- ग्रीन वर्ज में चल रहा बड़ा निर्माण, अवैध निर्माण पर इंजीनियरों की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हाइवे पर स्थित ग्रैंड-5 का ग्रीन वर्ज में निर्माण होता जा रहा हैं, लेकिन मेडा के इंजीनियरों की आखिर ऐसी क्या मजबूरी हैं कि उस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इतना बड़ा निर्माण ग्रीन वर्ज में चल रहा है, जिसको लेकर मेडा इंजीनियरों ने आंखें बंद कर ली हैं। इससे प्राधिकरण की छवि भी धूमिल हो रही हैं। इसको लेकर मेडा के अधिकारी भी कुछ नहीं बोल रहे हैं।
अवैध निर्माण को लेकर जो पहले सख्ती थी, वो अब नहीं दिख रही हैं। इंजीनियर सेटिंग-गेटिंग कर अवैध निर्माण कराने में पीछे नहीं हट रहे हैं। उधर, प्रवर्तन जोनल अधिकारी अर्पित यादव कार्रवाई की बात तो करते हैं, लेकिन मौके पर कोई कार्रवाई नहीं दिखी। हर रोज निर्माण होते जा रहा हैं। कुछ दिनों के बाद अवैध निर्माण फाइनल हो जाएगा, जिसके बाद ही मेडा इंजीनियरों को ये दिखाई देगा।
दरअसल, मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा था कि हाइवे पर ग्रीन वर्ज में नया निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। पुराने निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन यहां तो नये निर्माण चल रहे हैं। ग्रैंड-5 के अगले हिस्से में निर्माण चल रहा हैं। पूरा निर्माण ग्रीन वर्ज में चल रहा हैं। इसे निर्माण करने की अनुमति किसने दी? ग्रीन वर्ज में कोई निर्माण हो ही नहीं सकता, फिर भी निर्माण चल रहा हैं। जिम्मेदार भी मौन साधे हुए हैं।
तमाम कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने के दावे किये जाते हैं, मगर इस निर्माण पर इंजीनियर मेहरबान की वजह क्या हैं? जब ये निर्माण ग्रीन वर्ज में होने दिया जा रहा है तो फिर हाइवे पर कोई भी निर्माण करेगा तो ग्रैंड-5 का उदाहरण अवश्य ही देगा। इसमें इंजीनियरों की सेटिंग का खेल चल रहा हैं। छोटा निर्माण होते ही इंजीनियर उसे गिराने या फिर सील लगाने पहुंच जाते हैं,
इसमें आंखें मूंदने की कोई तो वजह होगी? ग्रैंड-5 के पास पर्याप्त मात्रा में पार्किंग भी नहीं हैं। इस मंडप में कोई कार्यक्रम होता है तो सड़कों पर वाहनों को पार्किंग कर दिया जाता हैं, ये हाल है हाइवे का, जिसको लेकर प्राधिकरण को गंभीरता दिखानी चाहिए, लेकिन चुप्पी साधे हुए हैं।
महिलाएं भी दे चुकी है धरना
मेरठ: रोहटा बाइपास स्थित शोभापुर पुलिस चौकी के पीछे बने ओयो होटल को लेकर कुछ महिलाएं धरने पर भी बैठ गई थी। यही नहीं, एसएसपी आॅफिस पहुंचकर प्रदर्शन भी किया था, लेकिन इसके बावजूद ओयो होटलों में चल रहे अनैतिक कार्य को बंद नहीं कराया गया। दरअसल, ओयो होटलों का नहीं तो कोई मानचित्र स्वीकृत है, नहीं सरायएक्ट में इनका पंजीकरण हैं।
फिर भी ये ओयो होटल कैसे चल रहे हैं? महिलाएं भी इनके खिलाफ मैदान में उतर गई थी। महिलाओं ने रोहटा बाइपास शोभपुर पुलिस चौकी के पीछे जो ओयो होटल है, उनके खिलाफ वहीं पर धरना भी दिया हैं। धरना चला, तब कुछ सख्ती हुई, लेकिन फिर से ओयो होटल पुराने ढर्रे पर आ गए। एसएसपी ने भी इनकी जांच के आदेश दिये थे। जांच भी ठंडे बस्ते में डाल दी गई।
मेडा ने तो ओयो होटलों का पहले निर्माण करवाना, फिर उद्घाटन करा देने का ठेका ही ले रखा हैं, तभी तो एक के बाद एक अवैध ओयो होटलों की यहां बाढ़ आ गई हैं। एक भी ओयो होटल का मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं, लेकिन फिर भी इनका संचालन हो रहा हैं, जिम्मेदार कुछ नहीं कर रहे हैं।
…लो जी ! अवैध होटल का उद्घाटन भी हो गया
मेरठ: राजमहल होटल का अवैध निर्माण पूरा हो गया हैं। इस होटल का उद्घाटन भी कर दिया गया हैं। ये होटल बना है रोहटा बाइपास पर शोभापुर पुलिस चौकी के ठीक पीछे। मेडा के दस्तावेजों में आज भी इस पर सील लगी हैं। सील खुली भी नहीं। क्योंकि अवैध तरीके से होटल का निर्माण हुआ हैं। फिर कैसे उद्घाटन हो गया? आलीशान होटल बन गया, आखिर इंजीनियरों की सेटिंग से ही ये खेल संभव हो सकता हैं।
एक तरह से भ्रष्टाचार का होटल बनकर तैयार हो गया, लेकिन इंजीनियर जब इसका उद्घाटन हो रहा था तो कहां सो रहे थे? करीम होटल का उद्घाटन होने वाला था, उस पर सील लगा दी। फिर राजमहल होटल पर सील क्यों नहीं लगाई? उसका उद्घाटन होने दिया गया। आखिर ऐसा मेडा में ही संभव हैं। दोनों का अवैध निर्माण हैं, लेकिन एक पर मेहरबानी है, दूसरे पर सील लगी हैं। ये खेल मेडा में ही संभव हो सकता हैं। नियम तो दोनों पर लागू होना चाहिए, लेकिन मेडा का नियम सिर्फ करीम होटल के लिए बना हैं, बाकी के लिए नहीं।
बाकी पर इंजीनियर मेहरबान हैं। एक वर्ष के भीतर रोहटा बाइपास पर राजमहल नामक होटल बनकर तैयार हो गया, लेकिन इसको क्यों नहीं रोका गया? मीडिया में भी इसकी खूब खबरें प्रकाशित हुई, लेकिन सील लगाकर खानापूर्ति कर दी गई। तभी तो इसका काम भी पूरा हो गया और सील भी खुल गई। उद्घाटन भी हो गया। जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई। यही तो शहर भर में चल रहा हैं। दिखावे के लिए अवैध कॉलोनियों में खानापूर्ति का बुलडोजर चला दिया जाता हैं, लेकिन जो सेटिंग का खेल चल रहा हैं, वो नहीं दिखता।