जनवाणी ब्यूरो |
गाजीपुर: माफिया मुख्तार अंसारी के अंदर हिंदू मुस्लिम का भेदभाव कूटकूट कर भरा था। पूर्वांचल में जितने मुस्लिम माफिया था तकरीबन सभी एकछत के नीचे मुख्तार अंसारी की सरपरस्ती में फलने फूलने लगे थे। तो वहीं जितने हिंदू माफिया, ठेकेदार और धनाड्य व धर्माधिकारी थे सभी मुख्तार और उसकी टीम के निशाने पर आए।
मुख्तार अंसारी हिंदू माफियाओं को आपस में ही भिड़ाकर रखता था। साथ ही एक दूसरे के खिलाफ यूज अच्छे से करता था और किसी को हिंदू मुस्लिम रणनीति की भनक भी नहीं लगने देता था।
माफिया मुख्तार अंसारी का जनाजा घर से निकला, थोड़ी देर में किया जाएगा सुपुर्द-ए-खाक
वर्ष 1988 में मुख्तार और साधु सिंह ने ठेकेदार सच्चिदानंद राय और त्रिभुवन सिंह के भाई राजेंद्र सिंह की हत्या कर दी, जिसने पूर्वांचल में दो बड़े माफिया की कभी न खत्म होने वाली दुश्मनी को जन्म दिया। दोनों एक-दूसरे के करीबियों को ठिकाने लगाते रहे।
मुख्तार और उनके भाई ने राजनीति में अपनी पैठ बनाई तो बृजेश सिंह ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय से नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी। सत्ता के संरक्षण की वजह से अंसारी बंधुओं का पलड़ा भारी पड़ा तो बृजेश को यूपी छोड़ना पड़ गया। वहीं कृष्णानंद राय की हत्या के बाद मुख्तार का पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड में एकछत्र राज हो गया।