जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव 2022 में महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी सरकार को झटका लगा है। वह छह में से चार सीटों पर जीत की उम्मीदें संजोए बैठी थी, लेकिन उसे भाजपा के बराबर ही यानी 3-3 सीटों पर ही जीत हासिल हुई। इससे शिवसेना नेता संजय राउत भड़क गए। उन्होंने चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
महाराष्ट्र में शुक्रवार को राज्यसभा की छह सीटों के लिए गहमागहमी के बीच मतदान हुआ। मतगणना को लेकर देर रात तक ड्रामा चला और शनिवार तड़के घोषित नतीजों में सत्तारूढ़ एमवीए गठबंधन और मुख्य विपक्षी दल भाजपा को बराबर सीटों पर जीत मिली। गठबंधन में शामिल तीनों दल यानी कांग्रेस, शिवसेना व राकांपा को एक-एक सीट पर जीत मिली। चौथी सीट के उसने राकांपा के संजय पवार को मैदान में उतारा था, लेकिन वे हार गए। इससे गठबंधन सरकार को झटका लगा है।
राज्यसभा के लिए महाराष्ट्र से शिवसेना के संजय राउत एक बार फिर उच्च सदन के लिए चुने गए हैं। राकांपा से प्रफुल्ल पटेल व कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी विजयी रहे। वहीं, भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के अलावा अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक चुनाव जीते हैं। पूर्व सीएम व भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने देर रात तक चले ड्रामे के बाद तीन सीटों पर जीत का दावा किया।
महाराष्ट्र में राज्यसभा के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को जीत के लिए 41 मत चाहिए थे, लेकिन भाजपा प्रत्याशियों पीयूष गोयल व अनिल बोंडे को 48—48 वोट मिले, जबकि तीसरे प्रत्याशी धनंजय महाडिक को न्यूनतम 41 वोट मिले। इसी तरह कांग्रेस प्रत्याशी इमरान प्रतापगढ़ी को 44, राकांपा नेता व पूर्व केंद्रीय प्रफुल्ल पटेल को 43 वोट और शिवसेना नेता राउत को न्यूनतम 41 वोट मिले। एक वोट खारिज होने से कुल 284 वोट वैध माने गए।
राज्यसभा के लिए पुन: निर्वाचित शिवसेना सांसद संजय राउत ने चुनाव आयोग पर भाजपा के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने आयोग ने हमारा एक वोट अवैध घोषित किया। हमने इस पर आपत्ति ली, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं
की गई।
महाराष्ट्र विधानसभा की कुल सीटें 288 हैं, लेकिन शिवसेना विधायक रमेश लाटके के निधन व राकांपा के दो विधायकों नवाब मलिक व अनिल देशमुख के जेल में होने के कारण प्रभावी संख्या 285 रह गई थी। गठबंधन दलों को इसका नुकसान उठाना पड़ा, अन्यथा चौथी सीट भी वह जीत सकता था।