- मेडिकल में हड़ताल से हालात विकट, मरीज बेहाल, इमरजेंसी से सभी मरीजों को भगाया
- आरोपियों की गिरफ्तारी और पुख्ता सुरक्षा की मांग कर रहे डाक्टर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बीती सोमवार रात को मेडिकल इमरजेंसी में एक महिला मरीज की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने दो डाक्टरों के साथ मारपीट कर दी। इसमें एक डाक्टर को काफी चोटें आयीं। इस घटना के बाद सभी डाक्टर हड़ताल पर चले गए। मरीजों को इमरजेंसी से बाहर कर दिया गया। डाक्टरों ने सुबह धरना शुरू कर दिया। साथ ही 275 जूनियर डाक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। डाक्टरों का कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाएगी और मारपीट के आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जायेगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
दरअसल, जिला अस्पताल से कविता नाम की मरीज रेफर होकर आईं थी। जिसके बाद इमरजेंसी में डा. मनीष और डा. अर्चित नारायण ने महिला को देखा और उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद महिला के स्वजनों ने दोनों डाक्टर के साथ मारपीट कर दी। इसकी जानकारी जब हॉस्टल तक पहुंची तो तमाम जूनियर डाक्टर जिस भी हाल में थे, इमरजेंसी पहुंच गए। उन्होंने जमकर बवाल काटा। इमरजेंसी वार्ड में जो मरीज भर्ती थी, उन्हें वहां भगा दिया। मंगलवार को जूनियर और रेजिडेंस एसोसिएशन की अध्यक्ष डा. साक्षी के नेतृत्व में डॉक्टर इमरजेंसी के सामने हड़ताल करके धरने पर बैठ गए।
डॉक्टर अब यह मांग कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा में 24 घंटे पुलिस लगाई जाए। मारपीट करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। हालांकि मुकदमा रात ही दर्ज कर लिया गया। इसकी पुष्टि एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने की है। जूनियर और सीनियर डाक्टर तो हड़ताल पर हैं, लेकिन सीनियर डाक्टर भी इमरजेंसी से गायब हैं। डाक्टरों का कहना हैं कि जिस समय उनके साथ मारपीट की गई तो कॉलेज के कैमरे बंद थे। डाक्टरों का कहना हैं कि कैमरे बंद थे। पुलिस सूचना देने के बाद भी लेट पहुंची। जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं मिलेगी तब तक काम पर नहीं लौटेंगे। वहीं, दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि अच्छा था कि सीसीटीवी बंद थे, वर्ना बहुत कुछ सामने आ जाता।
मेडिकल में जूनियर डाक्टरों ने मरीजों और तीमारदारों को पीटा
एलएलआरएम मेडिकल के हड़ताली जूनियर डाक्टरों ने दवा लेने व इलाज को पहुंचे मरीजों व तीमारदारों की जमकर पिटाई की। बवाली जूनियर डाक्टरों के हमलों से मरीजों व उनके तीमारदारों की को बचाने की कोशिश में पुलिस वाले अपनी जान जोखिम में डाले रहे। लोगों के हमलों से बचाने के लिए उपद्रवी जूनियर डाक्टरों के सामने ये मुट्ठी भर पुलिस वाले दीवार बनकर खडेÞ हो गए। मेडिकल में यदि उस वक्त पुलिस वाले ना होते तो मरीजों व तीमारदारों के साथ अनहोनी होनी तय थी।
मारपीट पर उतारू जूनियर डाक्टरों को देखकर लगता था उनके सिर पर खून सवार हो गया था। झूंड में नजर आ रहे इनके सामने जा भी आ रहा था ये उसकी को बुरी तरह पीट रहे थे। रहम नाम की कोई चीज उनके दिलों दिमाग में नजर नहीं आ रही थी। पुलिस वाले अपनी जान पर खेलकर हमलवार जूनियर डाक्टरों से लोगों को बचाने में जुटे थे। मारपीट के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि यह स्पष्ट नहीं कि पुलिस इनका संज्ञान भी लेगी या नहीं।
सीनियर रेजीडेंट संभाल रहे हालात
मेडिकल प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता का कहना है कि जूनियर डाक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता की गई है। पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। सीनियर रेजीडेंट हालात संभाल रहे हैं।
कार्रवाई में एक गिरफ्तार
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह का कहना है कि मारपीट की घटना को लेकर बीती सोमवार की रात को ही मेडिकल थाने में एफआईआर दर्ज हो गई है। पुलिस अपनी ओर से कार्रवाई कर रही है। एक को गिरफ्तार किया गया है।