- एक साल में 1860 नार्मल एवं 627 सिजेरियन डिलीवरी का आंकड़ा पार
- मातृ-शिशु मृत्यु दर पर बनाई बडी एफआरयू
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिये जारी गाइडलाइन के आधार पर मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित मवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात चिकित्सकों ने यूपी में कड़ी मेहनत से मातृ-शिशु मृत्यु दर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार से लेकर स्वास्थ्य विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
इसी क्रम में शासनादेश पर ग्रामीण क्षेत्र की प्रथम रेफरल यूनिट (एफआरयू) को बड़ी एफआरयू बनाया गया है। परिकल्पना के आधार पर एफआरयू को सक्रिय करने के लिए अलग-अलग विशेषज्ञताओं वाले चिकित्सक दंपति को खुद उनके द्वारा चुनी गई ग्रामीण सीएचसी यानि एफआरयू पर तैनाती दी गई है। जिले में चार एफआरयू है। जिसके चलते मवाना, सरधना, दौराला एवं जिला महिला अस्पताल आता है।
मवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर विशेषज्ञ के रूप में गायनोकोलाजिस्ट डा. श्वेता चौहान तैनात है। सीएचसी चिकित्सक अधीक्षक डा. अरुण कुमार एवं प्रसव महिला चिकित्सक डा. श्वेता चौहान के अथक प्रयास से सफलता के साथ एक साल में 1860 नार्मल एवं 627 सिजेरियन डिलीवरी का रिकार्ड बनाकर यूपी में सीएचसी का प्रथम स्थान दिलाकर पहले पायदान पर पहुंचाने में कामयाबी हासिल की।
यूपी में सीएचसी मवाना को प्रथम स्थान मिलने पर सीएमओ अखिलेश मोहन ने सीएचसी चिकित्सक अधीक्षक डा. अरुण कुमार एवं सर्जन गायनोकोलाजिस्ट डा. श्वेता चौहान को इस कामयाबी के लिए बधाई देते हुए बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित किया। यूपी में एक साल के अंदर सर्वाधिक नार्मल एवं सिजेरियन डिलीवरी करने वाली एफआरयू गायनोकोलाजिस्ट डा. श्वेता चौहान द्वारा सफल डिलीवरी का रिकॉर्ड कायम करने पर बधाई दी।
बता दें कि जिला अस्पताल के बाद पहली मवाना सामुदायिक स्वास्थ्य (सीएचसी) पर बड़ी संख्या में नार्मल डिलीवरी का रिकॉर्ड कायम किया है। सीएचसी चिकित्सक अधीक्षक डा. अरुण कुमार ने बताया कि सीएचसी में गायनोकोलाजिस्ट डा. श्वेता चौहान की चार साल पहले तैनाती हुई थी। तभी से उनके आने के बाद उक्त ग्राफ दिन प्रतिदिन आगे बढ़ता जा रहा है।
इस मौके पर बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनिल शर्मा, डा. राजकुमार, डा. विशाल विहान, डा. सुरभी गोयल, डा. प्रवीण गौतम का सहयोग रहा। मवाना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर तैनात चिकित्सा अधीक्षक अरुण कुमार ने संदेश देते हुए ग्रामीणों को प्राईवेट चिकित्सकों द्वारा मोटी रकम की वसूली कर रहे बचने का उदाहरण पेश किया। लोगों में जागरूकता लाने के लिए अपनी धर्मपत्नी को प्रसव पीड़ा के चलते सीएचसी के प्रसव विभाग में भर्ती कराया।