- निगम में स्वच्छकार मित्रों के लिए नादिरशाही फरमान
- ड्यूटी पर पहनकर आनी ही होगी ड्रेस, निगम नहीं देगा
- ड्रेस में बाकायदा ड्यूटी करते हुए फोटो करनी होगी अपलोड
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: यह ठीक है कि ड्यूटी वर्दी में होनी चाहिए, लेकिन इसके लिए सरकारी महकमे को तो कम से कम अपने कर्मचरियों को वर्दी देनी चाहिए। फिर अगर वह वर्दी न पहने तब उसपर सख्ती करनी लाजिमी हो जाता है। परन्तु इसके उलट नगर निगम में नादिरशाही फरमान जारी किया गया है। सफाई कर्मचारियों को बाकायदा हिटलरशाही फरमान सुनाते हुए कहा गेया है कि ड्यूटी करनी है तो वर्दी पहनकर आयें।
वर्दी खैरनगर बाजार से खरीदनी है, इसके लिए भी बाकायदा कर्मचारियों को हिदायत जारी की गई है। कर्मचारियों को यह भी परमान सुनाया गया है कि बाकायदा वर्दी में सफाई कार्य करते हुए अपनी फोटो भी नगर निगम की वेबसाइट और वाट्सऐप ग्रुप पर अपलोड करें। कर्मचारियों को साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि जिस कर्मचारी ने वर्दी नहीं पहन रखी होगी, उसके वेतन में से कटौती की जायेगी।
जाहिर है जब ऐसा नादिरशाही फरमान जारी किया जायेगा तो कर्मचारी खुलकर विरोध करेंगे। कुछ ऐसा ही नगर निगम मेरठ में इन दिनों वर्दी को लेकर हंगामा हो रहा है। बड़े सुधरेंगे नहीं और गरीब को नौकरी करने देंगे नहीं। ऐसे हालात कर दिये गये हैं अधिकारियों की चममचा गिरी करने वाले चंद अफसरान ने। जिसका खामियाजा पूरे सफाई कर्मचारी वर्ग को भुगतना पड़ रहा है। कर्मचारी इस आदेश का विरोध कर रहे हैं। लेकिन खुलकर सामने आने और अपनी नौकरी पर आंच देखते हुए वह सामने नहीं आ रहे हैं।
नगर निगम जनता की सुविधा देने में तो नाकाम साबित हो रहा है। अलबत्ता अब यहां ऐसे-ऐसे कुचक्र रचे जा रहे हैं कि जो शांति से नौकरी कर रहा है, उसको किस तरह परेशान किया जाये। इसकी शुरूआत नगर निगम के सबसे अदना विभाग स्वास्थ्य अनुभाग से की गई है। स्वास्थ्य अनुभाग पर शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी है। बाकायदा नगर निगम में दो-दो नगर स्वास्थ्य अधिकारियों की तैनाती की गई है। जो असली है, उसको किनारे कर दिया गया है और जो अपने मित्र का रिश्तेदार है। उसको तमाम जिम्मेदारियां दे दी गई हैं।
कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच जरूरी
सफाई कर्मचारियों को सुविधा देने के लिए सरकार ने सख्त नियम बना रखे हैं। नगरीय स्थानीय निकायों को अपने वार्षिक आय-व्यय में प्रति कर्मचारी कम से कम दो हजार रुपये की व्यवस्था करनी होगी। इसी तरह ठेके पर सफाई कर्मी देने वाली कार्यदायी संस्थाओं को इसकी व्यवस्था करनी होगी। जैव नाशित, जैव अनाशित और अक्रिय अपशिष्ट के रूप में सड़ाई की सफाई के अपशिष्ट अलग-अलग किए जाएंगे। इसके अलावा हर छह माह में सफाई कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य की जांच अनिवार्य रूप से कराई होनी। इसके साथ ही ठेके पर रखे गए कर्मियों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा, जिससे उनकी पहचान हो सके और उनके साथ किसी तरह दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सके।
योगी सरकार स्वच्छता पर सतर्क
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों को साफ सुथरा रखने के लिए प्रदेश की योगी सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में एक कदम आगे बढ़ाते हुए यूपी सरकार अब प्रदेश में ठोस अपशिष्ट संचालित करने वाले सभी सफाई कर्मियों को हेलमेट, वर्दी, फ्लोरेसेंट जैकेट, दस्ताने, रेनकोट, समुचित जूते और मास्कसेट सहित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दे रखे हैं। सफाई कर्मियों को निकाय स्थल पर यह सुविधा उपलब्ध कराये जाने के स्पष्ट निर्देश हैं।
