Monday, February 17, 2025
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इंजीनियर से करिए सेटिंग, नहीं गिरेगी कॉलोनी

  • 500 से ज्यादा अवैध निर्माण पर मेरठ विकास प्राधिकरण सील की कर चुका कार्रवाई, लेकिन नहीं चला बुलडोजर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इंजीनियरों की जहां सेटिंग हैं, वहां पर खानापूर्ति का बुलडोजर चल रहा हैं। एक नहीं, बल्कि इसके कई उदाहरण हैं। 500 से ज्यादा अवैध निर्माण पर प्राधिकरण सील की कार्रवाई कर चुका हैं, लेकिन बुलडोजर इन पर नहीं चला। क्योंकि इंजीनियरों की सेटिंग हो चुकी हैं।

भ्रष्टाचार पहले से कहीं ज्यादा प्राधिकरण में बढ़ गया हैं। ये भ्रष्टाचार इंजीनियरों के स्तर पर व्यापक स्तर पर चल रहा हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष ईमानदार हैं, लेकिन इंजीनियर स्तर पर प्राधिकरण उपाध्यक्ष को गुमराह कर रहे हैं तथा उनकी सख्ती के चलते भ्रष्टाचार भी बढ़ गया हैं।

घाट रोड पर दर्जन भर कॉलोनी विकसित की जा रही हैं। मोनू घाट की कई कॉलोनी बन रही हैं, लेकिन इसमें एक कॉलोनी में खानापूर्ति का बुलडोजर चला। निर्माण फिर से सड़कों का कर दिया गया, क्योंकि इंजीनियर से सेटिंग जो चल रही हैं। कई और भी घाट रोड पर कॉलोनी हैं, जिसमें तेजी से निर्माण चल रहे हैं, लेकिन कोई इंजीनियर इन पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।

सिर्फ कागजों में ध्वस्तीकरण के आदेश है, मौके पर एक भी कॉलोनी को नहीं तोड़ा गया। परतापुर रोड पर दो कॉलोनियों को विकसित किया जा रहा हैं, लेकिन इनमें इंजीनियर और बिल्डर के बीच सेटिंग का खेल हो चुका है, इसलिए इनमें कोई बुलडोजर नहीं चलेगा। बुलडोजर दबाव बनने के बाद चला भी तो खानापूर्ति वाला बुलडोजर चला दिया जाएगा, ये सब उपाध्यक्ष को दिखाने के लिए। जिन कॉलोनियों से पैसा नहीं मिला, उनमें तीन-तीन बार बुलडोजर चला दिया गया।

ये हाल है भ्रष्टाचार का। रोहटा रोड पर कई ऐसे निर्माण हैं, जिन पर सील लगी थी। ध्वस्तीकरण क्यों नहीं हुआ? ये बड़ा सवाल हैं। राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर भी प्राधिकरण अफसरों की मीटिंग लेकर दो टूक कह चुके हैं कि अवैध कॉलोनियों पर बड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन इसके बाद भी कैसे कॉलोनी विकसित हो रही हैं, ये भी बड़ा सवाल हैं। काशी में कई फैक्ट्रियों पर सील लगाई गयी, लेकिन कृषि भूमि में फैक्ट्री का निर्माण कर दिया गया।

जेई राकेश राणा का कहना है कि मानचित्र जमा किये हैं, जिनकी एनओसी मांगी गई हैं। जब भू-उपयोग कृषि हैं तो इसमें फैक्ट्री का निर्माण कैसे हो सकता हैं? जेई ने फैक्ट्री मालिक से सेटिंग कर मानचित्र प्राधिकरण में डलवा दिया। उसके आधार पर तीन माह से अवैध फैक्ट्री को नहीं गिराया जा रहा हैं। इस तरह से सेटिंग का खेल इंजीनियरों के स्तर पर चल रहा हैं, जिसको प्राधिकरण उपाध्यक्ष भी नहीं समझ पा रहे हैं।

यहां चला बुलडोजर

लोहियानगर थाना क्षेत्र में शाहिद पुत्र जलालुद्दीन द्वारा खसरा संख्या 141ए घोसीपुर में प्राधिकरण से बिना ले-आउट स्वीकृत कराये लगभग चार हजार वर्ग गज जमीन में कॉलोनी विकसित की जा रही थी, जिसे प्राधिकरण इंजीनियरों ने गिरा दिया। दो सड़कों का निर्माण इसमें किया गया था तथा मिट्टी का भराव चल रहा था।

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