Tuesday, June 17, 2025
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डेंगू टेस्ट में पॉजिटिव निकल रहे सैकड़ों मरीज

  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी
  • शहर से गांव तक सफाई और एंटी लारवा के छिड़काव पर जोर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: महानगर में डेंगू के कस काफी संख्या में निकल रहे हैं, हालांकि ज्यादातर केस में मरीज को भर्ती करने की नौबत नहीं आ रही है। महानगर के कुछ निजी चिकित्सकों से मिली जानकारी के अनुसार फीवर और दूसरे लक्षण के साथ आने वाले मरीजों को सामान्य तौर पर दी जाने वाली कुछ प्रचलित दवाइयां दी जाती हैं।

अगर कई दिन तक बुखर न उतरे तो डेंगू समेत दूसरे टेस्ट कराते हुए य हपता लगाने का प्रयास किया जाता है, कि यह किसी दूसरे वायरस के कारण है, या मरीज डेंगू की चपेट में है। जिला चिकित्सालय के सीएमएस डा. कोशलेन्द्र का कहना है कि मेरठ में डेगू के मरीज अगस्त माह से मिल रहे हैं, जिसमें 29 मरीज डेंगू एलीजा टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए।

एक सितंबर से 23 सितंबर तक का आंकड़ा बताते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधि में 179 मरीज पॉजिटिव पाए गए। हालांकि उनका यह भी कहना है कि इन मरीजों को भर्ती करने की नौबत नहीं आई है। डेंगू के लिए किए जाने वाले उपचार से ही इन मरीजों को लाभ मिला है। वहीं, सीनियर लैब टेक्नीशियन आरपी सिंह का कहना है कि टेस्ट के दौरान डेंगू पॉजिटिव मरीज महानगर में मिल रहे हैं।

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इनकी जिला अस्पताल के रिकॉर्ड में दर्ज संख्या कार्यालय पहुंचकर ही बताई जा सकती है। उनका कहना है कि कई मामलों में निजी लैब से आने वाली रिपोर्ट की पुष्टि के लिए निजी चिकित्सक भी जिला अस्पतालों में मरीजों को भेज रहे हैं। प्लेटलेट्स गिर जाने के बारे में आरपी सिंह का कहना है कि यह दूसरे वायरल बुखार के दौरान भी हो सकता है।

  • ये हैं लक्षण
  • मच्छर के काटने के 3-4 दिन बाद बुखार होना।
  • तेज ठंड लगने के साथ बुखार होना।
  • सिर, आंखों, बदन जोड़ों में दर्द रहना।
  • भूख कम लगना।
  • जी मिचलाना उल्टी आना।
  • दस्त लगना।
  • चमड़ी के नीचे लाल चकते आना।

डेंगू मच्छर की ये है पहचान

डेंगू मच्छर के काले शरीर पर सफेद रंग की चीते जैसी धारियां होती हैं। इन धारियों के कारण इसे टाइगर मॉस्किटो भी कहते हैं। इसकी खासियत है कि यह एक बार में कई बार काटता है। भगाने पर पलट कर वार करते हैं। पानी सूखने के बाद भी 12 महीने तक इनके अंड़े जीवित रहते हैं।

क्या है डेंगू?

यह एक वायरल बीमारी है। डेंगू के चार प्रकार होते हैं। इसमें से किसी एक वायरस से यह बीमारी होती है। कोई मरीज जब इस बीमारी से ठीक हो जाता है तो वह केवल एक प्रकार के वायरस से लंबे समय के लिए प्रतिरोधी क्षमता मिल जाती है, जबकि तीन अन्य प्रकार के वायरस से दोबारा डेंगू बुखार हो सकता है। दूसरी बार डेंगू वायरस काफी गंभीर होता है। इसे डेंगू हेमरेज कहते हैं।

यूं फैलता है डेंगू

एडीजएजिप्ट नामक मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। अक्सर ये सुबह तड़के शाम को सूरज ढलते समय हमला करते हैं। यह ज्यादा उड़ नहीं सकता। थोड़ी-थोड़ी दूर उड़ता हुए एक से दूसरी जगह जाता है। जमीन से एक या डेढ़ फीट की ऊंचाई तक ही अपना शिकार बनाता है। इससे अधिक ऊंचा यह नहीं उड़ सकता।

मेरठ क्षेत्र में जांच के दौरान डेंगू के मरीज जरूर मिल रहे हैं, लेकिन कोई मरीज गंभीर स्थिति तक नहीं पहुंचा है। विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। जिसके आधार पर नगर निकायों और ग्राम पंचायतों के जरिये गांधी जयंती से साफ-सफाई और एंटी लारवा का छिड़काव करने का अभियान चलाया जा रहा है।

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साथ ही स्वास्थ्य विभाग आंगनबाड़ी समेत जनसंपर्क में रहने वाले एनजीओ और अधिकारियों-कर्मचारियों के जरिये जागरूकता अभियान भी चला रहा है। डेंगू को लेकर भयभीत होने के बजाय अपने आसपास साफ पानी जमा होने की स्थिति पैदा नहीं होने देने की जरूरत है। क्योंकि डेंगू मच्छर का लारवा साफ ठहरे हुए पानी में ही पनपता है।
-डा. अशोक तालियान, संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, मेरठ मंडल, मेरठ

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