Wednesday, June 26, 2024
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पंजाब से सैकड़ों किसानों ने दिल्ली के लिए हुए रवाना

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ 24 दिन से चल रहे आंदोलन के लिए पंजाब से हजारों और किसानों ने दिल्ली कूच किया है। वहीं, किसान आंदोलन के बीच हरियाणा में शनिवार को एसवाईएल के मुद्दे ने खासा जोर पकड़ा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस मुद्दे को खूब उछाला और जिलों में सामूहिक उपवास भी किए। किसानों ने भाजपा कार्यकर्ताओं के सामूहिक उपवास का विरोध भी किया और इसी दौरान फतेहाबाद में भाजपा जिलाध्यक्ष की पगड़ी भी उछाली गई जिससे टकराव की स्थिति पैदा हो गई।

पंजाब से हजारों किसानों के जत्थों ने दिल्ली कूच किया है। सूबे में रोष मार्च, धरने और प्रदर्शनों का दौर जारी है। जबकि बड़े घराने के शोरूम व बड़ी दुकानों के बाहर नारेबाजी भी की गई। दोनों राज्यों में किसान आंदोलन के हालात अभी सामान्य नहीं हैं। हरियाणा की हद में किसानों ने दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर घेर रखे हैं।

हरियाणा में किसान आंदोलन के बीच अचानक उठे एसवाईएल के मुद्दे का किसानों ने खासा विरोध किया। फतेहाबाद में तो टकराव की स्थिति बनी गई। प्रदेश के विभिन्न जिलों में यह सामूहिक उपवास छह घंटे का था। मगर फतेहाबाद में किसान उपवास स्थल पर पहुंच गए।

उन्होंने वहां लगे अवरोधक हटा दिए और उपवास स्थल पर पहुंचे किसानों ने वहां भाजपा कार्यकर्ताओं के समक्ष जमकर नारेबाजी की। भाजपा के टेंट उखाड़कर फेंक दिए। इस टकराव के दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष बलदेव ग्रोहा की पगड़ी भी उछलकर नीचे गिर गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला। किसानों ने पुलिस के समक्ष अपनी सामूहिक गिरफ्तारियां देनी चाही, मगर पुलिस ने इनकार कर दिया। उधर, नेशनल हाईवे 44 के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना जारी रहा। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हरियाणा-राजस्थान सीमा के खेड़ा बॉर्डर पर शनिवार को स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव सहित अन्य किसान नेता धरने पर डटे हुए हैं। टीकरी बॉर्डर पर पंजाबी गायक बब्बू मान, अभिनेत्री गुल पनाग, गायक कमल ग्रेवाल और हर्फ चीमा किसानों को समर्थन देने पहुंचे।

सूबे में किसानों के काफी जत्थे दिल्ली के लिए रवाना हुए। इस दौरान किसानों ने रोष मार्च भी निकाला और एक कारपोरेट घराने का बड़ा स्टोर भी जबरन बंद करवा दिया। अबोहर व राजपुरा से किसानों के जत्थों ने दिल्ली कूच किया। उन्हें कंप्यूटर शिक्षकों का भी समर्थन मिला। जबकि पटियाला में किसानों ने रोष स्वरूप कैंडल मार्च निकाला। आयोजित धरना प्रदर्शनों में किसान नेताओं ने साफ कहा कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी। जब तक उनके धरने खत्म नहीं होंगे।

एक दो दिन में बातचीत से निकल सकता है आंदोलन का हल: मनोहर लाल

किसान आंदोलन को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मुलाकात की। एक सप्ताह के अंदर किसानों के मुद्दे को लेकर सीएम की तोमर से यह दूसरी मुलाकात है। इस दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन को लेकर चर्चा की। चर्चा के बाद मनोहर लाल ने मीडिया को कहा है कि एक दो दिन में बातचीत का ऐसा रास्ता बनेगा जिससे आंदोलन का हल निकल आएगा। केंद्र ने जितना संशोधन किया है, उससे ज्यादा भी केंद्र सरकार संशोधन कर सकती है।

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से भी यही बातचीत हुई है कि आपसी बातचीत से हल निकले। चर्चा के दौरान बीच का रास्ता निकलेगा तो तीनों कानूनों में संशोधन किया जा सकता है। फिलहाल केस सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में हरियाणा से संबंधित सभी तरह का इनपुट उन्होंने कृषि मंत्री को दिया है।

मनोहर लाल ने कहा कि कोरोना का समय है, किसान ठंड में सड़क पर बैठे हैं। ऐसे में हमारी सहानुभूति उनके साथ है। बातचीत के लिए सरकार हमेशा तैयार है। बातचीत का दायरा यह है कि सरकार किसानों की बातचीत सुनकर बीच का रास्ता निकालेगी।

इस बीच एसवाईएल के मुद्दे पर सीएम ने कहा कि किसान किसान होता है, चाहें वह पंजाब का हो या फिर हरियाणा का। हरियाणा में पानी की समस्या है। ऐसे में बहुत सा पानी पाकिस्तान चला जाता है। हमारा कहना है कि यह पानी देश में ही रहे और हरियाणा के किसानों को एसवाईएल का पानी मिले। पंजाब में पानी अधिक होने से किसानों की फसलें खराब होती हैं।

मनोहर लाल ने मीडिया के सवाल पर कहा है कि खेती बाड़ी मंत्री की चिट्ठी को किसान अवश्य पढ़ें। ऐसे में यह सवाल आने पर कि अधिकतर किसान पंजाब से हैं। सीएम ने कहा कि पंजाब के किसानों के लिए पंजाबी में चिट्ठी ट्रांसलेट की जाएगी।

कृषि कानून रद्द कराने के लिए नेशनल हाईवे 44 के सिंघु बॉर्डर पर चल रहा किसानों का धरना जारी रहा। किसान संगठनों के नेताओं ने कृषि कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। वहीं, आंदोलन के दौरान मृतक किसानों का रविवार को जिला, तहसील, गांव स्तर पर शहीदी दिवस मनाकर श्रद्धांजलि दी जाएगी।

दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हरियाणा-राजस्थान सीमा के खेड़ा बॉर्डर पर शनिवार को स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव सहित अन्य किसान नेताओं ने मीडिया से कहा कि जब तक सरकार किसानों के सामने नहीं झुकेगी, आंदोलन चलता रहेगा, लोकतंत्र में हमेशा सरकार की जनता के सामने झुकती है।

सरकार को भी पता है कि किसान सही मांग कर रहे हैं, लेकिन अहंकार के कारण पीछे नहीं हटना चाहती है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि हरियाणा की पुलिस आंदोलन में दवाएं तक पहुंचने नहीं दे रही है। हरियाणा की तरफ से आने वाले किसानों को भी नहीं आने दिया जा रहा है।

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