Monday, January 20, 2025
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महापौर एक, पार्षद चार नामांकन पत्र हुए निरस्त

  • नाम वापसी से पहले जिले में 10 पर्चे निरस्त होने के बाद 332 पदों पर 1811 की दावेदारी रही वैध

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मंगलवार को महापौर का एक, पार्षद के चार, नगर पंचायत अध्यक्ष के तीन और सदस्य पद के दो नामांकन निरस्त कर दिए गए। जिसके बाद जिले में निकायों के कुल 332 पदों के लिए 1811 नामांकन सही करार दिए गए हैं। नामांकन पत्रों की जांच के दौरान मेयर पद के लिए दाखिल 16 में से एक पर्चा निरस्त हो गया।

जबकि और 90 पार्षद पदों के लिए दाखिल 566 नामांकन पत्रों में चार निरस्त किए गए। जिसके बाद पार्षद पद की रेस में 562 दावेदार रह गए है। मवाना और सरधना नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए सभी 29 और दोनों नगर पालिका के 50 वार्डों से 250 उम्मीदवारों की दावेदारी सही पाई गई।

हालांकि जनपद की 13 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए दाखिल किए गए 154 पर्चों में से तीन निरस्त कर दिए गए, जबकि 176 वार्डों के लिए दाखिल 806 नामांकन पत्रों में से दो वैध नहीं पाए गए। इस तरह पूरे जनपद के कुल 332 पदों के लिए 1811 नामांकन पत्र सही करार देते हुए सूची जारी कर दी गई है।

महापौर पद पर 15 नामांकन पाए गए वैध

नगर निगम महापौर पद के लिए मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के उपरांत एक पर्चा निरस्त हुआ, जबकि 15 पर्चे वैध पाए गए। जिनका विवरण इस प्रकार है-
हरिकांत अहलूवालिया भारतीय जनता पार्टी
सीमा प्रधान समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोक दल गठबंधन
ऋचा चौधरी आम आदमी पार्टी
हशमत अली बहुजन समाज पार्टी
नसीम कुरैशी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
कैसर अब्बास इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
मो. अनस एआईएमआईएम
अफजाल बहुजन महा पार्टी
सुरेंद्र सिंह निर्दलीय
अमीर अहमद निर्दलीय
मुक्ता सिंह निर्दलीय
अनमोल निर्दलीय
प्रदीप कुमार निर्दलीय
शकील मलिक निर्दलीय
विकास मावी निर्दलीय

महापौर पद के मतदान के लिए काफी होगी एक ईवीएम

नामांकन पत्रों की जांच के दौरान जनवाणी की खबर पर मुहर लगी और खुद के बजाय पुत्र का जाति प्रमाण पत्र लगाने वाले निर्दलीय प्रत्याशी का नामांन पत्र निरस्त हो गया। इसके साथ 15 प्रत्याशियों के नाम-चुनाव चिन्ह और 16वां नोटा बटन एक ही ईवीएम में अंकित होने के चलते अब दूसरी ईवीएम की जरूरत पेश नहीं आने वाली है। जनवाणी ने मंगलवार के अंक में इस संबंध में विस्तृत समाचार प्रकाशित करते हुए अवगत कराया था कि सोमवार को पूर्ण हुई नामांकन प्रक्रिया के दौरान मेरठ नगर निगम महापौर पद के लिए कुल 16 उम्मीदवारों ने अपने पर्चे दाखिल हुए हैं।

जिनमें आठ प्रत्याशी विभिन्न राजनीतिक दलों से और आठ उम्मीदवार निर्दलीय रहे हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी से हरिकांत अहलूवालिया, समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन से सीमा प्रधान, आम आदमी पार्टी से ऋचा चौधरी, बहुजन समाज पार्टी से हशमत अली, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से नसीम कुरैशी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से कैसर अब्बास, एआईएमआईएम से मो. अनस और बहुजन महा पार्टी से अफजाल ने नामांकन किए। इन सभी के नामांकन वैध पाए जाने की घोषणा की गई।

जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों में सुरेंद्र सिंह, अमीर अहमद, मुक्ता सिंह, अनमोल, प्रदीप कुमार, शकील मलिक और विकास मावी के नामांकन भी वैध करार दिए गए। इन निर्दलीयों में शामिल नरेन्द्र कुमार का पर्चा निरस्त कर दिया गया। रिटर्निंग आफिसर के अनुसार नरेन्द्र कुमार ने अपने नामांकन पत्र में जाति प्रमाण पत्र संलग्न नहीं किया है। इसके बजाय उन्होंने अपने पुत्र का जाति प्रमाण पत्र लगाया है, जबकि नियमानुसार नामांकन के दौरान समस्त अभिलेख प्रत्याशी के ही लगाए जाते हैं।

