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केंद्रीय विद्यालय क्रमांक -1 रुड़की में बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जयंती का आयोजन
जनवाणी ब्यूरो |
रुड़की: केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की में भारतीय सविधान के निर्माता एवं देश में छुआछूत जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए कृत संकल्प बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयंती को धूम-धाम से मनाया गया| सर्वप्रथम प्रातः कालीन सभा में विद्यालय के प्राचार्य, उप प्राचार्या, शिक्षकगण तथा विद्यार्थियों ने बाबा साहब अम्बेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की ।
अपने संबोधन में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के जीवन-दर्शन एवं कार्यों को बताते हुए विद्यालय के प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर एक भारतीय राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे। जिन्होंने भारत के संविधान के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमारा भारत एक विशाल देश है और इस देश में कई जाति, धर्म के लोग रहते हैं।
किसी भी देश के विकास में जाति-पाति, ऊंच-नीच, अमीर-गरीब , छुआ-छूत जैसे सामाजिक भेदभाव सही नहीं है| इस सामाजिक भेदभाव की वजह से कई सारी समस्याएं उत्पन्न होती है। अम्बेडकर जी ने जातिगत व्यवस्था और भेदभाव के खिलाफ तथा निम्न जाति के लोगों को उनके मूल अधिकार दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया| इस सामाजिक समस्या को खत्म करने और समाज के सभी वर्गों के लोगों में प्रेम भाव उत्पन्न करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।
विद्यार्थियों को अपने संबोधन में उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने कहा कि डॉ अम्बेडकर स्वतंत्र भारत के संविधान के वास्तुकार थे और उनका उद्देश्य समाज के प्रत्येक सदस्यों के बीच जाति और धर्म के भेदभाव को दूर कर समानता और संतुष्टि की भावना पैदा करना था। उन्होंने शिक्षा के महत्व को महसूस किया और पिछड़े वर्गों को शिक्षित होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने भारतीय संविधान को तैयार करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसलिए उन्हें ‘भारतीय संविधान का पिता’ भी कहा जाता है।
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