- करोड़ों की सरकारी भूमि कब्जा कर खड़ी कर दी तीन मंजिला इमारत
- तत्कालीन ईओ का पालिका की करोड़ों की सरकारी बिल्डिंग को कौड़ियों के भाव बेचने का आरोप
जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ/हापुड़: शहर के बीचों बीच बनी मार्केट तत्कालीन जिलाधिकारी रहे बाबा हरदेव सिंह ने अवैध मानते हुए जमींदोज कर दिया था। उसी करोड़ों रूपये की सरकारी जमीन को नगर पालिका परिषद के अधिकारियों ने 6 जून 2005 को एक साप्ताहिक व्यापारिक समाचार पत्र में 99 वर्गमीटर जमीन को किराए के लिए सार्वजनिक नीलामी सूचना का विज्ञापन निकलवाकर नगर पालिका अधिकारियों ने बड़ा खेल करने का प्रयास किया।
उक्त खेल में नगर पालिका के अधिकारियों ने अलॉटी को चुपचाप तरीके से 99 वर्गमीटर मीटर की निलामी कर जमीन अलॉट कर दी। वही अलॉटी ने 99 वर्गमीटर की जगह 133 वर्गमीटर जमीन कब्जा करवा कर उस पर तीन मंजिला इमारात खड़ी कर दी। मामले का जब तत्कालीन प्राधिकरण के अधिकारियों ने संज्ञान लिया। और शहर के बीचों बीच बिना पार्किग के बनी तीन मंजिला बिल्डिंग के निर्माण को नियम विरूद्ध बताते हुए सूचना नगर पालिका के अधिकारियों और अलॉटी को भी दी गई। मगर, उक्त करोड़ों रूपये की सरकारी जमीन पर बनी बिल्डिंग में उस समय ग्रहण लग गया।
जब नगर पालिका के तत्कालीन ईओ मौहम्मद मसूद अहमद ने भी बिल्डिंग को नियम विरूद्ध बताते हुए अलॉटी को 99 वर्गमीटर से 34 वर्गमीटर पर ज्यादा जमीन कब्जा कर निर्माण करने के आरोप लगाते हुए। कार्यवाही कर दी। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट भी पहुंच गया हाईकोर्ट से भी अलॉटी को राहत नही मिली। उक्त करोड़ों रूपये की सरकारी बिल्ड़िग कभी लोगों के लिए रैन बसैरा बनी तो कभी नशेड़ियों का आशियाना ऐसे ही मामला चलता आ रहा था।
वही तत्कालीन ईओ मोहम्मद मसूद अहमद का आरोप है। अब उक्त करोड़ों रूपये कि बिल्डिंग को नगर पालिका के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि से सांठगांठ कर पूर्वर्ती अलॉटी को आखिरी बोर्ड बैठक में या अन्य किसी तरीके से देकर करोड़ों रूपये के वारेन्यारे करने का आरोप लगाते हुए नगर पालिका को करोड़ रूपये का चुना लगा सकते है।
जिसकी सूचना पत्र के माध्यम से शासन एवं उच्चधिकारियों को अवगत कराया है। जिसके बाद नगर पालिका में हड़कम्प मचा हुआ है। वहीं उक्त मामले पर जब ईओ संजय कुमार गौतम से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि जो भी नियमनुसार होगा वही किया जायेगा। उक्त बिल्डिंग को लेकर कुछ शिकायतें आईं हैं। उनकी जांच की जा रही है। नगर पालिका को किसी भी प्रकार का नुकसान या क्षति पहुंचे वाले अधिकारी एवं कर्मचारियों को बक्शा नही जायेगा।