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उन्होंने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया, जिनसे मिलने दिशा-निर्देश के आधार पर नरेन्द्र कुमार का नामांकन पत्र निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि अब महापौर पद के लिए एक ही ईवीएम मशीन की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि एक ईवीएम मशीन में 16 बटन होते हैं, जिनमें 15 प्रत्याशियों के नाम और चुनाव चिन्ह अंकित किए जाते हैं।

जबकि 16वां बटन नोटा के रूप में मतदान करने के लिए आरक्षित होता है। अब नगर निगम के महापौर प्रत्याशी के लिए एक ही ईवीएम काफी होगी, क्योंकि इसमें ही समस्त 15 प्रत्याशियों का विवरण और नोटा बटन का विकल्प मिल सकेगा। बहरहाल मंगलवार को अधिकारियों के स्तर से एक पर्चा निरस्त होने के साथ ही जनवाणी की खबर की पुष्टि भी हो गई है।

एनसीपी और एआईएमआईएम प्रत्याशियों की अटकी रहीं सांसें

नामांकन पत्रों की जांच के दौरान एनसीपी और एआईएमआईएम प्रत्याशियों की सांसें काफी देर तक अटकी रहीं। आखिरकार अंत भला तो सब भला होने के बाद दोनों ने राहत की सांस ली। मंगलवार को हुई नामाकंन पत्रों की जांच के दौरान अधिकारियों ने पाया कि नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रत्याशी शकील अहमद मलिक के अभिलेखों में और नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान एक मिस्टेक हुई है। जिसमें उन्होंने नॉमिनेशन में अपना नाम शकील मलिक लिख दिया है।

जबकि उनके सभी अभिलेखों में उनका नाम शकील अहमद ही दर्ज पाया गया। इसके अलावा आधार कार्ड समेत कई जगह प्रयोग किए गए फोटो में उनका चेहरा क्लीन शेव्ड है, जबकि वर्तमान में उन्होंने दाढ़ी-मूंछ रखी हुई हैं। उन्हें अपना नामांकन रद होता नजर आया, तो उन्होंने अधिकारियों से मनुहार शुरू कर दी। आखिरकार अधिकारियों ने दोनों नाम एक ही व्यक्ति यानि नामांकन कर्ता के होने की बाबत शपथ पत्र लेकर पूरे प्रकरण को रिकार्ड पर लिया, और उनका नामांकन वैध घोषित करते हुए उशकील अहमद मलिक को इस आशय का प्रमाण दिया, तब जाकर उन्होंने राहत महसूस की।

ऐसा ही प्रकरण एआईएमआईएम उम्मीदवार मोहम्मद अनस के नामांकन पत्र की जांच के दौरान सामने आया। जिसमें पाया गया कि उनके सभी अभिलेखों में उम्र 37 वर्ष दर्ज है, जबकि मतदाता सूची के उनकी उम्र महज 29 वर्ष दर्ज है। इस बारे में आईयूएमएल की ओर से लिखित आपत्ति दर्ज कराते हुए मोहम्मद अनस का नामांकन रद करने की मांग की गई। बताते चलें कि महापौर पद का चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होना जरूरी है। उन्होंने भी अपने पासपोर्ट, आधार कार्ड, पेनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस समेत कई सरकारी दस्तावेज प्रस्तुत किए, साथ ही इस संबंध में एक शपथ पत्र भी दिया,

जिसमें कहा गया कि मतदाता सूची में उनकी आयु गलत दर्ज है, उनकी वास्तविक आयु 37 वर्ष है। रिटर्निंग आफिसर पंकज वर्मा ने आपत्ति और मोहम्मद अनस के शपथ पत्र को भी रिकार्ड पर लेते हुए मतदाता सूची के बजाय अन्य सरकारी अभिलेखों में दर्ज आयु के आधार पर उनके नामांकन को सही करार दिया।

बसपा प्रत्याशी पर चल चुके हैं हत्या जैसे संगीन मामलों में मुकदमे

नगर निगम महापौर पद के 15 प्रत्याशियों में पांच ऐसे हैं, जिनके विरुद्ध किसी न किसी मामले में मुकदमे चल रहे या चल चुके हैं। इनमें बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हशमत अली पर हत्या, हत्या के प्रयास समेत विभिन्न गंभीर धाराओं में मामले चल चुके हैं। निर्वाचन आयोग के नियम के तहत नामांकन पत्र में प्रत्याशी को अपने विरुद्ध दर्ज हुए, चल रहे या चल चुके मुकदमों के बारे में विवरण देना होता है। नामांकन पत्रों में दिए गए इस विवरण के अनुसार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी हशमत अली के विरुद्ध बलवा, हत्या का प्रयास, हत्या समेत गंभीर धाराओं में तीन मामले चले हैं।

