Tuesday, April 22, 2025
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प्रशासन ने तरणताल को अवैध माना तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं?

  • मानक के अनुरूप नहीं है शहर के तरणताल, बने हैं 10 फीट गहराई तक के

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रशासन ने भी जनपद में संचालित हो रहे तरणताल को अवैध मान लिया हैं। 10 फीट गहराई तक ये तरणताल बनाये गए हैं। इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं। घाट गांव में अवैध तरणताल चल रहा हैं, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसे भी कोई एनओसी नहीं मिली हैं, फिर कैसे चल रहा है ये तरणताल? इस तरह से एक दो नहीं, बल्कि दर्जन भर से ज्यादा तरणताल शहर व शहरी क्षेत्र से बाहरी सीमा में संचालित किये जा रहे हैं।

जेवरी में जिस तरणताल में शास्त्रीनगर के यश की मौत हुई हैं, उस पर भी रोक नहीं लगाई हैं। उसको सील कर देना चाहिए था, मगर उस पर भी कोई कार्रवाई अभी नहीं हुई हैं। परतापुर में चल रहे तरणताल को भी एनओसी एमडीए ने नहीं दी हैं। एमडीए ने इसे भी अवैध माना हैं। इसके बावजूद ये अवैध तरणताल कैसे संचालित हो रहे हैं। ऐसे में हादसे हो रहे हैं।

फिर तरणताल के आसपास में ही शराब पीकर युवक आते हैं। शराब के नशे में स्नान करते हैं, जिससे इस तरह के हादसे भी पेश आ रहे हैं। घाट में रामपाल का अवैध तरणताल बना हुआ हैं। इसमें ही लोगों को शराब भी पिलाई जाती हैं। ऐसा आरोप लोगों ने लगाया हैं। फिर इस पर भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही हैं?

हाल ही में डीएम ने इनकी जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट भी डीएम के पास पहुंंच गई हैं। जांच में किसी भी तरणताल को एनओसी नहीं दी गई हैं, ज्यादातर मानक पूरे नहीं कर रहे हैं। अब इन पर कभी भी सील लगाने की कार्रवाई एमडीए की तरफ से की जा सकती हैं।

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