- कागजातों के नाम पर वसूली जाती है मोटी रकम, होमगार्ड भी निभाते हैं पूरी भूमिका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ट्रैफिक पुलिस को चेकिं ग की जिम्मेदारी मिलते ही पुलिस खुलकर अवैध वसूली में जुट गई है। यही वजह है कि शहर में अलग-अलग स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस के चेकिंग प्वाइंट के स्थान पर वसूली प्वाइंट बन गए हैं। ये वही है स्थान हैं जहां ट्रैफिक पुलिस सुबह से लेकर शाम होने तक वाहनों की चेकिंग और कागजातों के नाम पर वसूली करते देखी जा सकती है। इन वसूली प्वाइंट पर एक एसआई से लेकर तीन से चार सिपाही और होमगार्ड अपनी ड्यूटी निभाते हैं।
मवाना रोड पर डेयरी फार्म
मवाना रोड स्थित डेयरी फार्म के सामने ट्रैफिक पुलिस दुपहिया व चौपहिया वाहनों और बड़ी गाड़ियों की चेकिंग के नाम पर सुबह से डयूटी पर खड़े हो जाते हैं। इनमें ट्रैफिक पुलिस का एक एसआई और दो तीन ट्रैफि क सिपाही व होमगार्ड शामिल होकर उन वाहनों को जो गैर जिलों से आते हैं उन पर पैनी नजर गड़ाये रहते हैं।
गैर जिलों के वाहनों को देखते ही ये उन पर टूट पड़ते हैं और उनमें ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर उनसे अवैध वसूली करने में पीछे नहीं हटते। हालांकि ट्रैफिक पुलिस का ये रवैया मेरठ जिले के वाहन चालकों पर भी खूब चलते देखा जा सकता है।
चिराग चौराहा
लालकुर्ती और सदर क्षेत्र में लगने वाला चिराग स्कूल का वह चौराहा जहां से रोज हजारों वाहन गुजरते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इस प्वाइंट पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित किया हुआ है।
ट्रैफिक पुलिस रोज इस प्वाइंट पर वाहनों की चेकिंग के नाम पर चालकों से वसूली करने से पीछे नहीं हटती। ट्रैफिक पुलिस इस चेकिंग प्वाइंट पर सुबह से खड़े होकर वाहनों को ट्रैफिक नियमों का हवाला देकर अपने होमगार्डस के माध्यम से वसूली करवाने में जुटी रहती है।
गांधी बाग प्वाइंट
यह ट्रैफिक पुलिस का ऐसा प्वाइंट है, जहां से हजारों की तादाद में वाहनों का काफि ला रुड़की रोड कंकरखेड़ा रोड, शहर मे दिल्ली रोड, आबूलेन बाजार से होकर गुजरता है।
ट्रैफिक पुलिस के लिए यह चेकिंग प्वाइंट कुछ ज्यादा खास माना जाता है। यहां एक एसआई से लेकर सिपाही वाहन चालकों से चेकिंग के नाम पर वसूली करने में लगे रहते हैं। अवैध वसूली में इनके साथ ट्रैफिक के होमगार्ड इनके हेल्पर के रूप में काम करते हैं।
रोहटा रोड रेलवे ओवरब्रिज
ट्रैफिक पुलिस इस प्वाइंट पर भी चेकिंग के लिए सुबह से वाहनों के कागजात चेक करने में लग जाती है। यहां पर दो एसआई से लेकर तीन चार सिपाही और होमगार्ड वाहनों को रोककर चेकिंग करते देखे जा सकते हैं। अगर किसी वाहन चालक या वाहन में कोई ट्रैफिक नियम की कमी दिखाई देती है तो उनसे वसूली कर उन्हें आसानी से छोड़ दिया जाता है।
कचहरी नाले पर ई-रिक्शा, आटो का जमावड़ा बदस्तूर जारी
लालकुर्ती क्षेत्र बेगमब्रिज क्षेत्र कचहरी नाला मार्ग पर ई-रिक्शा और आॅटो का जमावड़ा बदस्तूर जारी है। सड़क के दोनों तरफ बेतरतीब खड़े ये ई रिक्शा न केवल आवागमन में ट्रैफिक के लिए बाधक बने हुए हैं। बल्कि आम लोगों के लिए मुसीबत बनकर सामने आये हैं। ट्रैफिक पुलिस इनको हटाने के बजाय इन पर मेहरबानी बनाये है।
बेगमब्रिज चौराहा पर 14 घंटे लगने वाले जाम के बाद भी ट्रैफिक पुलिस तमाशबीन बनकर रह गई है। वाहनों की चेकिंग करने के नाम पर ट्रैफिक पुलिस सुबह से बेगमब्रिज चौराहे पर खड़े होकर अवैध वसूली में जुट जाती है। वाहनों के कागजात दिखाने और सीट बेल्ट लगाने व दुपहिया वाहनों पर हेलमेट के नाम पर चालानी कार्रवाई कम उनसे अप्रत्यक्ष तौर पर अवैध वसूली में लिप्त रहती है।
अवैध वसूली के लिए अलग से प्राइवेट स्तर पर रखे गये युवक गुपचुप तरीके से वाहन चालकों से लेनदेन में लग जाते हैं।कचहरी नाला मार्ग पर सुबह से लेकर रात तक जाम की स्थिति बनी रहती है। नाले की तरफ रखे अस्थाई खोखे और ऊपर से सड़क के दांये व बांये तरफ ई-रिक्शा व आॅटो के खड़े होने पर वाहन चालकों को वहां से निकलना मुश्किल ही नहीं हो जाता बल्कि अपने गंतव्य पर भी नहीं पहुंच पाते। लेकिन सड़क पर फैली ट्रैफिक अव्यवस्था के चलते ट्रैफिक पुलिसकर्मी जानबूझकर इस तरफ से अंजान बने रहते हैं।
यही वजह है कि रोज लोग जाम में फंसकर रह जाते हैं। बेगमब्रिज चौराहे पर ठेलों का जमावड़ा पुलिस ने दो चार घंटे के लिए हटवाया, लेकिन उसके बाद फिर वहीं स्थिति बनती नजर आई। बताते हैं कि ट्रैफिक पुलिस से लेकर थाना पुलिस को ठेला चालकों द्वारा एक मुश्त बंधी धनराशि उनके पास पहुंच जाती है। यही वजह है कि ट्रैफिक पुलिस और थाना पुलिस के संरक्षण में सड़कों पर लगने वाले ठेले रोज वहीं नजर आते हैं।