Monday, July 1, 2024
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मुझे अपनी कामयाबी पर फख्र है- निम्रत कौर

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मॉडलिंग और थियेटर से होते हुए निम्रत कौर ने ‘यहां’ (2005) के जरिये बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग पारी की शुरुआत की। उसके बाद वह ‘वन नाइट विथ द किंग’ (2006) और शॉर्ट फिल्म ‘एनकाउंटर’ (2010) में नजर आईं। निम्रत कौर अभिनीत अनुराग कश्यप के प्रोडक्शन हाउस की फिल्म ‘पेडलर्स’ को 2012 में कान्स फिल्म फेस्टिबल में दिखाया गया। ‘लव शव दे चिकन खुराना’ (2012) की मुस्कान खुराना के कैमियो में निम्रत को काफी पसंद किया गया।

इरफान खान के अपोजिट ‘द लंच बॉक्स’ (2013) में निम्रत एक अलग ही अंदाज में नजर आईं। ‘एयरलिफ्ट’ (2016) में निम्रत को पहली बार अक्षय कुमार के अपोजिट लीड रोल निभाने का अवसर मिला। उनकी यह फिल्म जबर्दस्त हिट साबित हुई। अभिषेक बच्चन और यामी गौतम स्टारर ‘दसवीं’ (2022) में निम्रत ने बिहार की पूर्व मुख्य मंत्री राबड़ी देवी से हूबहू इंस्पायर्ड किरदार बिलकुल उन्हीं के अंदाज में निभाया। जिसके लिए उनकी खूब प्रशंसा हुई।

इन दिनों निम्रत कौर फिल्म ‘हैप्पी टीचर्स डे’ के लिए पुणे में शूटिंग कर रही हैं। फिल्म की कहानी शिक्षा जगत के इर्द गिर्द घूमती है। दिनेश विजन द्वारा प्रस्तुत ये फिल्म शिक्षकों के संघर्षों के चित्रण को दिखाएगी। इस फिल्म में निम्रत कौर और राधिका मदान मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह मैडॉक प्रोडक्शन की एक मोस्ट अवेटेड फिल्म है।

प्रस्तुत हैं निम्रत कौर के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश:

‘दसवीं’ ने आपको बॉलीवुड में पूर्णत: स्थापित कर दिया है। दर्शक आपके बारे में अधिक से अधिक जानने के लिए उत्सुक हैं। अपने बारे में कुछ बताइए?

मेरा जन्म राजस्थान के पिलानी के एक सिख परिवार में हुआ। पिता आर्मी आॅफिसर थे जो सिर्फ 44 साल की छोटी सी उम्र में देश के लिए शहीद हो गए। मेरी छोटी बहन रूबीना बैंगलुरू में साइकोलॉजिस्ट है।

एक एक्ट्रेस बनने के लिए आपका मार्ग किस तरह प्रशस्त हुआ?

डैडी के चले जाने के बाद हम नाना नानी के पास नोएडा शिफ्ट हो गए। बाद में पिता के पेंशन फंड और पुरानी सेविंग्स से हमने वहीं खुद का मकान लिया। मैं दिल्ली आकर थिएटर में हिस्सा लेने लगी। जेब खर्च के लिए मैने प्रिंट मॉडल के तौर काम भी किया। धीरे-धीरे कुछ एड और एल्बम के जरिये काम शुरू हुआ। 2005 में ‘यहां’ मिली। उसके बाद तो सभी जानते ही हैं। बॉलीवुड के लिए मैं एक आउट साइडर थी। इसलिए एक फिल्म एक्ट्रेस बन जाने और कामयाबी हासिल करने पर मुझे फख्र है।

इरफान खान स्टॉरर ‘लंच बॉक्स’ ने आपको स्टार का दर्जा दिलाया। इरफान खान अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके बारे में क्या कहना चाहेंगी?

यदि मैं इरफान सर के बारे में कहूं कि वह एक बेहद अच्छे इंसान और उतने ही अच्छे एक्टर थे, तो यह कोई नई बात नहीं होगी। यह बात हर कोई जानता और मानता है लेकिन मैं अपने आपको खुशकिस्मत मानती हूं कि कैरियर की शुरुआत में ही उनके जैसे एक्टिंग में दिग्गज एक्टर के साथ मुझे काम करने का अवसर मिला लेकिन इस मामले में मैं बदकिस्मत रही कि वह बहुत जल्दी हम सभी को छोडकर चले गए। यदि वह इस तरह असमय नहीं जाते तो हो सकता है कि उनके साथ कुछ और बेहतरीन काम करने और बहुत कुछ नया सीखने का मौका मिलता।

‘दसवीं’ में अभिषेक बच्चन के अपोजिट आपके काम को लोगों ने खूब पसंद किया। यहां तक कि अभिषेक के पिता महानायक अमिताभ बच्चन भी आपके एक्टिंग टेलेंट के कायल हो गए?

‘दसवीं’ के लिए जब लोगों ने मेरी और मेरे काम की तारीफ की, तब मुझे कुछ खास नहीं लगा लेकिन जब बच्चन सर ने अपने हाथ की लिखी चिट्ठी और फूलों का गुलदस्ता भिजवाया तो मेरी खुशी की कोई सीमा ही नहीं रही। आज भी यकीन नहीं होता कि मैं बचपन से जिनकी फैन रही हूं, उन्हें मेरा काम पसंद आया।

पिछले दिनों आपने कहा था कि अपकमिंग फिल्म ‘हैप्पी टीचर्स डे’ आपके लिए बेहद खास है और आपके दिल के काफी करीब है। इसके खास होने की कुछ खास वजह?

इसके खास होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इसकी शूटिंग मैंने उस पुणे शहर में की जहां मैं अपने पहले स्कूल होलोवे प्राइमरी स्कूल गई थी। जहां के कॉलेज आॅफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में मैंने आगे की पढ़ाई की। इस फिल्म के साथ यहां वापस आना मेरे लिए बहुत दिलचस्प रहा। मिखिल मुसाले द्वारा डायरेक्ट की जा रही इस फिल्म को अगले साल टीचर्स डे पर रिलीज किया जाएगा।


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