- करीबी अमरजीत को भी भेजा पूछताछ के लिए समन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: काली कमाई को लेकर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ आईएएस मोहिंदर सिंह पर ईडी का शिकंजा कसता नजर आ रहा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में पूर्व आइएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह को एक और नोटिस जारी कर पांच अक्टूबर को पूछताछ के लिए फिर बुलाया है। इससे पहले ईडी ने उन्हें 25 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वह नहीं आए थे।
अब उन्हें पांच अक्तूबर को हाजिर होने के लिए समन भेजा गया है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं कि वो पहुंचेंगे या नहीं। हैसिंडा प्रोजेक्ट भूमि घोटाले में नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ रह चुके पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह को ईडी ने फिर से नोटिस भेजा है। एजेंसी ने पांच अक्टूबर को लखनऊ स्थित जोनल आॅफिस में उन्हें तलब किया है। इससे पहले भी उन्हें नोटिस देकर 23 सितंबर को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, हालांकि वे नहीं पहुंचे थे।
दरअसल, हैसिंडा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (एचपीपीएल), इसके प्रमोटरों और निदेशकों और संबंधित संस्थाओं द्वारा 426 करोड़ की धोखाधड़ी की गई थी। इसे लेकर ईडी ने बीते दिनों यूपी के नोएडा, मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़ और गोवा में स्थित 18 स्थानों पर छापेमारी की थी। ये सभी ठिकाने मोहिंदर सिंह, कंपनी के प्रमोटर सुरप्रीत सिंह, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता के थे। सूत्रों का कहना है कि ईडी पूर्व आइएएस व उनके परिवार की विदेश यात्राओं के बारे में भी जानकारी जुटा रहा है।
पूर्व आइएएस से भी बीते 10 वर्षों में की गई विदेश यात्राओं का ब्योरा मांगा गया है। दूसरी बार भी जांच एजेंसी के सामने न आने पर उनका पासपोर्ट जब्त कराए जाने की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। पूर्व आइएएस की पत्नी व अन्य परिजन अमेरिका में हैं। जल्द कुछ अन्य आरोपियों को भी पूछताछ के लिए तलब किए जाने की तैयारी भी है। ईडी ने हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (एचपीपीएल) के लोटस-300 प्रोजेक्ट के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले की जांच कर रहा है। ईडी ने हाई कोर्ट के आदेश पर जांच शुरू की थी।
जांच एजेंसी ने 17 व 18 सितंबर को एचपीपीएल व क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक रहे सुरप्रीत सिंह सूरी, विदुर भारद्वाज, निर्मल सिंह, आदित्य गुप्ता, आशीष गुप्ता और नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी मोहिंदर सिंह व अन्य के ठिकानों पर छापा भी मारा था। मोहिंदर सिंह के आवास व लाकर से सवा पांच करोड़ का हीरा तथा 35 हीरों के सर्टिफिकेट व संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज मिले थे।
मोदी कॉटिनेंटल फैक्ट्री में राजस्व परिषद की टीम ने की जांच
मोदीपुरम: मंगलवार को आयुक्त अपर भूमि व्यवस्था, एडीएमएफ सूर्यकांत एसडीएम सदर और एसडीएम सरधना व तहसीलदार सरधना के साथ राजस्व परिषद की टीम मोदी कॉटिनेंटल फैक्ट्री में जांच करने के लिए पहुंची। टीम के आने की सूचना से फैक्ट्री में हड़कंप मच गया। टीम के आने की सूचना जब मीडिया कर्मियों को मिली तो वो भी वहां पहुंच गए, लेकिन फैक्ट्री के अंदर जाने नहीं दिया। लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक टीम फैक्ट्री के अंदर रही और विभिन्न बिंदुओं पर जांच की और फैक्ट्री के अधिकारियों से भी वार्ता की, हालांकि जांच करने के बाद टीम यहां से चली गई।
दरअसल, हुआ यूं कि आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना द्वारा दो साल पहले तत्कालीन कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत की थी कि मोदी रबर द्वारा 117 एकड़ जमीन जोकि सरकारी है, उसे मोदी कॉटिनेंटल को बेच दी है। शिकायत के बाद तीन सदस्य टीम को जांच के लिए नियुक्त कर दिया था। आरटीआई एक्टिविस्ट लोकेश खुराना ने बताया कि बीते सोमवार को राजस्व परिषद के चेयरमैन आईएएस अधिकारी अनिल कुमार से उनकी मुलाकात लखनऊ में इस प्रकरण को लेकर हुई थी। जिसके बाद मंगलवार को यह टीम विजिट के लिए फैक्ट्री आई।
टीम से पहले सर्किट हाउस में उनकी बातचीत हुई। इसके बाद टीम जांच करने के लिए फैक्ट्री के अंदर आई। हालांकि उनकी गाड़ी को फैक्ट्री के बाहर ही रोक दिया गया, लेकिन बाद में टीम द्वारा उन्हें बुलाया गया। टीम ने सभी बिंदुओं पर जांच की और विभिन्न जानकारी भी ली। लोकेश खुराना ने बताया कि यह प्रकरण उच्च न्यायालय में भी लंबित है और राजस्व परिषद में भी जांच चल रही है। उनका कहना है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जमीन वापस ली जानी चाहिए। अभी राजस्व परिषद की और भी टीम जांच करने के लिए यहां आएगी।