जिनके बारे में निर्वाचन आयोग में दाखिल किए गए अपने नामांकन पत्र में हशमत अली ने बताया कि उन्हें कोर्ट की ओर से तीनों मामलों में दोषमुक्त करार दिया गया है। यह मामले 2012 और 2014 के बताए गए हैं। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग प्रत्याशी कैसर अब्बास के विरुद्ध थाना मेडिकल लिसाड़ी गेट और थाना कोतवाली में तीन अलग-अलग मामले दर्ज बताए गए हैं। जिसमें न्यायालय में आरोप पत्र तैयार करके भेज दिया गया है। कैसर अब्बास की ओर से अपने नामांकन में तीनों मामलों का उल्लेख किया गया है।

एआईएमआईएम उम्मीदवार मोहम्मद अनस के नामांकन पत्र में दर्शाए गए अपराधिक इतिहास के अनुसार उनके विरुद्ध एक मामला धारा 188 के अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है। बहुजन महा पार्टी के प्रत्याशी अफजाल की ओर से नामांकन पत्र में दो मुकदमों का जिक्र किया गया है जिसमें 332, 353, 504, 420 जैसी धाराओं का उल्लेख किया गया है। यह दोनों मामले न्यायालय में विचाराधीन बताए गए हैं।

निर्दलीय प्रत्याशी मुक्ता चौधरी अपने नामांकन पत्र में अपराधिक इतिहास के बारे में पांच मुकदमे दर्ज होने की बात कही है जिसमें बताया गया है कि इन सभी मामलों में अभी विवेचना लंबित है। 2022 और 2023 के यह मामले सिविल लाइन और सदर बाजार थाना क्षेत्र से संबंधित है जिनमें क्रिमिनल एक्ट सेक्शन-7 समेत लूट, हत्या का प्रयास, बलवा जैसे गंभीर मामले बताए गए हैं।

वार्ड-20 के प्रत्याशी को बाहरी बता प्रदेशाध्यक्ष को भेजा इस्तीफा

नगर निगम में जहां एक तरफ मेयर पद पर भाजपा के घोषित टिकट को लेकर कुछ भाजपाइयों के द्वारा विरोध जताया गया। वहीं दूसरी तरफ अब वार्ड-20 में घोषित पार्षद प्रत्याशी को बाहरी बताया गया है। पार्टी के कुछ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम अपना इस्तीफा तैयार करके मीडिया को भी मामले की जानकारी दी। इस दौरान भाजपा के निर्वमान पार्षद पवन शाक्य समेत पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने लेटर पेड पर इस्तीफा लिखकर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भेज दिया है।

नगर निकाय चुनाव में नगर निगम क्षेत्र में मेयर पद हो या फिर वार्ड पार्षद वहीं नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायत में चेयरमैन एवं सभासद पद पर टिकट वितरण को लेकर तमाम पार्टियों में मचा घमासान नामांकन पर्चा जमा करने की अंतिम तिथि बीतने के बाद भी नहीं थम सका। इसमें महानगर के वार्ड-20 में भी भाजपा के निर्वतमान पार्षद पवन शाक्य ने अपने लेटर पेड पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को पत्र लिखा है। जिसमें पवन शाक्य ने बताया कि भाजपा के द्वारा वर्तमान निकाय चुनाव में शालू यादव पत्नी देवेश यादव को जो वार्ड-20 से पार्षद पद के लिये टिकट दिया है,

वह बाहरी प्रत्याशी है। टिकट वितरण में पार्टी के सक्रिय पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता की मेहनत की अनदेखी की गई है। जिसके चलते करीब बीस पदाधिकारी एवं करीब 250 कार्यकर्ताओं के पार्टी में खुद की अनदेखी बताते हुये द्वारा पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया गया है। भेजे गये इस्तीफा पत्र पर निर्वमान पार्षद पवन शाक्य,अभिनव शाक्य मंडल मंत्री, संजय कुमार पूर्व मंडल अध्यक्ष पिछडा मोर्चा, अजय लोधी उपाध्यक्ष पिछड़ा वर्ग मोर्चा गंगानगर मंडल, ओबीसी कोषाध्यक्ष, ज्ञान प्रकाश पन्ना प्रमुख वार्ड-20 के प्रमुख नाम शामिल हैं।

उधर, शालू यादव के पति देवेश यादव ने खुद को पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता बताया और इसी वार्ड का मूल निवासी बताया और बाहरी प्रत्याशी होने के आरोप को बेबुनियाद बताया। इसी तरह से अन्य वार्डों के साथ विभिन्न पार्टियों में भी इस तरह से बगावत चल रही है, जोकि चुनाव में पार्टी के द्वारा जो प्रत्याशी घोषित किये गये हैं, उन्हे विरोध का सामना करना पड़ेगा।

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