- सीईओ और डीईओ के ज्वाइंट आपरेशन में बंगला-64 के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
- ध्वस्तीकरण के दौरान न तो भूमाफिया न ही उनके पैरोकार बोर्ड सदस्य आए दूर-दूर तक नजर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महज 24 घंटे के अंदर जनवाणी की खबर का असर दिखाई दिया। हिल स्ट्रीट स्थित बंगला-64 में रात में भरपूर पर्दादारी से किए जा रहे अवैध निर्माण को सीईओ और डीईओ के निर्देश पर शनिवार सुबह किए गए एक ज्वाइंट आॅपरेशन में जमींदोज कर दिया गया।
इस कार्रवाई से उन भूमाफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है जो हरे भरे कैंट को कंकरीट के जंगल में तब्दील करने पर तुले हुए हैं। भारत सरकार की जमीनों पर अवैध कब्जे व निर्माण करने वालों को ये बड़ा झटका है। आने वाले दिनों में कैंट में ऐसे ही कुछ अन्य बड़े ध्वस्तीकरण देखने को मिलेंगे। इसकी स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है।
एक दिन पहले तैयारी
हिल स्ट्रीट में भूमाफियाओं और उनके पैरोकार सदस्यों को सबक सिखाने की तैयारी एक दिन पहले ही कर ली गयी थी। सीईओ व डीईओ का इसके लिए इंजीनियरिंग सेक्शन को ग्रीन सिग्नल मिल गया था। दस्ते को सुबह सात बजे कैंट बोर्ड आॅफिस रिपोर्ट करने के निर्देश दिए थे। पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा गया था ताकि भूमाफियाओं के पैरोकारों को कैंट प्रशासन के ऐक्शन की भनक तक न लगे।
जेसीबी के शोर से टूटी नींद
शनिवार सुबह कैंट कार्यालय से सीईओ व डीईओ के ज्वांइट आॅपरेशन को अंजाम देने के लिए दस्ता दबे पैर हिलस्ट्रीट के बंगला-64 पहुंचा। वहां काफी बड़ा अवैध निर्माण कर लिया गया था। ये देखकर खुद कर्मचारी भी हैरानी जता रहे थे कि कितनी सफाई के साथ चोरी छिपे अवैध निर्माण किया जा रहा था। जेई अवधेश यादव का इशारा मिलते ही जेबीसी ने अवैध निर्माण को मिट्टी में मिलाना शुरू कर दिया। जेसीबी की आवाजें सुनकर आसपड़ोस में जो लोग गहरी नींद में थे वो हड़बड़ा कर जाग गए। किसी के कुछ समझ में नहीं आया।
रात के अंधेरे में निर्माण
लोगों ने जनवाणी संवाददाता को बताया कि कई दिन तक तो उन्हें भी नहीं पता चला सका था कि अवैध निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण सामग्री लाने वाले ट्रक भी आमतौर पर रात के अंधेरे में पहुंचा करते थे। तमाम लेबर पूरी रात काम करती थी। कोई अंदर न घुसे इसके लिए हट्टे-कट्टे बाउंसर टाइप कुछ लोग मुस्तैद रहते थे। किसी को भी अंदर नहीं घुसने देते थे।
ये है पूरा मामला
रक्षा संपदा कार्यालय से चंद कदम की दूरी पर छावनी के हिल स्ट्रीट एरिया में स्थित बंगला नंबर-64 में ओल्ड ग्रांट के बंगले में तमाम कायदे कानून ताक पर रखकर बार व रेस्टोरेंट बनाने की तैयारी चल रही थी। ये सारा काम कैंट बोर्ड के बडेÞ भाजपाई सदस्यों की मदद से किया जा रहा था। खुद को नामी मानने वाले शहर के एक बिल्डर यह अवैध निर्माण करा रहे थे, लेकिन जनवाणी में खबर प्रकाशित होने के बाद उनके मनसूबों पर पानी फिर गया। कैंट बोर्ड ने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
कार्रवाई को रुकवाने को घनघनाते रहे मोबाइल
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानकारी मिलते ही भूमाफियाओं और उनके पैरोकारों के मोबाइल फोन घनघनाने शुरू हो गए। बंगला-64 के चौकीदार ने ही सबसे पहले ध्वस्तीकरण की सूचना दी। सूचना के बाद तो ऐसा हुआ मानो पहाड़ टूट पड़ा हो। इस कार्रवाई को रुकवाने के लिए तमाम जगह फोन घनघनाने शुरू कर दिए गए, लेकिन जब तक कुछ होता उससे पहले ही अवैध निर्माण को मिट्टी में मिलाया जा चुका था।