Wednesday, July 3, 2024
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धर्म का प्रभाव

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Amritvani 18


एक व्यक्ति ने साधक से पूछा-क्या कारण है कि आज धर्म का असर नहीं होता? साधक बोले-यहां से दिल्ली कितनी दूर है? उसने कहा-दो सौ मील। तुम जानते हो? हां मै जानता हूं। क्या तुम अभी दिल्ली पहुंच गए? पहुंचा कैसे?,अभी तो यहां से चलूंगा तब पहुंचूंगा। साधक बोले यही तुम्हारे प्रश्न का उत्तर है, दिल्ली तुम जानते हो, पर जब तक तुम उस और प्रस्थान नहीं करोगे तब तक दिल्ली नहीं पहुंच सकोगे। यही बात धर्म के लिए है। लोग धर्म को जानते हैं, पर जब तक उसके नियमों पर नहीं चलेंगे, उस और गति नहीं करेंगे, धर्म पा नहीं सकेंगे, अंगीकार किए बिना धर्म का असर कैसे होगा? शिष्य गुरु के पास आकर बोला, गुरुजी हमेशा लोग प्रश्न करते है कि धर्म का असर क्यों नहीं होता,मेरे मन में भी यह प्रश्न चक्कर लगा रहा है। गुरु समयज्ञ थे, बोले-वत्स! जाओ, एक घड़ा शराब ले आओ। शिष्य शराब का नाम सुनते ही अवाक रह गया। गुरु और शराब! वह सोचता ही रह गया। गुरु ने कहा सोचते क्या हो? जाओ एक घड़ा शराब ले आओ। वह गया और एक छलाछल भरा शराब का घड़ा ले आया। गुरु के समक्ष रख बोला-आज्ञा का पालन कर लिया। गुरु बोले-यह सारी शराब पी लो। शिष्य अचंभित, गुरु ने कहा शिष्य! एक बात का ध्यान रखना, पीना पर शीघ्र कुल्ला थूक देना, गले के नीचे मत उतारना। शिष्य ने वही किया, शराब मुंह में भरकर तत्काल थूक देता, देखते देखते घडा खाली हो गया। आकर कहा- गुरुदेव घडा खाली हो गया। तुझे नशा आया या नहीं? पूछा गुरु ने। गुरुदेव नशा तो तब आता जब शराब गले से नीचे उतरती। बस फिर धर्म को भी ऊपर से जान लेते हो, गले के नीचे तो उतरता ही नहीं, व्यवहार में आता नहीं तो प्रभाव कैसे पड़ेगा?


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