जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने सीमा पर चल रही चीन की सैन्य गतिविधि के बारे में मंगलवार को बड़ी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि चीनी सेना (पीएलए) जो वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास करती है, उसकी गतिविधियों के स्तर में कुछ वृद्धि हुई है, लेकिन वह गहन क्षेत्रों में है।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष एलएसी के करीब बुनियादी ढांचे को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं और इससे कभी-कभी समस्या उत्पन्न हो जाती है। लेकिन चिंता करने की बात नहीं है हमने एलएसी के साथ-साथ गहन क्षेत्रों में भी अपनी निगरानी बढ़ा दी है।
आने वाली किसी भी आकस्मिकता से निपटने के लिए हमारे पास प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल उपलब्ध है। पेट्रोलिंग पैटर्न न तो बढ़ा है और न ही ज्यादा बदला है, कुछ क्षेत्रों में मामूली वृद्धि हुई है।
हमने निगरानी ड्रोन औ यूएवी को शामिल किया
लेफ्टिनेंट मनोज पांडे ने कहा कि किसी भी खतरे से निपटने के लिए हमने निगरानी ड्रोन औ यूएवी को शामिल किया है।
इसके अलावा बेहतर निगरानी रडार और संचार प्रणाली जिसके पास उच्च गुणवत्ता वाली रात्रि दृष्टि क्षमता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का परिचय हमारे प्रमुख क्षेत्रों में से एक रहा है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं।
इससे पहले वायुसेना प्रमुख ने भी किया था लद्दाख का दौरा
लद्दाख में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने रविवार को इलाके का दौरा किया था।
लद्दाख पहुंचकर वायुसेना प्रमुख ने तैयारियों का जायजा लिया और एयरबेस पर मौजूद अधिकारियों के साथ बातचीत की थी। वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी के दौरे से दो हफ्ते पहले ही सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भी लद्दाख का दौरा किया था।