यादा थकावट महसूस होने लगी। कई लोग यह सोचते हैं कि वजन कम करने के लिए और काम के समय चुस्त व फुर्तीले रहने के लिए दोपहर को खाना नहीं खाना चाहिए लेकिन ऐसा करना गलत है।
यह बिलकुल सही है कि आपका सुबह का नाश्ता ठीक और पौष्टिक होना चाहिए। इससे दिन की शुरूआत अच्छी होती है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप इसके बाद केवल रात का भोजन लें और दोपहर को कुछ न लें। ऐसा करने से आप अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
नाश्ता लेने के डेढ़ या दो घंटे बाद आपके रक्त में शर्करा का स्तर नीचे आ जाता है और आपको भूख लगनी शुरू हो जाती है। इसके थोड़ी देर बाद तक, जब दोपहर के भोजन का समय आता है, आप यदि कुछ नहीं लेते तो आपके चयापचय की दर भी कम हो जाती है और आप कमजोरी महसूस करते हैं। इस हालत में शाम तक आपको बहुत भूख लगती है और परिणाम यह होता है कि आप रात के भोजन पर टूट पड़ते हैं और बेहिसाब खाना खा लेते हैं। आम तौर पर यह भी देखा गया है कि ऐसे में आप खाने के कुछ ही देर बाद सो जाते हैं।
इसका क्या असर होता है? यह आपके शरीर के लिए हनिकारक है क्योंकि रात को सोते समय आपकी सारी कैलोरी मोटापे में बदल जाती है। सोते समय शरीर कैलोरी का कोई इस्तेमाल नहीं करता और आपका वजन दोपहर को न खाने के बावजूद बढ़ जाता है।
इस स्थिति का इलाज एक ही है कि दोपहर को आपको जरूर कुछ खा लेना चाहिए चाहे हल्का खाना ही क्यों न हो। आप सब्जी, चपाती, चावल इत्यादि न लें लेकिन आप इसके बदले में दही, सैंडविच या फल इत्यादि ले सकते हैं या फिर आप फलाहार लें या हल्का पोहा, उपमा या इडली ले सकते हैं।
यदि आप इस तरह हिसाब से अपनी आदतें बदलें तो आप रात का भोजन भी हिसाब से खाएंगे। दिन में जो भी आपने खाया है वह हजम भी हो जाता है और मोटापा भी नहीं होता क्योंकि आप दिन में काम करते समय इन कैलोरीज का सही प्रयोग कर सकते हैं।
एक अन्य बात का ध्यान रखें कि रात को खाना खाकर कुछ सैर करें या घर में ही चलते फिरते रहें। बस खाना खाकर, लेटे लेटे टीवी देखकर न सोएं। रात के भोजन के बाद टहलना या थोड़ा सा कामकाज करके सोना फायदेमंद रहेगा।
अंबिका