Saturday, May 11, 2024
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ग्रह नक्षत्र के आधार पर कुम्भ का आरम्भ और समापन होता है: अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज 

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किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के कहने से कुम्भ समापन नही होता

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भी निरंजनी और आनंद अखाड़े के प्रति नाराजगी जताई  

जनवाणी ब्यूरो |

हरिद्वार: निरंजनी और आनंद अखाड़े द्वारा कुम्भ समाप्ति की घोषणा का हर तरफ लगातार विरोध हो रहा है। जहाँ एक तरफ बैरागी संतो ने इसे बैरागी संतो के कुम्भ को खराब करने की साजिश के साथ साथ दोनों अखाड़ो से संबंध विच्छेद की बात कही है तो वही जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा भी निरंजनी और आनंद अखाड़े के इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि कुम्भ किसी व्यक्ति विशेष का नही है। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भी निरंजनी और आनंद अखाड़े के प्रति नाराजगी जताई।

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने चंडी टापू पर शंकराचार्य नगर बने शिविर में प्रेस वार्ता कर कहा किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के कहने से कुम्भ समापन नही होता है। ग्रह नक्षत्र के आधार पर कुम्भ मेले का आरम्भ और समापन होता है। उन्होंने बताया कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज कुम्भ मेले के समापन तक हरिद्वार में ही रहेंगे।

कोरोना के बढ़ते मामले देखते हुए उन्होंने केवल अपने बड़े कार्यक्रम रद्द किये है बाकी उनके यज्ञ अनुष्ठान शिविर में ही चलते रहेंगे। वही निरंजनी और आनंद अखाड़े पर कताक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश मे कोरोना है, यदि उनके साधु संत हरिद्वार छोड़कर चले जायेंगे तो क्या वहां उन्हें कोरोना नही होगा। बेहतर है कि कोरोना से बचने के लिए एक जगह पड़े रहकर सरकार द्वारा गाइडलाइंस का पालन किया जाए।

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