- शास्त्रीनगर में फुंका ट्रांसफार्मर, चार घंटे बाधित रही विद्युत आपूर्ति
- ट्रांसफार्मर फुंकने से एक लाख आबादी पानी को तरसी
- ट्रॉली ट्रांसफार्मर के जरिये की गई वैकल्पिक व्यवस्था
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: राली चौहान के दर्दनाक हादसे से विद्युत विभाग ने कोई सबक नहीं लिया है। शहर में दर्जनों ऐसे स्थान है, जहां बिजली के तार किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं। गगोल रोड और सीडीओ कार्यालय परिसर में हाइटेंशन विद्युत तारों पर लताओं ने डेरा डाल रखा है और किसी भी वक्त कोई भी इसकी चपेट में आया तो हादसा हो सकता है।
गर्मी की वजह से बिजली का लोड बढ़ गया है जिससे ट्रांसफार्मरों के फुंकने का क्रम लगातार जारी है।
शास्त्रीनगर में ओवर लोडिंग की वजह से ट्रांसफर्मर में आग लग गई जिसके बाद चार घंटे आपूर्ति बाधित रही। इस दौरान करीब एक लाख की आबादी पीने के पानी को भी तरस गई। विभाग द्वारा ट्राली ट्रांसफार्मर लगाकर वैकल्पिक व्यवस्था की गई जिसके बाद आपूर्ति शुरू हो सकी। गुरूवार को शास्त्रीनगर में 33केवी का ट्रांसफार्मर ओवर लोडिंग की वजह से फुंक गया। जिसके बाद इससे जुड़ी करीब एक लाख की आबादी भीषण गर्मी की वजह से बिलबिला उठी।
सुबह दस बजे हुए फाल्ट को दोपहर दो बजे ठीक कराया जा सका। इस दौरान चार घंटे तक आपूर्ति बाधित रहने से आम जनता को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं हो सका। वहीं उमस भरी गर्मी से आम जनता हलकान हो गई। घरों में लगे इंर्वटरों की बैट्री दम तोड़ गई और उनमें लगे पंखे आदि भी दिखावा बनकर रह गए। रैफ्रिजिरेटरों में रखा खाने-पीने का सामान भी खराब होने की स्थिति में पहुंच गया।
वहीं छोटे बच्चों को गर्मी से सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ा। दोपहर दो बजे विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए खराब हुए ट्रांसफार्मर की जगह ट्राली ट्रांसफार्मर लगाया गया और बिजली आपूर्ति शुरू कराई गई तब कहीं जाकर जनता ने राहत की सांस ली।
वहीं, इस संबंध में राजेन्द्र बहादुर, अधिक्षण अभियंता, शहर का कहना है कि शास्त्रीनगर में गर्मी व लोड बढ़ने की वजह से ट्रांसफार्मर फुंक गया था। शिकायत मिलते ही विभाग की टीम को मौके पर भेजा गया जिसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था करके आपूर्ति सुचारू कराई गई।