जल संरक्षण की नसीहत देने वाला विभाग खुद लापरवाही उजागर
जनवाणी ब्यूरो |
हरिद्वार: एक तरफ गर्मी लगभग खत्म हो गयी है और गर्मी का मौसम शुरू हो गया है। वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर टूटी पाइप लाइन से सैकड़ों लीटर पीने का पानी हर रोज बर्बाद हो रहा है। धर्मनगरी के अधिकारियों की अनदेखी के कारण हरिद्वार में जगह-जगह पाइप लाइन टूटने से पीने का पानी सड़कों पर बर्बाद हो रहा है। जबकि कई कॉलोनियों में पेयजल नहीं पहुंचने से लोग परेशान रहते हैं।
ऐसा ही कुछ हरिद्वार में कई दिनों से देखने को मिला रहा है। दिल्ली देहरादून हाईवे सहगल पैट्रोल पंप के पास पानी की एक विशाल पाइप लाइन टूटी हुई है। आसपास नौकरी करने वाले लोगों ने बताया की यहाँ कई दिनों सेपाइप लाइन टूटी हुई है जिसे से लाखों लीटर पानी रोज बर्बाद हो रहा फिर भी कोई अधिकारी यहाँ झाँकने तक नहीं आया।
व्हाट्सएप-फेसबुक तक सिमट गए जल संरक्षण के सपने
टूटी हुई पाइप लाइन से बर्बाद हो रहा पीने का पानी, विभागीय लापरवाही भी बयान कर रहा है एक तरफ जल संरक्षण की मुहिम चलाई जा रही है। सेमिनार हो रहे हैं। लोगों को पर्चे बांट करके जागरूक किया किया जाता है। दूसरी तरफ टूटी हुई पाइप लाइन से बर्बाद हो रहा पीने का पानी, विभागीय लापरवाही भी बयान कर रहा है।
टूटी हुई पाइप लाइन से लाखों लीटरों पानी बर्बाद हो रहा है। बर्बाद हो रहे पानी को देखकर जल संरक्षण की मुहिम और पानी की एक-एक बूंद बचाने के नारे सब दिखावा मालूम होते हैं और यह जुमलेव्हाट्सएप और फेसबुक के लिए ही सिमट कर रह गए।
जल है तो कल है। जल के बिना जीवन संभव नहीं। जल को बचाओ। ऐसे स्लोगन हरिद्वार के हर छेत्र में लिखे हुए देखे जा सकते हैं। विभाग द्वारा यह स्लोगन लिखने का मकसद लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है, लेकिन दूसरों को जल संरक्षण की नसीहत देने वाला विभाग खुद जल संरक्षण के प्रति उदासीन है। विभाग मुहिम चलाकर स्वयं ही इसकी जिम्मेवारी भूल गया है।
क्या बोले अधिकारी
मामला मेरे संज्ञामे नहीं है में इसे दिख आता हूँ और में अभी सीडीओ साहब की मीटिंग में हूँ ज्यादा डिटेल में बात नहीं कर पाऊंगा। -मदन सैनी, अधिशासी अभियंता
मुझे अभी साहब का फ़ोन आया था में देखता हूँ कहाँ है लीकेज और तुरंत ठीक करवाता हूँ।
-आशीष कुमार, जेई जल संस्थान