जनवाणी संवाददाता |
सरसावा: वायु सेना स्टेशन सरसावा में कारगिल शहीद दिवस मनाते माइटी आर्मर के चार बहादुर वायुयोद्धाओं को नमन कर श्रद्धांजलि दी गई। भारतीय वायु सेना के पास उनके वीर वायु योद्धाओं के शौर्य एवं बलिदान की गौरवशाली विरासत है। 28 मई 1999 को कारगिल युद्ध के समय माइटी आर्मर यूनिट के चार बहादुर वायु योद्धाओं ने कारगिल द्रास क्षेत्र के तोलोलिंग की ऊंची बफीर्ली चोटियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों के विरुद्ध हवाई कार्रवाई के दौरान वीरगति को प्राप्त किया था।
उस निर्णायक दिन वायु सेना के आपरेशन सफेद सागर के तहत एक आॅपरेशन को अंजाम देते हुए इस वेस के एक एमआई -17 हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी जिसमें स्क्वॉड्रन लीडर राजीव पुंडीर, फ़्लाइट लैफ्टिनेंट एस मुहीलन, फ़्लाइट गनर सार्जेंट पीवीएनआर प्रसाद तथा फ्लाइट इंजीनियर सार्जेंट आर के साहू थे।
कारगिल क्षेत्र के तोलोलिंग की चोटियों पर उनका हेलीकॉप्टर दुश्मन के दाँत खट्टे करते समय दुश्मन की मिसाइल की चपेट में आ गया तथा वायु सेना की परंपराओं की मयार्दा को अक्षुण्ण रखते हुए ये वायु योद्धा सर्वोच्च बलिदान को प्राप्त हुए।
इस वर्ष 28 मई वायु सेना स्टेशन सरसावा के वायु अफसर कमांडिंग एयर कमोडोर अजय शुक्ला, वायु सेना मेडल तथा वायु योद्धाओं ने पूरे सम्मान के साथ 22 वर्ष पूर्व शहीद हुए रणबांकुरो को स्मरण करते हुए स्टेशन समर स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
स्टेशन समर स्मारक के ऊपर हवा में एमआई- 17 वी5 हेलीकॉप्टर द्वारा मिसिंग मैन फार्मेशन फ्लाई पास्ट भी किया गया। शाम के समय पारंपरिक दीप प्रज्जवल समारोह का भी आयोजन किया गया जिसमे कोविड 19 के कारण केवल सीमित वायु योद्धाओं तथा उनके परिवार के सदस्यों ने ही समर स्मारक पर पहुंच दीप प्रज्जवल किया। शेष वायु योद्धाओं ने अपने आवास के सामने दीप जलाकर इन रणबांकुरो को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।