जनवाणी संवाददाता |
अंबेहटा: कस्बे के नजदीकी गाँव दरियापुर के विनोद चौधरी ने दहेज जैसी कुप्रथा पर चोट करते हुए अपने बेटे की शादी में शगुन के तौर पर केवल एक रुपया लेकर समाज के अन्य लोगों को भी इस राह पर चलने के लिए प्रेरित किया है।ऐसा नही है की विनोद चौधरी के पास किसी चीज की कमी है।दरियापुर जैसे गांव में संभ्रांत व्यक्तियों में उनकी गिनती होती है।प्राप्त जानकारी के अनुसार विनोद चौधरी के ताऊ के बेटे चौधरी सेवाराम प्रधान ने भी शगुन के तौर पर हर शादी में केवल 1 रुपया लिया है।
जहां आज समाज में शादियों में फिजूलखर्ची को और आने वाले दहेज को स्टेटस सिंबल समझा जाता है ऐसे समय में यह परिवार इन सब दिखावटी चीजों से दूर रहकर समाज के लिए एक बड़ी प्रेरणा का काम कर रहा है।दहेज एक अभिशाप है।समाज को विनोद चौधरी और चौधरी सेवाराम प्रधान जैसे लोगों से सीख लेकर दहेज रूपी दानव का अंत हर हाल में करना ही चाहिए।
बेटा कृषि विभाग में कार्यरत..
दरियापुर निवासी विनोद चौधरी का बेटा दीपक चौधरी कृषि विभाग में कार्यरत है। 7 फरवरी को विनोद चौधरी के बेटे दीपक चौधरी की शादी रामपुर मनिहारान थाना क्षेत्र अंतर्गत पडने वाले गांव भांकला निवासी चौधरी शेर सिंह की बेटी रिद्धि चौधरी के साथ हुई है।विनोद चौधरी ने बताया की लड़की पक्ष ने पहले सगाई के समय और इसके बाद शादी में दहेज के रूप में उन्हें लाखों रुपए देने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया और शगुन के रूप में केवल 1 रुपया लिया।विनोद चौधरी का कहना है कि दहेज प्रथा आज के समय में तेजी से फैल रही है।ऐसे में इस पर चोट कर इसे जड़ से खत्म करना बेहद अनिवार्य है।समाज के लोगों को पहल करनी ही होगी।विनोद चौधरी ने यह भी बताया कि उनकी पुत्रवधु रिद्धि चौधरी खूब पढ़ी-लिखी हैं अपने पैरों पर खडी है।वह शिक्षा विभाग में कार्यरत है।
बदल रहा है समय…
समाज के जिम्मेदार लोगों के द्वारा दहेज न लेने के फैसलों से एक नए युग की शुरुआत होने की संभावना प्रबल हो गई है।अब समय बदल रहा है।जहां पहले महंगी शादियों के चर्चे गली मोहल्लों और चौपालों में होते थे तो वहीं आज बिना दहेज वाली शादियों के चर्चे उनसे ज्यादा हैं।दहेज ना लेने वाले लोगों को समाज आज एक बड़े ही सम्मान की दृष्टि से देख रहा है। कई जगहों पर तो दहेज ने लेने वाले लोगों को सम्मानित मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है।