जनवाणी संवाददाता |
बड़गांव: भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर पूरणसिंह ने सोमवार को यहां आयोजित महापंचायत में कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों पर तीन कानून बगैर मांग के थोप दिये हैं। अब सरकार एमएसपी पर कानून पास करके किसान की जिंस को घोषित मूल्य से कम खरीदने को अपराध की श्रेणी में लाये। इस पर आश्वासन देने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया तो वे स्वयं धरना स्थल पर ही भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय किसान संगठन के लोग सुबह 11 बजे महाराणा प्रताप चौक के सामने पैंठ स्थल पर एकत्र हो गये। इसके बाद आयोजित महापंचायत में उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने ये कानून पास किये हैं, वे पहले कांग्रेसी या फिर सपा में रह चुके हैं। कहा कि हम कानून को सहन कर लेंगे। सरकार हर किसान के बच्चों को सरकारी नौकरी दे दे।
किसान ने अपनी फसलों को खून पसीने से सींचा है। इसे सरकार लुटने से बचाये नहीं तो किसान संगठन के लोग जान की परवाह किए बगैर आंदोलन चलाते रहेंगे। प्रशासन का कोई भी बड़ा अधिकारी यदि महापंचायत में ठोस आश्वासन देने नहीं आया तो वे स्वयं अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक सोम ने कहा कि जब किसान अपनी फसल को बेचने के लिए आजाद कर दिया गया तो कोरोना काल में पिछले दरवाजे से कानून पास क्यों? बड़े खेतिहर किसान व आप नेता योगेश दहिया ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के बाद किसान अपनी फसल बेचने के बाद रोजमर्रा की वस्तुएं आलू, प्याज, तेल तक नहीं खरीद सकेगा। थानाभवन ब्लाक प्रमुख शेरसिंह राणा ने कहा कि मंडियों को समाप्त ना करके सरकार न्याय पंचायत स्तर पर मंडियों का निर्माण कराये।
किसान के पास भंडारण क्षमता नहीं है। ललित राणा धौलाना ने कहा कि किसान धान, गन्ना जैसी फसलों का भंडारण नहीं कर सकता। इस कानून से पूंजीपतियों को लाभ मिलेगा। आज धान किसानों के घरों में पड़ा है पर खरीदने वाला कोई नहीं। जिलाध्यक्ष अजबसिंह, हेमंत प्रधान, पप्पू प्रधान, श्यामवीर, अन्नू मलिक, अहमद मियां, सुशील राणा जिलाध्यक्ष हापुड मोहन सिंह सहित हजारों किसान मौजूद रहे।
महापंचात में नहीं पहुंचे बड़े अफसर
किसान संगठन की महापंचायत के दौरान थाना पर कैंप कर रहे एसडीएम देवेंद्र कुमार पांडेय व सी ओ देवबंद रजनीश उपाध्याय ने किसानं के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को थाना बुलाकर वार्ता की । लेकिन प्रतिनिधि मंडल ने उच्चाधिकारियों के आश्वासन देने से पहले कोई बात करने से मना कर दिया । देर शाम तक भी कोई बड़ा अधिकारी महापंचायत में आश्वासन देने नहीं पंहुचा था।