जनवाणी संवाददाता |
फलावदा: थाना क्षेत्र के एक गांव में पिछले सप्ताह दो पक्षों में हुई फायरिंग के मामले में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से आला अफसर नाराज हो रहे हैं। ताबड़तोड़ दबिशों के बावजूद नतीजा सिफर रहने के चलते एक आरोपी को अस्पताल से उठाकर जेल भेज दिया गया। करीब दर्जनभर आरोपी फरार चल रहे हैं।
गौरतलब है कि महलका में गत 17 मई को हुई दो पक्षों के बीच वर्चस्व की जंग में लगभग दर्जनभर लोग घायल हो गए थे। इस दौरान हुई फायरिंग में तमाशबीन सहित अन्य लोग गोली के छर्रे लगने से घायल होने की बात सामने आई थी। केस की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने क्रॉस केस के साथ अपनी ओर से भी 17 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। घटना वाले दिन पुलिस ने दोनों पक्षों के चार लोगों को गिरफ़्तार दिखाकर उन्हें जेल भेज दिया था, लेकिन घटना में शामिल बताए जा रहे प्रधान असलम, पूर्व प्रधान आरिफ तथा आशु की गिरफ्तारी पर अभी तक पुलिस अफसरों की नजरे टिकी हुई हैं। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपी पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बने हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश दे रही है, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहा है। नतीजतन अफसरो में नाराजगी बढ़ने लगी हैं। गिरफ्तारी को लेकर अपराध निरीक्षक भी फेल साबित हो रहे हैं।
फरार चल रहे सभी आरोपियों के घरों पर ताले लटके हुए हैं। पुलिस उन पर इनाम घोषित कराने की जद्दोजहद में लग गई है। वहीं, दूसरी ओर दोनों पक्ष द्वारा एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने तथा पुलिस की भूमिका पर सवालिया निशान लगाए जाने के चलते कप्तान डॉ. विपिन ताड़ा के निर्देश पर गत दिवस पूरे प्रकरण की एलआईयू की डिप्टी एसपी ने मौके पर जांच पड़ताल की। रविवार को पुलिस ने उपचाराधीन सलमान पुत्र भूरा उर्फ कय्यूम को मेडिकल अस्पताल से उठाकर जेल भेज दिया। यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है।
खंगाला जा रहा आपराधिक इतिहास
महलका गांव के गोलीकांड में शामिल आरोपियों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस एक्शन मोड पर है। सूत्र बताते हैं कि आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। आरोपियों को गैंगस्टर में निरुद्ध करने के लिए पुलिस सबका अपराधिक इतिहास खंगाल रही है। जानकारी ये भी मिल रही है कि जल्द ही अज्ञात आरोपियों को पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में प्रकाश में लाया जाएगा।