Tuesday, October 3, 2023
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पैथोलॉजी लैब पर नहीं है टेक्नीशियन की तैनाती

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  • पूरे जिले में केवल 131 पैथलैब ही है रजिस्टर्ड
  • नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही सैकड़ों पैथोलॉजी लैब

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर में डॉक्टर के बिना पैथोलॉजी लैब चल रही हैं। बहुत पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण तक नहीं हैं। कुछ ऐसे भी लोग लैब खोलकर बैठे हैं, जिनको तकनीकी ज्ञान नहीं हैं। जगह-जगह कलेक्शन सेंटर खुले हुए हैं। ये मरीजों के सैंपल भी ले रहे हैं, जिनको किसी तरह की चुनौती नहीं दी जाती हैं। सीएमओ भी इस तरफ से आंखें मूंदे हुए हैं। यही नहीं, कई हॉस्पिटल में भी लैब चल रहे हैं, लेकिन लैब डॉक्टर भी वहां नहीं हैं। लैब टेक्नीशियन ही जांच कर सकते हैं और यहां डॉक्टर खुद हस्ताक्षर कर रिपोर्ट दे रहे हैं।

कई तरह की बीमारियों का पता लगाने के लिए मरीज को जांच करानी होती है। इसके साथ ही शुगर, बीपी, टाइफाइड, डेंगू समेत अन्य तरह के बुखार का पता लगाने के लिए भी खून की जांच की जाती है। यह सभी जांचे पैथलॉजी लैबों में ही होती है और इनकी रिपोर्ट के आधार पर ही डाक्टर मरीज के इलाज को लेकर फैसला करते है। इस वजह से पैथलैबों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पूरे जिले में करीब ढाई हजार पैथलैब चल रही है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में केवल 131 लैबों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है।

पैथोलॉजी लैब चलाने के लिए सबसे पहले जिस व्यक्ति के नाम रजिस्ट्रेशन होना है उसके पास मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) की डिग्री होनी चाहिए। साथ ही एमसीआई से पै्रक्टिस का लाइसेंस लेना भी जरूरी है। लैब में केवल योग्य स्टॉफ की ही नियुक्ति होनी चाहिए। इनमें बायोकेमिस्ट, असिस्टेंट पैथोलॉजिस्ट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट के साथ लैब टैक्निशियन जो मशीनों को संभालने में सक्षम हो शामिल है। वहीं लैब के मालिक व साझेदारी फर्म कौन है उसके नाम से रजिस्ट्रेशन हो सकता है। बिल्डिंग किराए की है तो उसका एग्रिमेंट।

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लैब से निकलने वाले वेस्ट को निस्तारित करने की व्यवस्था, प्रदूषण विभाग की एनओसी, जिस बिल्डिंग में लैब चलानी है उसतक पहुंचने का आसान रास्ता होना चाहिए। आसपास का क्षेत्र गंदगी रहित होना चाहिए, आसपास भीड़भाड़ नहीं होनी चाहिए। लैब में अच्छा वेंटिलेशन होना जरूरी है, इसमें इतना स्थान होना चाहिए कि सभी तरह की मशीनों को आसानी से रखा जा सके। मरीजों के बैठने की उचित व्यवस्था, लैब केवल ग्राउंड फ्लोर पर होनी चाहिए जिससे बूढ़े और चलने-फिरने से लाचार मरीजों को आनें में परेशानी न हो।

इसके साथ ही लैब में सभी तरह के इंस्ट्रक्शन साइनबोर्ड लगे होना जरूरी है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में पूरे जिले में कुल 131 पैथलैब रजिस्टर्ड है जबकि मिली जानकारी के अनुसार करीब ढाई हजार पैथलैब पूरे जिले में चल रही है। जबकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो जांच होती है वह जिला अस्पताल व मेडिकल की माइक्रोबाइलॉजी लैब में होती है।

जिले में जितनी भी पैथोलॉजी लैब बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहीं है, उनकी सूची तैयार कराई जा रही है। जिसके नोडल अधिकारी डा. कांतिप्रसाद है , उनके द्वारा भी अवैध पैथोलॉजी लैबों की जांच की जा रही है। जल्दी ही इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -डा. अखिलेश मोहन, मुख्य चिकित्सा अधिकरी मेरठ

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