- आचार संहिता लागू होते ही पाबंदियां भी लग गईं
मुख्य संवाददाता |
सहारनपुर: चुनाव आयोग ने राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। जहां तक सहारनपुर की बात है तो यहां मतदान 14 फरवरी को यानि कि दूसरे चरण में होगा।
आचार संहिता लागू होते ही तमाम तरह की पाबंदियां भी लगाई जा रही हैं। नेताओं के होर्डिंग्स वगैरह हटाए जा रहे हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी अखिलेश सिंह ने कहा है अब मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के साथ नहीं मिलाएंगे और न ही चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी तंत्र या कार्मिकों का प्रयोग करेंगे।
हालांकि, आयोग ने चुनाव प्रचार दौरे के साथ आधिकारिक दौरे को मिलाने संबंधी आदर्श आचार संहिता के प्रावधान से प्रधानमंत्री को छूट दी हुई है। सरकारी वाहन को किसी भी पार्टी या प्रत्याशी हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं किया जाएगा। चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध होगा।
अगर किसी का ट्रांसफर करना भी है तो पहले चुनाव आयोग से इसकी इजाजत लेनी होगी? इसके अलावा खाली पदों पर भी कार्यभार नहीं दिया जा सकता। कोई भी मंत्री चुनाव की अवधि के दौरान किसी आधिकारिक चर्चा के लिए किसी राज्य या चुनाव क्षेत्र के निर्वाचन संबंधी अधिकारी को नहीं बुला सकता है।
आदर्श आचार संहिता क्या होती है?
आदर्श आचार संहिता राजनैतिक पार्टियों और चुनाव प्रत्याशियों के मार्गदर्शन के लिए तय किए गए कुछ नियम होते हैं, जिनका चुनाव के दौरान पालन किया जाना आवश्यक होता है। चुनाव आयोग की ओर से दी गई|
परिभाषा के अनुसार, आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति से तैयार किया गया है।
कौन-कौन से काम नहीं होंगे
चुनाव आयोग के अनुसार, सत्ताधारी पार्टी की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए उपलब्धियों के संबंध में सरकारी कोष की लागत पर कोई भी विज्ञापन जारी नहीं हो सकते।
सरकार के होर्डिंग, विज्ञापन आदि के बोर्ड हटा दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, अखबारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सहित अन्य मीडिया पर सरकारी राजकोष के खर्चें पर कोई विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा।