- कबाड़ियों ने पुलिस सख्ती से छुटकारा पाने को गोदामों पर लगा दिए थे होर्डिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चोरी के वाहन काटने में मशहुर सोतीगंज में डेढ़ माह बाद भी नया बाजार पटरी पर नहीं आ सका है। पुलिस की सख्ती के चलते कबाड़ियों ने पुलिस प्रशासन को गलत काम छोड़कर अपना नया कारोबार करने का आश्वासन दिया था। जिसके चलते कबाड़ियों ने अपने गोदामों को खाली कर नये कारोबार के होर्डिंग्स तक लगा दिए थे।
पुलिस प्रशासन ने भी कबाड़ियों को सहयोग करने के लिए थाने में ऋण मेला लगवाया था। डेढ़ माह बीतने के बाद भी सोतीगंज का बाजार जस का तस है। जिसे देखकर संभावना जताई जा रही है कि कबाड़ी पुलिस की नजरों से बचकर अपने पुराने कारोबार को ही चला रहे है। जिसके लिए थाना पुलिस समेत एलआईयू की टीम छानबीन करने में जुटी है।
सोतीगंज वेस्ट यूपी में चोरी के वाहन काटने की सबसे बड़ी मंडी बन चुकी थी। सोतीगंज के कबाड़ियों के तार आसपास के कई राज्यों के वाहन चोरों से जुड़े हुए थे। जिसके चलते सोतीगंज में आए दिन दूसरे राज्यों और जनपदों की पुलिस छापेमारी करने आती रहती थी। कबाड़ियों के हौसले इतने बुलंद हो चुके थे कि बाहरी पुलिस के साथ हाथापाई करने से भी पीछे नहीं हटते थे।
शहर में लगातार वाहन चोरी की वारदात बढ़ रही थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी के आने के बाद सदर बाजार थाना पुलिस ने सोतीगंज के कबाड़ियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। जिसके चलते पुलिस ने बड़े कबाड़ियों को चिन्ह्ति कर उनकी संपत्ति को जब्त करना शुरू कर दिया था। इसके साथ गत डेढ़ माह पहले एसएसपी ने सोतीगंज बाजार को बंद करने का फरमान जारी कर दिया था और वाहनों का कबाड़ बेचने पर कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दे डाली थी।
एसएसपी की सख्ती के चलते कबाड़ियों ने अपने गोदाम खाली करने शुरू कर दिया था और पुलिस को आश्वासन दिया था कि वह अपना पुराना कारोबार छोड़कर नया कारोबार शुरू करेंगे। कुछ कबाड़ियों ने दुकाने खाली करने के बाद उन पर नये कारोबार के होर्डिंग तक लगा दिए थे। इसके बावजूद अभी तक भी सोतीगंज में एक भी नया कारोबार शुरू नहीं हो सका है।
कबाड़ियों की इस सुस्ती से पुलिस अधिकारी भी संशय में है। आशंका जताई जा रही है कि कहीं कबाड़ियों ने दूसरी जगहों पर तो कारोबार शुरू नहीं कर दिया है। इस आशंका के चलते पुलिस अधिकारियों ने सोतीगंज के कबाड़ियों की छानबीन के लिए थाना पुलिस और एलआईयू की टीम को लगा दिया है।