Friday, July 5, 2024
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जय श्रीराम से बचो नहीं तो नष्ट हो जाओगे: युद्धवीर सिंह

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जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: जय श्रीराम से बचना होगा, साथ ही अपनी पीढ़ी को भी बचाना होगा। आज सबसे अधिक खतरा दो तरह के समाज से है, पहला वो है जो राम राम भाई का समाज है और दूसरा समाज जय श्रीराम का हो गया है। आपको बस इन जय श्रीराम वालों से बचो।

आज रविवार को जाट प्रांतीय महासम्मेलन को संबोधित कर रहे अखिल भारतीय जाट महासभा के महासचिव युद्धवीर सिंह ने उक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि हमने तो शुरू से ही राम राम कहा है भाई। हमसे बड़ा कोई रामभक्त है ही नहीं, ये आज हमसे हिंदू होने का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं वह खुद को हिंदू या रामभक्त बताने के लिए हमें एक पार्टी के दफ्तर से प्रमाण पत्र लेने की जरूरत पड़ गई है। हम तो थे ही रामभक्त। हमारे राम तो कण कण में हैं। लेकिन, अब ये जय श्रीराम का चलन आ गया है। जय श्रीराम और राम राम में अंतर है। अपनी पीढ़ी को जय श्रीराम से नहीं बचाया तो नष्ट हो जाओगे।

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युद्धवीर सिंह यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि आज भिखमंगों और व्यापारियों के हाथ में देश है। इन्हें कभी देश से प्यार नहीं होता। उन्होंने कहा कि 1857 में मेरठ से क्रांति की शुरुआत हुई, ये गलत है। 1193 में भाचू, बलेड़ा से पहला स्वतंत्रता संग्राम हमारी खाप पंचायत ने लड़ा था। जब फिरंगियों को मारकर भगाया।

युद्धवीर सिंह ने आगे कहा कि लिखने वालों ने उन्होंने नहीं लिखा। उन्हें हमसे एलर्जी थी, क्योंकि हम उनकी दुकान पर नहीं जाते थे। 1857 की लड़ाई मंगल पांडेय ने शुरू की। उसने कारतूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। देश के खिलाफ मंगल पांडेय की लड़ाई नहीं थी, लेकिन इतिहास में उन्हें आजादी की लड़ाई का आगाजकर्ता लिखा गया। जबकि खापों के 8 हजार मल्ल दिल्ली में देश की सुरक्षा में बलिदान हुए उनका कहीं जिक्र नहीं। इतिहास झूठ का पुलिंदा है।

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दरअसल, इस कार्यक्रम के आयोजन में ज्यादा से ज्यादा लोग शामिल हों, इसके लिए जाट महासभा के पदाधिकारी एक महीने से जनसंपर्क में जुटे थे। अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी के नेतृत्व में जाट समाज के लोग गांव-गांव जाकर जनसंपर्क किया था। गांव दबुथवा, पथौली, सरूरपुर, मीरपुर, भदौड़ा, रोहटा आदि गांव के लोगों से सम्मेलन का हिस्सा बनने की अपील की थी।

जाटों के आरक्षण का मुद्दा अब लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए कड़ी चुनौती बन सकता है। क्योंकि जाटों का दो टूक कहना है जो आरक्षण देगा वही हमारा वोट पाएगा। अखिल भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक प्रताप चौधरी के अनुसार, सम्मेलन में जाट समाज के उन सभी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को भी बुलाया गया है, जो सत्ताधारी सरकार में है।

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भारतीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार, इस प्रांतीय सम्मेलन में बालियान खाप के चौधरी, मलिक खाप के अध्यक्ष, तोमर देश खाप के अध्यक्ष, भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जाट समाज के चिंतक भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड से लोग जुटे हैं।

एक अक्टूबर को होगी जाट संसद

जाट सम्मेलन के साथ एक अक्टूबर को मेरठ में जाट संसद भी बुलाई गई है। पिछले तीन महीने से पदाधिकारी जाट संसद की तैयारी में जुटे हैं। लगातार जनसंपर्क भी साधा जा रहा है। इस पंचायत में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल से जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनियाभर से जाट समाज के नेता शामिल होंगे।

नरेश टिकैत बोले, जाट आरक्षण के हकदार

जाट महासभा के प्रांतीय सम्मेलन पहुंचे नरेश टिकैत ने कहा कि यहां बिरादरी एकत्र हुई है किसी पार्टी का झंडा नहीं है। समाज की कुरीतियों को लेकर जाट समाज एकत्र हुआ है। जाट आरक्षण के हकदार हैं और उन्हें केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण मिलना चाहिए। लोकसभा चुनाव से इसका कोई लेना देना नहीं है, जिसकी जहां मर्जी हो वहां वोट करे। उन्होंने कहा कि इतिहास में जाट समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, समाज सुधार के कार्यों में भी जाटों का योगदान रहा है। कहा कि देश के प्रधानमंत्री का कोई विरोध नहीं है।

जाट महासभा में चौधरी प्रदुम्न सिंह, राजस्थान से आये राजा राम मील, राजेन्द्र सिंह सिरोही ने भी संबोधित किया। इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी, सुधीर चौधरी व पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे।

रालोद का भी रहा समर्थन

प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के भी कई बड़े नेता कार्यक्रम में रहे। रालोद के रास्ट्रीय सचिव डॉ. राजकुमार, सांगवान, सुनील रोहटा, अशोक, गौरव काफी संख्या में बड़े रालोद नेता जाट समाज को केंद्र में आरक्षण दिलाने के लिए आगे आए।

पश्चिमी यूपी की राजनीति की दिशा तय करेगा जाट समुदाय

पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का प्रमुख आधार माना जाने वाला जाट समुदाय मेरठ की क्रांति भूमि से राजनीति की दशा और दिशा तय करने जा रहा है। एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में राजनीति, कला, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, रोजगार, सृजन व गौरवशाली जाट इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य को लेकर चर्चा होगी।

इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड सहित गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्यप्रदेश व पश्चिम बंगाल आदि सभी राज्यों में निवास कर रहे जाट समाज के प्रतिनिधियों के साथ देश व दुनिया भर से जाट समाज के लोग इस अधिवेशन का हिस्सा बनेंगे। इससे पहले आज हुए जाट महासभा के इस आयोजन ने जाट आरक्षण को लेकर सियासी सरगरमियां तेज कर दी हैं।

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