Sunday, July 13, 2025
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हाइवे-बागपत रोड पर अवैध कॉलोनियों की बाढ़

  • अवैध कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे मेडा के इंजीनियर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्राधिकरण उपाध्यक्ष की तमाम सख्ती के बावजूद हाइवे और बागपत रोड पर अवैध कालोनियों को विकसित की जा रही हैं, जिन पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं। हाइवे पर कई ऐसी कॉलोनी विकसित की जा रही, जिन पर बुलडोजर चलाने की मेडा के इंजीनियर हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। ऐसा तब है, जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष खुद हाइवे पर सर्वे का सत्यापन करने पहुंच गए थे।

इन कालोनियों पर प्राधिकरण कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है? यही वजह है कि अवैध कालोनियों को विकसित करने वाले अवैध बिल्डरों का दुस्साहस बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि हाइवे पर भी अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी, मगर इन पर ध्वस्तीकरण नहीं किया जा रहा है। इसके पीछे इंजीनियरों की खास मेहरबानी अवैध बिल्डरों पर नजर आ रही है। संस्कृति विवाह मंडप से सटकर व्यापक स्तर पर अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई है।

जब इस कॉलोनी के निर्माण की शुरूआत हुई, तभी से ‘जनवाणी’ प्रमुखता के साथ इसे प्रकाशित भी कर रहा है, लेकिन इंजीनियरों की खास मेहरबानी के चलते इस अवैध कॉलोनी पर प्राधिकरण का बुलडोजर नहीं चल पा रहा हैं। यही नहीं, बागपत बाइपास से कैनाल रोड पर ईश्वर धाम नामक अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही है, जिसमें तमाम सड़कों को काली डामर की कर दिया गया है। इस पर ध्वस्तीकरण नहीं किया गया।

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एक तरह से अवैध बिल्डरों का दुस्साहस बढ़ रहा है, जिसके चलते दारा सिंह प्रजापत ने जिस तरह से मेडा का विरोध किया, उसी तरह का मामला यहां भी सामने आ रहा हैं। इन कालोनियों पर इसी वजह से मेडा के इंजीनियर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, ईश्वर धाम कॉलोनी में विद्युतीकरण भी कर दिया गया है, जबकि यहां पर एक भी मकान बना हुआ नहीं है, लेकिन फिर भी अवैध बिल्डरों की प्राधिकरण और ऊर्जा निगम के इंजीनियरों से सेटिंग का खेल चल रहा है।

यही नहीं, बागपत रोड पर ईश्वर धाम के अलावा बागपत बाइपास स्थित सर्विस रोड पर भी एक कॉलोनी विकसित की जा रही है। ये कॉलोनी पूरी ग्रीन वर्ज में हैं, मगर इसमें लोगों को बहकाकर प्लाट दिये जा रहे हैं, जिसके बाद ये लोग मकान बनाकर यहां खड़े कर देते हैं तथा इसके बाद मेडा का विरोध शुरू हो जाता हैं, जब शुरुआत दौर में ही इन पर कार्रवाई दर कार्रवाई कर दी जाती हैं तो बिल्डर की कमर टूट जाती हैं, फिर बिल्डर अवैध कॉलोनी को विकसित करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता हैं।

इस पर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों ने खानापूर्ति का बुलडोजर चलाया था, ऐसा इंजीनियर उमाशंकर बता रहे हैं, लेकिन बड़ी कार्रवाई हुई होती तो फिर से सड़कों को ठीक कर प्लाटिंग का कार्य नहीं किया जाता। अवैध बिल्डर ने फिर से प्लाटिंग की दीवारों और सड़कों चमका कर लोगों को प्लाट बेचने शुरू कर दिये है। बागपत रोड पर दर्जन भर से ज्यादा कालोनियां विकसित की जा रही हैं। इनमें से एक के पास भी मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं। कॉलोनी ही नहीं, बल्कि बड़ी-बड़ी मार्केट बागपत रोड पर बना दी गई है।

पांचली से ठीक पहले बड़ा मार्केट बन गया है। यही ंपर कॉलोनी भी काटी जा रही हैं। इस पर भी कोई कार्रवाई ध्वस्तीकरण कि नहीं की गई। यही नहीं, हाइवे पर सुभारती और एपैक्स कालेज से सटकर एक अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई है। सीवर लाइन भी इसमें डाल दी गई। सड़क का भी निर्माण कर दिया गया, लेकिन इसका भी ध्वस्तीकरण नहीं किया गया। ये हालत हाइवे और बागपत रोड की है, मगर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति करने के लिए इंजीनियर जुटे हुए हैं।

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