- टूटी नगर निगम की कुंभकर्णी नींद, नौचंदी मेला आयोजन स्थल का लिया जायजा, क्योस्क में डाले ताले
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेला नौचंदी की बदहाली पर जनवाणी की खबर का फास्ट असर सोमवार को देखने को मिला। दरअसल, जनवाणी के सोमवार के अंक में मेला नौचंदी स्थल के रखरखाव को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। इस समाचार का असर चंद घंटों बाद ही दिखाई दिया। नगरायुक्त अमित पाल शर्मा समेत निगम प्रशासन के तमाम आलाधिकारियों का काफिला नौचंदी मेला स्थल के उस स्थान पर जा पहुंचा, जिसका जिक्र समाचार में किया गया था।
मेला नौचंदी स्थल को लेकर निगम प्रशासन की अनदेखी किसी से छिपी नहीं है। मेला स्थल के रखरखाव को जो दावे व वादे अफसरों ने किए थे, उन सभी पर भुल जाने की गर्त चढ़ती चली गयी। नतीजा यह हुआ कि मेले में जहां दुकानें सजा करती हैं वहां अस्तबल बना दिए गए। मैदान के एक बड़े हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर वहां उपले पाथे जा रहे हैं। तय किया गया था कि शहर में जितनी भी साप्ताहिक पैंठे लगती हैं उन सभी को मेला स्थल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
इससे जहां एक ओर शहर के यातायात को सुधारने में मदद मिलेगी वहीं दूसरी ओर नगर निगम को भी अच्छा खासा राजस्व मेला नौचंदी से निरंतर मिलने का रास्ता खुल जाएगा। साथ ही जो लोग साप्ताहिक पैंठों में खरीदारी करने को जाते हैं, उनके लिए भी सुविधा रहेगी। सबसे ज्यादा अच्छी बात तो यह रहेगी कि नौचंदी मेला खत्म होने के बाद भी पूरे साल मेला स्थल का रखरखाव किया जा सकेगा।
आए दिन निगम प्रशासन की ओर से मेला स्थल से सामान चोरी होने की जो बातें सामने आती हैं उन भी अंकुश लगा रहेगा। क्योंकि जब साप्ताहिक पैंठे निरंतर लगवायी जाती रहेंगी तो फिर मेला स्थल पर जो निगम का कार्यालय हैं। वहां भी स्टाफ मेला के इतर भी पूरे साल बाकी दिनों में बैठने लगेगा। जब स्टाफ बैठेगा तो मेला स्थल पर जो सामान व मशीनें आदि लगाए जाने की बात निगम के अफसर कहते हैं वो भी सुरक्षित रहेगी।
बड़ी आबादी को मिल सकेगी राहत
मेले की सुध लेने उतरे निगम के अफसर जिस प्रकार से जनवाणी की खबर के बाद मंगलवार को एक्टिव मोड में नजर आए हैं, वैसा एक्शन यदि लगातार बना रहेगा तो सबसे बड़ी राहत नौचंदी मेला स्थल के आसपास रहने वाली बड़ी आबादी को मिल सकेगा। लोगों ने बताया कि यदि निगम प्रशासन ने शहर के दूसरे स्थानों पर लगने वाली साप्ताहिक पैंठ मेला स्थल पर शिफ्ट करा दीं तो जो डंपिंग ग्राउंड मेला स्थल के तिरंगा गेट पर बना दिया गया है उससे भी मुक्ति मिल जाएगी।
सुपरवाइजर निलंबित, अवर अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्ठि दी
नगर निगम क्षेत्र में चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का मंगलवार को नगरायुक्त ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने टीम के साथ शहर में बनाए जा रहे ट्रांसफर स्टेशन व कंकरखेड़ा स्थित वाहन डिपो का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होेंने कार्य में स्थिलता बरतने पर सुपवाइजर को निलंबित करने के साथ निर्माण विभाग के अवर अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि जारी कर दी। मंगलवार दोपहर नगरायुक्त डा. अमित पाल शर्मा द्वारा शहर में विभिन्न विकास कार्यों का स्थलीय औचक निरीक्षण किया गया।
जिसमें अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. हरपाल सिंह देवेन्द्र कुमार, मुख्य निर्माण अभियन्ता, राजवीर सिंह, सहायक अभियन्ता, पदम सिंह, मदनपाल, अवर अभियन्तागण, मयंक मोहन, टीम लीडर एसबीएम आदि के साथ नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत निर्मित कराये जा रहे ट्रांसफर स्टेशन व वाहन डिपो का निरीक्षण किया गया। इस दौरान नौचंदी परिसर में निर्मित कराये गये ट्रांसफर स्टेशन का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण में पाया कि संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा आगणन प्रस्ताव तैयार करते समय अप्रोच रोड, गेट, वाहन खड़ा करने के लिए प्लेटफार्म आदि सम्मिलित नहीं किये गये तथा स्थल पर कार्य संतोषजनक नहीं मिलने पर सुपरवाइजर व अवर अभियन्ता द्वारा नहीं पाया गया। इसपर सम्बन्धित सुपरवाइजर रामेन्द्र कुमार को निलम्बित करने व संबंधित अवर अभियंता पदम सिंह को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए। ट्रांसफर स्टेशन को चालू करने के लिए विद्युत कनेक्शन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने पर प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी से की।
जिसमें अवगत कराया गया कि इस सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता (विद्युत) से सम्पर्क किया गया। जिसके बाद कंकरखेड़ा क्षेत्रांतर्गत मार्शल पिच के पास निर्मित कराये जा रहे ट्रासफर स्टेशन का निरीक्षण किया गया। जिसमें सुपरवाइजर श्यामसिंह को निलम्बित करने व मदनपाल, अवर अभियन्ता को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही सही प्रकार से आगणन तैयार न करने, कार्य में शिथिलता बरतने पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने एवं सहायक अभियन्ता को चेतावनी दी गई।
नंगलाताशी में निर्मित कराये जा रहे नये वाहन डिपो का निरीक्षण किया गया। यहां पर अवर अभियंता से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही संबंधित सहायक अभियन्ता/अधिशासी अभियन्ता को चेतावनी दी गई। इस दौरान एक माह के अन्दर कार्य पूर्ण कराया जाये। अन्यथा की दशा में निर्धारित की गयी समयावधि में कार्य पूर्ण न होने पर सम्बन्धित ठेकेदार से एक प्रतिशत प्रतिदिन की दर से कटौती की बात कही।