Friday, July 5, 2024
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अच्छा लिखते हैं तो बन सकते हैं प्रोफेशनल कंटेंट राइटर

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लिखने का कार्य साहित्य की सभी विधाओं में सबसे कठिन विधा है। इस लिहाज से कंटेंट राइटिंग का कार्य भी आसान नहीं होता है। धैर्य, कठिन मेहनत, अगाध आत्मविश्वास, एकाग्रता और प्रैक्टिस से इस कला में निखार आता है। लिहाजा इस बात को कभी भी नहीं भूलें कि अन्य कलाओं की तरह कंटेंट राइटिंग की कला में भी परफेक्शन प्रैक्टिस और मेहनत से ही हासिल होता है।

कंटेंट राइटिंग का प्रत्यक्ष संबंध आॅनलाइन मार्केटिंग के लिए कंटेंट (पोस्ट, आर्टिकल या विडिओ) के निर्माण से है। डिजिटल इकॉनोमी के मोजूदा दौर में कंटेंट राइटिंग एक लेटेस्ट प्रोफेशन के रूप में बड़ी तेजी से उभरा है। सामान्य रूप से कंटेंट राइटिंग डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में आॅनलाइन कस्टमर्स के लिए किसी वेबसाईट पर विभिन्न प्रकार के पर्मोशनल कंटेंट्स को लिखने की प्रक्रिया को कहते हैं। इसके अंतर्गत ब्लॉग और आर्टिकल लिखने से लेकर वीडियो और पॉडकास्ट तक लिखने के असाइनमेंट्स को शामिल किया जाता है।

कंटेंट राइटर कौन होता है

कंटेंट राइटर एक प्रोफेशनल राइटर होता है जो विभिन्न आॅनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए कंटेंट की रचना करता है। यह राइटर विभिन्न प्रकार के आर्टिकल्स, ब्लॉग्स, वेब पेज कंटेंट, सोशल मीडिया अपडेट, बिजनस कोलैटरल और अन्य प्रकार के इनफॉर्मेशन के लिए कंटेंट और वीडियो का निर्माण करता है। कॉपीराइटर्स, गोस्टराइटर्स (पैसों के लिए दूसरों के लिए लिखने वाले), एसइओ (सर्च इंजन आॅपटीमाइजेशन) एक्सपर्ट्स, सोशल मीडिया मैनेजर्स इत्यादि कंटेंट राइटर्स की केटेगरी में शुमार किए जाते हैं।

कंटेंट राइटिंग के प्रकार

कंटेंट राइटिंग का डोमेन काफी विस्तृत होता है। इसके अंतर्गत निम्न कन्टेनट्स को शामिल किया जाता है। ईमेल, आर्टिकल राइटिंग, घोस्ट राइटिंग (किसी और के लिए बुक्स, ब्लॉग्स, ट्विटर इत्यादि लिखना), प्रेस रिलीज, सोशल मीडिया पोस्ट्स राइटिंग, कॉपी राइटिंग, यूट्यूब डिस्क्रिप्शन, टेक्निकल राइटिंग (साइंस और टेक्नॉलजी से रिलेटेड सबजेक्ट्स पर लिखने का कार्य), इबुक्स, रिसर्च पेपर, केस स्टडीज इत्यादि का लेखन, वीडियो, पॉडकास्ट और विज्ञापनों के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग, बिजनस इमेल्स, एग्रीमेंट लेटर, मेमो लेखन, कंपनियों के विज्ञापन और प्रोमो राइटिंग आदि।

अनिवार्य कौशल

कंटेंट राइटिंग एक कला है। इस प्रोफेशन में मास्टरी एक कठिन कार्य है और यही कारण है कि कंटेंट राइटिंग के डोमेन में अपने कॅरियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार में निम्न कौशल का होना अनिवार्य होता है-

  • – लिखने की कला के प्रति स्वाभाविक चाह, जुनून और शौक

  • – उत्कृष्ट कम्यूनिकेशन स्किल

  • – रचनात्मक लेखन में अभिरुचि और योग्यता

  • – भाषा पर मास्टरी

  • – समय प्रबंधन का ज्ञान

  • – प्रेरित करने का गुण

  • – मल्टीमीडिया में प्रोफिशयन्सी

  • – एनालिटिकल पावर

शुरुआत कहां से करें

यदि आप अच्छा लिखते हैं और आपको लिखने का शौक है तो कंटेंट राइटिंग का प्रोफेशन आपके लिए एक अच्छा कॅरियर डोमेन बन सकता है। कंटेंट राइटिंग का कार्य फ्रीलांस राइटिंग जैसा ही कठिन मेहनत और निरंतर अभ्यास का होता है। इस डोमेन में एंट्री के लिए किसी ब्लॉग, इबुक या विज्ञापन और प्रोमो पर एक आकर्षक पोर्टफोलियो का निर्माण सबसे पहली जरूरत होती है।

इस प्रोफेशन में एंट्री के इच्छुक किसी उम्मीदवार के लिए यह पोर्टफोलियो एक उत्कृष्ट सीवी का कार्य करता है। इसकी शुरुआत कुओरा वेबसाइट से की जा सकती है, जहां से कंटेंट राइटिंग के रूप में पहचान मिल सकती है। इसके अतिरिक्त खुद का ब्लॉग लिखने और उसे विभिन्न साइट पर आॅनलाइन पोस्ट करने से भी क्लाइंट्स आपकी तरफ आकर्षित हो सकते हैं।

