Wednesday, December 4, 2024
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मजबूरी में तीमारदार ही मरीजों के ‘डाक्टर’

  • आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मिलता है आयुष्मान चिकित्सा योजना का लाभ

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: केन्द्र सरकार की महत्वकांशी आयुष्मान योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस योजना में सरकार पूरे परिवार को पांच लाख रूपये तक की चिकित्सा सेवा मुफ्त प्रदान करती है। योजना के लिए जिले के कई निजी व सरकारी अस्पतालों में मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है।

लेकिन मेडिकल कॉलेज में विशेष रूप से बनाए गए आयुष्मान वार्ड में मरीजों को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही बरती जा रही है। यहां न तो डाक्टर ही मरीजों को देखने पहुंचते है न ही नर्सिंग स्टॉफ का कुछ पता है। कई मरीजों ने पहचान छिपाने की शर्त पर वार्ड के हालात बयां किये।

मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है। यहां मेडिकल प्रशासन की ओर से तमाम तरह की चिकित्सा सेवाएं मरीजों को उपलब्ध कराने के दावे भी किये जाते है। लेकिन रविवार को वार्ड में मरीजों को देखने के लिए कोई डाक्टर उपलब्ध नही था। यहां तक की नर्सिंग स्टॉफ भी अपनी ड्यूटी से गायब दिखाई दिया। वार्ड में करीब 20 मरीज भर्ती थे जिनके तीमारदार ही उनकी देखभाल करते देखे गए।

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मरीजों ने नाम व पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि सुबह से कोई भी डाक्टर उन्हें देखने नहीं आया। जबकि रेजिडेंट डाक्टर्स की चौबीस घंटे ड्यूटी रहनी चाहिए। इसी तरह विशेषज्ञ डाक्टर भी दिन में दो बार सुबह-शाम वार्ड में भर्ती मरीजों को देखने आनें चाहिए। मरीजों को दवा देने से लेकर ड्रिप के जरिये ग्लूकोज व अन्य दूसरी तरल दवाओं को देना चाहिए। लेकिन नर्सिंग स्टॉफ की लापरवाही के चलते तीमारदार ही दवा देने को मजबूर है।

आयुष्मान वार्ड में ही तीन दिन से मुरादाबाद के भर्ती मरीज रामगोपाल की हालत काफी गंभीर थी। मरीज के तीमारदार ने बताया सुबह से लेकर दोपहर बारह बजे तक कोई डाक्टर मरीज को देखने नहीं आया। मरीज बोल भी नहीं पा रहा था और उसपर बेहोशी छाने लगी थी। उसे ड्रिप लगी थी लेकिन दवा देने के लिए तीमारदार ही खुद प्रयास करने में जुटा था। इस तरह के हालात रविवार को नजर आए जो यह बताने के लिए काफी है कि सरकार जरूर आयुष्मान योजना चला रही है लेकिन इसके लाभार्थियों का सरकारी अस्पतालों में किस तरह इलाज होता है।

आयुष्मान वार्ड से इस तरह की शिकायत पहले नहीं आई है। दिखवाया जाएगा कि वार्ड में डाक्टर क्यों नहीं मौजूद रहे। मेडिसिन विभाग के हैड से बात करेंगे और जांच कराएंगे कि आयुष्मान वार्ड में यह लापरवाही क्यों हो रही है। यदि जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -डा. वीडी पांड्ेय, मीडिया प्रभारी, मेडिकल कॉलेज, मेरठ।

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