Sunday, May 11, 2025
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समरसता के परिसर में बाबा को कल से चढ़ेगी खिचड़ी

  • लोक आस्था का महापर्व मकरसंक्रांति 15 को, देखते बन रही गोरक्षपीठ की सतरंगी छटा
  • माहभर तक चलने वाला खिचड़ी मेला बिना भेदभाव बनता है हजारों की आजीविका का माध्यम

जनवाणी ब्यूरो |

लखनऊ/गोरखपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिक्र आते ही गोरखपुर के गुरु गोरखनाथ मंदिर और यहां मकर संक्रांति के दिन धूमधाम से मनाए जाने वाले खिचड़ी पर्व का आप ही स्मरण लोगों को हो जाता है। लाखों श्रद्धालुओं को इस दिन की प्रतीक्षा रहती है।कुछ बाबा से जो मन्नत मांगी थी उसके लिए खिचड़ी के रूप में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं तो कुछ बाबा के दरबार में आकर मन्नत मांगते हैं। साथ ही यह वादा भी कि आप जरूर फिर से आने का अवसर देंगे। यह परंपरा वर्षों से जारी है।

गोरखनाथ मंदिर और वहां का खिचड़ी पर्व, दोनों ही पूरी दुनिया में मशहूर हैं। त्रेतायुग से जारी बाबा गोरखनाथ को मकर संक्रांति की तिथि पर खिचड़ी चढ़ाने की परंपरा की सूत्रधार गोरक्षपीठ ही है। बाबा का परिसर सामाजिक समरसता का ऐसा केंद्र है जहां सभी भेद समाप्त नजर आते हैं।

इस परिसर में कारोबारी गतिविधियों से अनेक लोगों का परिवार पलता है, जितने सनातनी तकरीबन उतने ही परिवार मुस्लिम समाज के। मंदिर परिसर में करीब माह भर तक लगने वाला खिचड़ी मेला भी जाति-धर्म के बंटवारे से इतर हजारों लोगों की आजीविका का माध्यम बनता है। खास बात यह भी कि मंदिर प्रबंधन सभी के लिए समान भाव से सुविधाओं का इंतजाम करता है।

हर साल की भांति मकर संक्रांति को लेकर गोरखनाथ मंदिर में शिववतारी बाबा को खिचड़ी चढ़ाने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंदिर की सतरंगी छटा देखते ही बन रही है तो समूचा मेला परिसर सजी धजी दुकानों से उल्लसित है। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ के मुताबिक इस साल बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी शनिवार को चढ़ाई जाएगी।

इस वर्ष शुक्रवार रात 8 बजकर 49 मिनट पर सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इसलिए इस वर्ष मकर संक्रान्ति का महापर्व निर्विवाद रूप से 15 जनवरी, शनिवार को मनाया जायेगा। इस दिन उत्तर प्रदेश, बिहार तथा देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिवावतारी बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ाएंगे। सबसे पहले गोरक्षपीठकी तरफ से पीठाधीश्वर खिचड़ी चढ़ाएंगे। ततपश्चात नेपाल नरेश के परिवार की ओर से आई खिचड़ी बाबा को चढ़ेगी। इसके बाद जनसामान्य की आस्था खिचड़ी के रूप में निवेदित होगी।

कोविड प्रोटोकॉल, पर्यावरण का भी ख्याल

गोरखनाथ मंदिर में मकर संक्रांति (खिचड़ी) के सभी अनुष्ठान कोविड प्रोटोकॉल वे तहत होंगे। कोरोना महामारी को देखते हुए यहां में मास्क एवं सैनेटाईजर की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। मंदिर प्रबंधन एवं प्रशासन की तरफ से लगातार यह अपील भी की जा रही है कि श्रद्धालु मास्क पहनकर आएं और साथ ही शासन द्वारा तय कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करें। मंदिर एवं मेला परिसर को पॉलीथिन मुक्त क्षेत्र घोषित कर पर्यावरण संरक्षण का भी ख्याल रखा गया है।

लोगों से अपील की गई है कि वे बाबा को चढ़ाने के लिए खिचड़ी (चावल, उड़द दाल आदि) व अन्य कोई भी प्रसाद पॉलिथीन में रखकर न लाएं। इसके अलावा शीतलहर को देखते हुए दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के रूकने की व्यवस्था मंदिर परिसर स्थित धर्मशाला और अन्य स्थलों पर की गई है।परिसर में श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की आवश्यक सुविधाओं के साथ सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

उधर, मकर संक्रांति पर्व पर गोरखपुर आवागमन करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर से बढ़नी और नौतनवा के बीच दो जोड़ी खिचड़ी मेला स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की है। यह ट्रेनें 13 से 17 जनवरी के बीच चलाई जाएंगी। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही खिचड़ी पर्व पर नेपाल के श्रद्धालुओं को भी गोरखपुर आने-जाने में सहूलियत होगी।

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