अपने ब्लॉग और सोशल मीडिया अकाउंट के लिंक्स को भी शेयर करना एक अच्छा स्टेप माना जाता है। डिजिटल कंपनियों में उपलब्ध वैकन्सी से भी कंटेंट राइटिंग के असाइनमेंट मिलने में मदद मिलती है। लिंकेडीन अकाउंट पर प्रोफाइल पोस्ट करने से भी कंटेंट राइटिंग के क्लाइंट को सर्च किया जा सकता है।

वैसे इस डोमैन में सक्सेस अपने टैलेंट में स्पेशलाइजेशन से भी प्राप्त होती है। किंतु इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि प्रैक्टिस और अनुभव से ही हम परफेक्ट बन सकते हैं। लिहाजा कंटेंट राइटिंग के डोमेन में सफलता के लिए लगातार कोशिश करते रहने की जरूरत है।

कंटेंट राइटिंग की कला में निखार के लिए कोई विशेष कोर्स और टेÑनिंग नहीं है, लेकिन स्क्रिप्ट राइटिंग, सिनेमा और टीवी के लिए स्क्रीन राइटिंग, रेडियो जॉकी जैसे प्रोफेशंस में टेÑनिंग और डिप्लोमा कोर्स या फिर जर्नलिजम और मास कम्यूनिकेशन में डिप्लोमा और पोस्टगे्रजएट डिग्री प्राप्त करने से कंटेंट राइटिंग की कला में मास्टरी हासिल की जा सकती है।

सर्वोत्तम कंटेंट कैसे लिखें

लिखने की कला एक कठिन साधना है और इसीलिए इस कला में मास्टरी आसान कार्य नहीं है। प्रसिद्ध अमेरिकी उपन्यासकार और कथाकार अर्निस्ट हेमिंग्वे ने लिखने की कला के बारे में एक बहुत अच्छी बात बताई थी, ‘यह एक ऐसी कला है जिसमें हम सभी हमेशा सीखते ही रहते हैं और इसमें कोई भी कभी भी मास्टर नहीं बन सकता है।’ लिहाजा कंटेंट राइटिंग में भी मास्टरी के लिए हमें निरंतर प्रयास करते रहने की जरूरत है। फिर भी कंटेंट राइटिंग में यदि निम्न बातों का ध्यान रखा जाए तो इससे लक्ष्य की सिद्धि हासिल की जा सकती है-

  • -कंटेंट में नॉवल्टी अर्थात नयापन जरूरी है।

  • -आप जो भी लिखते हैं उसमें यह संदेश जरूर छुपा होना चाहिए कि पाठक या श्रोता के लिए वह कैसे और क्यों महत्वपूर्ण है।

  • -सहज और स्वाभाविक ढंग से लिखें।

  • -कंटेंट में किसी प्रकार की व्याकरण अशुद्धि नहीं रहनी चाहिए।

  • -पाठक या श्रोता को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए सुंदर और आकर्षक थीम सॉन्ग या सिग्नचर ट्यून होना चाहिए।

  • -कंटेंट को सर्च इंजन पर खोज जा सकता हो।

  • -शब्दों के उपयोग के प्रति सावधानी बरतें

  • -कंटेंट बड़े पैमाने पर लोगों को आकर्षित करने वाला होना चाहिए।

  • -कंटेंट में टेक्स्ट का अधिक उपयोग नहीं होना चाहिए। वीडियो, इमेज, ग्राफ और मल्टीमीडिया के अधिक उपयोग से कंटेंट में आकर्षण बना रहता है।

  • -टेक्सट में अनावश्यक शब्द नहीं होना चाहिए। यह कन्साइज और सारगर्भित होना चाहिए।

  • -कंटेंट की एडिटिंग बहुत जरूरी है। इससे कंटेंट में जो कुछ रेलिवन्ट नहीं होता है उसे रिमूव कर सकते हैं।

  • -प्रूफरीडिंग को नजरअंदाज नहीं करें।

  • -कहना क्या चाहते हैं, बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए।

  • -राइटिंग सुगठित होना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि लेख में कोई भटकाव नहीं होना चाहिए। यह विषय पर केंद्रित होना चाहिए।

  • कंटेंट राइटिंग में इन बातों को कभी भी नहीं भूलें

  • -भारी-भरकम शब्दों या वाक्यों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।

  • जब तक आवश्यक नहीं हो, छोटे और आसान शब्दों का इस्तेमाल करें।

  • – आपको क्या कहना है इसे अच्छी तरह जानें।

  • – छोटे वाक्य लिखें। इससे कंटेंट को समझना आसान हो जाता है।

  • -बड़े पैराग्राफ अच्छे नहीं माने जाते हैं, छोटे पैराग्राफ में ही लिखने की कोशिश करें।

  • -जहां तक संभव हो एक्टिव वॉइस में ही लिखें।

  • -नए विचार लिखें, विचारों को दुहराएं नहीं।

  • -पाठक को घुमाएं नहीं, जो कहना हो डाइरेक्ट कहें।

  • -लिखे हुए टेक्स्ट की ध्यानपूर्वक एडिटिंग करें। फिर प्रूफ रीडिंग करें।

  • -लिखने से पहले सब्जेक्ट मैटर के बारे में रिसर्च करें और आवश्यक जानकारियों का संग्रह करें ।

  • -कुछ विशिष्ट और लीक से हट कर लिखें ताकि यह असाधारण और उत्कृष्ट हो ।

  • -जैसे बोलते हैं वैसे ही लिखें ।

  • -विभिन्न विषयों पर पुस्तकों को पढ़ें। इससे राइटिंग स्किल डिवलप होती है।

  • -शब्दों के चयन में सावधान रहें। केवल सटीक और उचित शब्दों का ही इस्तेमाल करें।

                                                                                                                                                                                                श्रीप्रकाश शर्मा


    janwani address 221

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