नगर निगम ने जारी की गाइडलाइन
नगर निगम ने अपने सफाई कर्मचारियों के लिए ड्यूटी करने की बाकायदा एक नई गाइडलाइन जारी की है। इस नई गाइडलाइन में नगर निग्म प्रशासन ने सभी सफाई कर्मियों के लिए निर्देश जारी किए हैं। नए निदेर्शों के अनुसार, अब अगर कोई भी कर्मी ड्यूटी के समय अगर वर्दी में नहीं आता है तो उसपर कार्रवाई की जायेगी। यानि बिना वर्दी के अगर वह सफाई कार्य कर रहा होगा
तो वह गैरकानूनी होगा। इसके साथ ही नई पॉलिसी में कई ने निर्देश भी जारी किए गए है। उसकी ड्यूटी तभी मानी जाएगी, जब वह बाकायदा वर्दी में न सिर्फ ड्यूटी कर रहा होगा। बल्कि इस वर्दी में सफाई कार्य करते हुए फोटो व वीडियो भी नगर निगम के ग्रुप पर अपलोड करना होगा।
सोशल मीडिया के लिए तो होती है गाइडलाइन
सरकारी विभागों में सोशल मीडिया के प्रति जवाबदेही के लिए तो गाइड लाइन जारी होती है। अभी पिछले दिनों उत्तराखंड राज्य सरकार, पुलिस मुख्यालय, गृह मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया के प्रयोग को लेकर सरकारी सेवकों के लिए गाइडलाइन जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि कुछ समय से हमारे कई कर्मचारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे थे
और सोशल मीडिया पर पुलिस की वर्दी पहनकर अपने निजी क्रियाकलापों का प्रचार कर रहे थे, जिसके कारण विभाग में अनुशासन प्रभावित हो रहा था। इसी क्रम में हमने एक नई सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की है। जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
खैर नगर से वर्दी खरीदने के निर्देश
नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को वर्दी खरीदने के लिए बाकायदा यह भी निर्देश जारी किया गया है कि खैरनगर और इसके आसपास के क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की वर्दी मिलती है। इसलिए जिसके पास वर्दी नहीं है। वह इस बाजार में जाकर वर्दी खरीद ले। उसकी हाजिरी तभी मानी जाएगी, जब वह वर्दी में सफाई कार्य करते हुए दिखेगा। कर्मचारियों को यह भी हिदायत दी गई है कि जो कर्मचारी वर्दी के बिना अपनी ड्यूटी पर कार्य करेगा तो उसको गैर हाजिर माना जायेगा।
नाममात्र का ही मिलता है वेतन
हमारे सफाई कर्मचारी साथियों को पहले ही नाममात्र का वेतन मिलता है। उपर से अब इनको वर्दी में सफाई कार्य करते हुए फोटो अपलोड करने के निर्देश दिये गय हैं। जिस कर्मचारी के पास वर्दी नहीं है, वह कहां से इसकी व्यवस्था करेगा? पहले ही कम वेतन में उसका अपना घर चलाना मुश्किल हो रहा है। हम इसका विरोध करेंगे। -कैलाश चंदोला, वरिष्ठ सफाई कर्मचारी नेता, नगर निगम।
कुछ कर्मचारी नहीं पहनते है वर्दी
हमने सभी स्वच्छकार मित्रों को कई-कई बार वर्दी दी है, लेकिन कुछ कर्मचारियों ने ऐसा रवैया अपना रखा है कि वह वर्दी नहीं पहनते हैं। जिन-जिन कर्मचारियों को वर्दी दी गई है, और कब-कब दी गई थी, इसका हमारे पास पूरा रिकार्ड है। जो कर्मचारी वर्दी में ड्यूटी नहीं करेगा, उसको लेकर निगम प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए उनका वेतन काटे जाने का निर्णय लिया है। नगर आयुक्त की ओर से निर्देश दिए गये हैं कि वह ऐसी व्यवस्था करें, जिससे सभी सफाई कर्मचारियों को वर्दी पहन सकें। -डा. हरपाल सिंह, प्रभारी अधिकारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी।