Friday, January 24, 2025
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भ्रष्टाचार के खिलाफ रंग लाई ‘जनवाणी’ की मुहिम

  • आउटसोर्सिंग ठेका निरस्त, 22-बी होगा सील, 22-बी का ट्रेडिंग लाइसेंस निरस्त
  • जानबूझकर लापरवाही करने वाले सफाई निरीक्षक अभिषेक सस्पेंड
  • सफाई अधीक्षक वीके त्यागी का तीन वर्ष के लिए इन्क्रीमेंट रोका
  • इंजीनियरिंग सेक्शन के एई पीयूष गौतम व जेई अवधेश यादव का बतौर जुर्माना के रूप में एक-एक माह का बेसिक वेतन रोका

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बुधवार का दिन कैंट बोर्ड के भ्रष्टाचार में लिप्त कर्मचारियों पर गाज गिराने वाला रहा। कैंटोमेंट बोर्ड अध्यक्ष एवं ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने जिस तरह से भ्रष्टाचार के खिलाफ तेवर दिखाये, उससे कैंट बोर्ड कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। एक के बाद एक ऐसे निर्णय लिये, जिससे कैंट बोर्ड की छवि को साफ करने की कोशिश की गई। होटल 22-बी के ट्रेडिंग लाइसेंस को निरस्त करते हुए उसे तत्काल सील करने के आदेश दिये।

लाइसेंस जारी करने में सफाई निरीक्षक अभिषेक की प्रारंभिक जांच पड़ताल में संलिप्ता स्पष्ट होने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। सफाई अधीक्षक वीके त्यागी का तीन वर्ष का इंक्रीमेंट रोक दिया गया। पचास हजार का अर्थदंड लगाने के भी आदेश दिये। कार्रवाई यहीं पर नहीं रुकी, बल्कि ट्रेडिंग लाइसेंस की संस्तुति करने वाले इंजीनियरिंग सेक्शन के एई पीयूष गौतम व जेई अवधेश यादव का एक माह का बेसिक वेतन बतौर जुर्माना कटौती करने के आदेश दिये।

इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण निर्णय आउटसोर्सिंग डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के टेंडर को भी निरस्त कर दिया गया। इसमें भी भ्रष्टाचार हुआ। तत्कालीन सीईओ नावेन्द्र नाथ भ्रष्टाचार के हमाम में डूबे हुए हैं, जिनकी जांच पड़ताल चल रही हैं।

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निर्धारित समय से करीब पौने एक घंटा विलंब से चालू हुई कैंट बोर्ड की बैठक में सबसे पहले 22-बी के ट्रेडिंग लाइसेंस का मामला उठा। इस मुद्दे पर सर्वप्रथम सीईओ ज्योति कुमार ने सफाई दी। कहा कि उनकी नई तैनाती हैं, उन्हें 22-बी का क्या प्रकरण चल रहा हैं? यह नहीं मालूम था। बोर्ड कर्मचारियों ने उन्हें गुमराह किया, जिसके बाद यह ट्रेडिंग लाइसेंस जारी हो गया। इसमें सीधे-सीधे सेन्ट्री और इंजीनियरिंग अनुभाग के अधिकारी दोषी हैं।

इतना कहकर सीईओ ने अपनी बात को विराम दे दिया, जिसके बाद कैंटोमेंट बोर्ड अध्यक्ष एवं ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने कहा कि इसमें विभाग के अफसरों की 22-बी के संचालक से मिलीभगत स्पष्ट हो रही हैं। ठीक है सीईओ नये हैं, लेकिन संस्तुति की रिपोर्ट लगाने वाले कर्मचारी तो पुराने हैं। सरकारी दस्तावेजों में सील लगी हैं, फिर कैसे ट्रैडिंग लाइसेंस जारी कर दिया गया?

इसके बाद ही कैंटोमेंट बोर्ड अध्यक्ष एवं ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने बोर्ड बैठक में ही सर्वप्रथम इंजीनियर पीयूष गौतम को तलब किया। कुछ देर बोर्ड बैठक रुकी रही। फिर पीयूष ने बोर्ड बैठक में पेश होकर लाइसेंस की संस्तुति करने पर सफाई दी, लेकिन बाद में अपनी गलती भी स्वीकार की। मामले को डायवर्ट करने के लिए सेन्ट्री अनुभाग को पूरी तरह से घसीटने की कोशिश की, मगर कैंटोमेंट बोर्ड अध्यक्ष एवं ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने उन्हें रोक दिया।

कहा कि जो पूछा गया है, उस पर स्पष्ट करें कि क्या आप 22-बी प्रकरण से वाकिफ थे? यदि थे तो फिर लाइसेंस जारी करने की संस्तुति कैसे कर दी? इस पर एई पीयूष गौतम ने अपनी गलती स्वीकारी। इसके बाद ही सेन्ट्री अधीक्षक वीके त्यागी को बुलाया गया, उनसे भी यही सवाल कैंटोमेंट बोर्ड अध्यक्ष एवं ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने किया। उनका पक्ष सुनने के बाद भी ब्रिगेडियर असंतुष्ट दिखे,

जिसके बाद ही उन्होंने कार्रवाई करते हुए सफाई अधीक्षक वीके त्यागी का बतौर सजा के रूप में तीन वर्ष का इंक्रीमेंट रोकने के आदेश दिये। सफाई निरीक्षक अभिषेक गंगवार को निलंबित कर दिया । इंजीनिरिंग सेक्शन द्वारा भी उक्त विषय मे रिपोर्ट लगाने में बरती गई लापरवाही पर एई पीयूष गौतम व जेई अवधेश यादव को एक माह के बेसिक वेतन का बतौर जुर्माना लगा दिया।

बोर्ड अध्यक्ष इस बात से भी हैरान थे कि 2019 से अब तक 22-बी के खिलाफ सील की कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि आईजी को पत्र लिखकर फोर्स की मांग की जाए तथा तत्काल 22-बी को सील किया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सील तोड़ता है तो एफआईआर करें। इसमें सख्ती से पेश आये।

कूड़ा कलेक्शन का ठेका भी हुआ निरस्त

बोर्ड बैठक में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले में भ्रष्टाचार को लेकर कैंट बोर्ड की खासी किरकिरी हो रही थी। यह मुद्दा भी बोर्ड बैठक में उठा। आउटसोर्सिंग कर्मचारी अरेंज करवाने वाली कंपनी के ठेके को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। इसमें कंपनी कर्मचारियों को तय मानकों से कम वेतन दे रही थी। इसकी शिकायत भी मिली। इस मुद्दे को लेकर कैंट बोर्ड में सफाई कर्मी हड़ताल पर भी जा चुके हैं।

चार माह से कर्मचारियों को वेतन भी नही मिल रहा था। इससे पहले हुई बोर्ड बैठक में ठेकेदार मयंक चौधरी को बुलवाकर वार्ता भी की गई थी, जिसमें एक मौका दिया गया था। इसके बाद भी ब्रिगेडियर राजीव कुमार ने कहा कि ठेकेदार सुधरा नहीं तो ठेका ही निरस्त कर दिया जाए। तमाम बकाया क्लीयर करेगा, जिसके बाद ही भुगतान किया जाएगा।

विवाद थम नही रहा था और मुद्दा लेबर कमिश्नर तक पहुंच गया था, जिस कारण बुधवार को बोर्ड ने इस ठेके को निरस्त करने का निर्णय लिया। वैकल्पिक व्यवस्था तक कैंट बोर्ड अपने कर्मचारी सफाई व्यवस्था में लगायेगा। उधर, सीईओ ने ठेके को तीन अलग- अलग केटेगिरी में बनाने का प्रस्ताव दिया, ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत नहीं हो। इसे बोर्ड ने मंजूरी दे दी ।

जनता को दी राहत

कैंट बोर्ड ने कैंट क्षेत्र के निवासियों के लिए गली मोहल्लों में टेंट लगाने के रेट पर जो फीस दी जाती हैं, उसे कम कर दिया है। एक तरह से यह जनता को राहत दी गई। इसके साथ ही धर्मशाला का जो किराया बढ़ाया गया था, उसे भी कम कर दिया। मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा ने यह मुद्दा उठाया था। दरअसल, धर्मशालाओं में जो कार्यक्रम होते थे, उसकी फीस में वृद्धि कर दी गई, जिसमें अब कम कर दिया गया।

ये रहे बैठक में मौजूद

बोर्ड बैठक में बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर राजीव कुमार, सीईओ ज्योति कुमार, मनोनीत सदस्य डा. सतीश शर्मा व कार्यालय अधीक्षक जयपाल तोमर ओर एकाउंटेंट जॉन शामिल रहे।

इन प्रस्तावों पर हुई चर्चा

  1. बोर्ड कार्यालय के लिए एक कम्प्यूटर खरीद को मिली मंजूरी
  2. टैक्स म्यूटेशन आवेदन ई-पोर्टल पर लिए जाएंगे
  3. म्यूटेशन के लिए समाचार पत्रों में सूचना के रेट 4000 रुपये तक किये।
  4. कांवड़ यात्रा के दौरान लाइटिंग व अन्य व्यवस्था के लिए टेंडर को स्वीकृत दी।
  5. डा. सतीश ने कैंट की सड़कों की रिपेयर का मुद्दा उठाया गया।
  6. गंगा मोटर कमेटी की जगह को आरआरटीएस को दिए जाने पर उन्हें कोई वैकल्पिक स्थान देने पर भी चर्चा हुई, लेकिन बोर्ड ने गंगा मोटर को छावनी क्षेत्र में जमीन उपलब्ध कराने में असमर्थता जाहिर कर दी।
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